Phusro CCL Employee Death – CCL कर्मियों की मौत, एक घर में गिरा तो दूसरे की कार्यस्थल पर बिगड़ी तबीयत

फुसरो के ढोरी एरिया में दो CCL कर्मियों की मौत, एक की कार्यस्थल पर तबीयत बिगड़ी तो दूसरे की घर में गिरने से मौत। जानिए क्या है पूरा मामला।

Jan 1, 2025 - 14:01
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Phusro CCL Employee Death – CCL कर्मियों की मौत, एक घर में गिरा तो दूसरे की कार्यस्थल पर बिगड़ी तबीयत
Phusro CCL Employee Death – CCL कर्मियों की मौत, एक घर में गिरा तो दूसरे की कार्यस्थल पर बिगड़ी तबीयत

झारखंड के फुसरो स्थित ढोरी एरिया में मंगलवार को दो CCL कर्मियों की मौत हो गई। एक की मौत कार्यस्थल पर हुई, जबकि दूसरे की घर में गिरने से जान चली गई। यह घटनाएँ न केवल उनके परिवार के लिए शोक का कारण बनीं, बल्कि CCL कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर भी सवाल उठाने वाली साबित हुई हैं।

पहला मामला: कार्यस्थल पर तबीयत बिगड़ी

फुसरो के खास ढोरी परियोजना के 4 और 5 इंकलाइन में मंगलवार को 58 वर्षीय जागेश्वर सिंह की मौत हो गई। वह CCL के कर्मचारी थे और बुटनाडीह के निवासी थे। बताया जाता है कि जब वह काम कर रहे थे, तो उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उनके साथी कामगारों ने उन्हें तुरंत केंद्रीय अस्पताल ढोरी ले जाया, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक के पुत्र गणेश सिंह ने बताया कि उनके पिता पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था।

यूनियन नेताओं ने इस घटना पर दुःख व्यक्त किया और मृतक के परिवार के लिए मांग की कि उसे नियोजन और अन्य सहायता प्रदान की जाए। यह घटना कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। क्या CCL में कर्मचारियों की स्वास्थ्य देखभाल की पर्याप्त व्यवस्था है? क्या कंपनी की ओर से कर्मचारियों की सेहत का सही तरीके से ध्यान रखा जा रहा है?

दूसरा मामला: घर में गिरने से मौत

इसी बीच, करगली बाजार निवासी शैलेंद्र कुमार सिंह (38 वर्ष) की भी मौत हो गई। वह गिरिडीह परियोजना में सिक्यूरिटी गार्ड के पद पर कार्यरत थे। सोमवार की रात शैलेंद्र कुमार सिंह अपनी पत्नी रुखसार फिरदौस के बिना घर लौटे थे, क्योंकि वह मायके गई हुई थीं। पड़ोसियों के मुताबिक, शैलेंद्र शराब के नशे में थे और उनके घर के दरवाजे में पैर फंसने के कारण वह औंधे मुंह गिर गए। सुबह जब पड़ोसी ने देखा, तो उन्होंने शैलेंद्र की पत्नी को फोन करके घटना की जानकारी दी। बाद में, उन्हें सीसीएल के केंद्रीय अस्पताल ढोरी पहुंचाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

परिवार के सदस्य इस घटना से गहरे शोक में हैं, क्योंकि शैलेंद्र कुमार सिंह की पत्नी और मां के अलावा दो छोटे पुत्र भी हैं। यह घटना भी यह सवाल खड़ा करती है कि क्या सीसीएल में कार्यरत कर्मचारियों के लिए घरेलू सुरक्षा और उनके निजी स्वास्थ्य की देखभाल के लिए कोई ठोस व्यवस्था है।

क्या है इन घटनाओं से बड़ा संदेश?

यह घटनाएं यह साबित करती हैं कि कार्यस्थल और घरेलू सुरक्षा दोनों ही एक कर्मचारी की सेहत और जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं। दोनों मामलों में कर्मचारियों की अचानक मौत ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं। क्या CCL के कर्मचारियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं? क्या उनकी सेहत की निगरानी ठीक तरीके से हो रही है?

फुसरो में हुई इन दो दुखद घटनाओं ने यह स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यस्थल पर स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान और घरेलू दुर्घटनाओं से बचने के उपाय हर कंपनी और संस्था के लिए जरूरी हैं।

क्या कदम उठाए जाएंगे?

अब देखना यह है कि CCL प्रशासन इस घटना से किस तरह का सुधार करता है और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या नए कदम उठाए जाते हैं। यूनियन नेताओं ने मृतक कर्मचारियों के आश्रितों के लिए नौकरी देने की मांग की है, जो उनकी नौकरी से संबंधित न्याय की एक महत्वपूर्ण पहल है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।