Jharkhand Raj Bhavan: राज्यपाल ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती और शहीद अल्बर्ट एक्का की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राज भवन में डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती और शहीद अल्बर्ट एक्का की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। जानिए इस खास दिन के आयोजन की पूरी जानकारी और इतिहास।
03 दिसम्बर, 2024 : राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार ने आज राज भवन में एक विशेष अवसर पर देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती और परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद लांस नायक अल्बर्ट एक्का की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस आयोजन ने इतिहास के उन महान व्यक्तित्वों को याद करने का अवसर प्रदान किया जिन्होंने अपने योगदान से देश की सेवा की।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद: राष्ट्र के पहले राष्ट्रपति
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। वे न केवल भारत के पहले राष्ट्रपति थे, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान योद्धा भी थे। उनका जीवन देश के प्रति प्रेम, सेवा और संघर्ष का प्रतीक है। वे अपनी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से हर कठिनाई का सामना करते हुए भारत को एक मजबूत लोकतंत्र बनाने में सफल रहे। उनका योगदान आज भी भारतीय समाज को प्रेरित करता है।
शहीद अल्बर्ट एक्का: शौर्य और बलिदान की मिसाल
शहीद लांस नायक अल्बर्ट एक्का का नाम भी भारतीय सेना की शौर्य गाथाओं में शामिल है। उन्हें उनके अदम्य साहस और बलिदान के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। 1971 के भारत-पाक युद्ध में उनकी बहादुरी की मिसाल दी जाती है। जब उनकी इकाई पर हमला हुआ, तब उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना दुश्मनों से मोर्चा लिया और अपनी मातृभूमि की रक्षा की। उनका साहस और बलिदान आज भी हमारे दिलों में जीवित है और नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है।
राज्यपाल की श्रद्धांजलि
राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार ने इस अवसर पर दोनों महान व्यक्तित्वों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके योगदान और बलिदान की सराहना की। उनका कहना था कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद और शहीद अल्बर्ट एक्का जैसे महान व्यक्ति हमें अपनी जिम्मेदारी और देश के प्रति प्रेम को समझने की प्रेरणा देते हैं। उनका जीवन हम सभी के लिए एक आदर्श है।
राज भवन में आयोजित इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम ने यह याद दिलाया कि हमारे इतिहास में ऐसे कई महान लोग हैं जिनके योगदान और बलिदान से हम आज भी गौरवित हैं। डॉ. राजेंद्र प्रसाद और शहीद अल्बर्ट एक्का की यादें हमें उनकी सेवा और शौर्य की ओर प्रेरित करती हैं। यह आयोजन हमें अपने राष्ट्र की गौरवमयी विरासत को याद करने का अवसर प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि उनकी प्रेरणा से आने वाली पीढ़ियां आगे बढ़ती रहें।
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