Kurukshetra Women Conference : स्त्री शक्ति संगठन ने वार्षिक अधिवेशन और सम्मान समारोह से किया समाज को जागरूक

कुरुक्षेत्र में स्त्री शक्ति संगठन न्यास द्वारा आयोजित वार्षिक अधिवेशन और सम्मान समारोह में 130 महिलाओं को उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। जानिए इस खास कार्यक्रम की पूरी जानकारी और प्रतिभागियों के विचार।

Dec 3, 2024 - 17:17
Dec 3, 2024 - 17:20
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Kurukshetra Women Conference : स्त्री शक्ति संगठन ने वार्षिक अधिवेशन और सम्मान समारोह से किया समाज को जागरूक
Kurukshetra Women Conference : स्त्री शक्ति संगठन ने वार्षिक अधिवेशन और सम्मान समारोह से किया समाज को जागरूक

03 दिसम्बर, 2024: कुरुक्षेत्र के प्रेरणा वृद्धाश्रम के रामस्वरूप सभागार में आज स्त्री शक्ति संगठन न्यास द्वारा वार्षिक अधिवेशन और सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। इस समारोह का प्रमुख विषय 'स्त्री विमर्श एवं स्वच्छ हिन्दी वैश्विक हिन्दी अभियान' था, जिसके तहत एक संगोष्ठी भी आयोजित की गई। कार्यक्रम में देश के 24 राज्यों और प्रवासी भारतीय क्षेत्रों से आईं 130 महिलाओं को उनके साहित्य, समाज सेवा, कला और कौशल में विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

महिला सशक्तिकरण का महत्व

स्त्री शक्ति संगठन की स्थापना का उद्देश्य महिलाओं को समाज में समान स्थान और अधिकार दिलाने के लिए काम करना है। संगठन विभिन्न मुद्दों जैसे मानव तस्करी, लव जिहाद, स्त्री स्वास्थ्य, आत्म रक्षा, कौशल विकास, संस्कृति संरक्षण, बाल कल्याण और भारतीय भाषा संरक्षण पर लगातार काम करता रहा है। इस बार के अधिवेशन में इन विषयों पर चर्चा के अलावा, महिलाओं की समस्याओं के समाधान हेतु नए विचार साझा किए गए।

प्रमुख वक्ताओं के विचार

कार्यक्रम में महात्मा बुद्ध की नगरी कुशीनगर से आईं कालिंदी बृजेश त्रिपाठी ने महिलाओं से कहा, “स्त्री विमर्श को समझने के लिए जरूरी है कि स्त्री पहले स्वयं को समझे और उसे सही तरीके से व्यक्त करना सीखे। समाज में समस्याओं का समाधान विशेष ज्ञान और कौशल के साथ ही संभव है।”

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मिंटू शर्मा, जो असम और बिहार का प्रतिनिधित्व करती हैं, ने अपने वक्तव्य में मातृभाषा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव के बावजूद हमें अपनी हिंदी भाषा को सहेजने और बढ़ावा देने की जरूरत है। यह भाषा हमें वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने में मदद कर सकती है।"

साहित्यिक विमोचन और अनोखे प्रस्तुतियाँ

कार्यक्रम के दूसरे चरण में, प्रमुख रूप से 'चिरैया अब किसी से नहीं डरती' पुस्तक के लेखक डॉ. मधुकांत और आशा सिंगला की 'चलो चले प्रकृति के अतिरिक्त' पुस्तक का विमोचन किया गया। 'स्त्री शक्ति' संकलन में देश के 24 राज्यों की लगभग 119 महिलाओं की साहित्यिक रचनाएं शामिल की गई हैं। इसके अलावा, अन्य 11 पुस्तकों का भी विमोचन किया गया, जिसमें कविता, लघुकथा, संस्मरण और पंजाबी-हरियाणवी भाषाओं की रचनाएं शामिल थीं।

समाज सेवा और प्रेरणा का संदेश

प्रेरणा आश्रम के संचालक श्री जय भगवान सिंगला ने कार्यक्रम के अंत में कहा, “ऐसे आयोजनों से महिलाओं को न केवल पहचान मिलती है बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। यह उन्हें नए जोश और उत्साह के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।”

अध्यक्ष ममता शर्मा का संदेश

स्त्री शक्ति संगठन न्यास की अध्यक्ष ममता शर्मा ने अपने भाषण में कहा, “महिलाओं को जब थोड़ा सा सहयोग मिलता है, तो उनकी प्रतिभा उभरकर सामने आती है। हम महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निरंतर काम करते रहेंगे। हमारा उद्देश्य समाज और राष्ट्र को सुदृढ़ बनाना है।"

इस समारोह ने एक बार फिर यह साबित किया कि स्त्री शक्ति संगठन का प्रयास महिलाओं की आवाज को बुलंद करना और उन्हें समाज में एक मजबूत स्थान दिलाना है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।