Bihar Election 2025 : नीतीश कुमार का बड़ा दांव! जेडीयू ने बिहार चुनाव 2025 के लिए 44 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की — बदलेगा सियासत का समीकरण?

बिहार चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू की 44 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। जानिए कौन-कौन हैं शामिल और कैसे यह कदम बदल सकता है बिहार की राजनीति। Bihar Election 2025 latest news

Oct 16, 2025 - 11:55
Oct 16, 2025 - 13:11
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Bihar Election 2025 : नीतीश कुमार का बड़ा दांव! जेडीयू ने बिहार चुनाव 2025 के लिए 44 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की — बदलेगा सियासत का समीकरण?
Bihar Election 2025 : नीतीश कुमार का बड़ा दांव! जेडीयू ने बिहार चुनाव 2025 के लिए 44 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की — बदलेगा सियासत का समीकरण?

पटना, 16 अक्टूबर 2025 — बिहार की राजनीति में आज हलचल मच गई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के लिए अपने 44 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी।
यह सूची पार्टी के प्रदेश महासचिव चंदन कुमार सिंह द्वारा हस्ताक्षरित पत्र संख्या 560/25 के माध्यम से सार्वजनिक की गई।



नीतीश कुमार का मिशन 2025 (Bihar Election 2025 latest news) — विकास और प्रतिनिधित्व का संगम

नीतीश कुमार के लिए यह सिर्फ उम्मीदवारों की घोषणा नहीं, बल्कि एक रणनीतिक राजनीतिक संदेश है।
उन्होंने उम्मीदवार चयन में संतुलन बनाने की कोशिश की है — जहां पुराने और अनुभवी नेताओं को बरकरार रखा गया है, वहीं युवाओं और पिछड़े वर्गों से नए चेहरों को भी मौका दिया गया है।

इस कदम से यह साफ है कि नीतीश कुमार “विकास और सामाजिक न्याय” दोनों को साथ लेकर चलना चाहते हैं।
उनकी पार्टी ने इस बार सामाजिक समीकरण, जातीय संतुलन और स्थानीय लोकप्रियता को प्राथमिकता दी है।


मुख्य उम्मीदवारों पर एक नज़र

घोषित उम्मीदवारों की सूची में कई चर्चित नाम हैं जो आगामी चुनावी जंग में पार्टी के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।
कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं —

  • दूसरे चरण के प्रमुख उम्मीदवार

    1. वाल्मिकीनगर – श्री धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह

    2. सिकटा – श्री समृद्ध वर्मा

    3. नरकटियागंज – श्री विशाल साह

    4. केसरीया – श्रीमती शालिनी मिश्रा

    5. शिवहर – श्रीमती स्वेता गुप्ता

    6. सुरसंड – श्री नागेन्द्र राउत

    7. रून्नीसैदपुर – श्री पंकज मिश्रा

    8. हरलाखी – श्री सुधांशु शेखर

    9. बाबूबरही – श्रीमती मीना कामत

    10. फुलपरास – श्रीमती शीला मंडल

    11. लौकहा – श्री सतीश साह

    12. निम्ही – श्री अरुणेश प्रसाद यादव

    13. पिपरा – श्री राम विलास कामत

    14. सुपौल – श्री विजयेंद्र प्रसाद यादव

    15. त्रिवेणीगंज (अ.जा.) – श्रीमती सोनम रानी सरदार

    16. रानीगंज (अ.जा.) – श्री आनंद ऋषिदेव

    17. अररिया – श्रीमती शगुप्ता अजीम

    18. जोकिहाट – जनाब मंज़र आलम

    19. ठाकुरगंज – श्री गोपाल अग्रवाल

    20. अमौर – श्री सबा जाफर


    1. रुपौली – श्री कलाधर मंडल

    2. धमदाहा – श्रीमती लेशी सिंह

    3. कदवा – श्री दुलालचंद्र घोषwami

    4. मनीहारी (अ.ज.जा.) – श्री शंभु सुमन

    5. बरारी – श्री विजय सिंह निषाद

    6. गोपालपुर – श्री बुला मंडल

    7. सुल्तानगंज – डॉ. ललित नारायण मंडल

    8. कहलगांव – श्री शुमानंद मुखेश

    9. अमरपुर – श्री जयंत राज

    10. धोरैया (अ.जा.) – श्री मनीष कुमार

    11. बेलहर – श्री मनोज यादव

    12. चैनपुर – मो० जामा खान

    13. करगहर – श्री वशिष्ठ सिंह

    14. काराकाट – श्री महाबली सिंह

    15. नोखा – श्री नागेन्द्र चन्द्रवंशी

    16. कुशा – श्री पप्पू कुमार वर्मा

    17. जहानाबाद – श्री चन्द्रशेखर चन्द्रवंशी

    18. घोसि – श्री ऋतुराज कुमार

    19. नबीनगर – श्री चेतन आनंद

    20. रफीगंज – श्री प्रमोद कुमार सिंह

    21. बेलागंज – श्रीमती मनोरेमा देवी

    22. नवादा – श्रीमती विभा देवी

    23. झाझा – श्री दामोदर रावत

    24. चकाई – श्री सुमित कुमार सिं

इन नामों से साफ है कि नीतीश कुमार ने जातीय संतुलन के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण पर भी विशेष ध्यान दिया है।



नीतीश कुमार की रणनीति क्या कहती है?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार इस बार चुनाव को पूरी तरह से विकास बनाम वादों की राजनीति पर केंद्रित रखना चाहते हैं।
उनकी रणनीति है — जेडीयू को एक बार फिर स्थिरता, शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और सुशासन के प्रतीक के रूप में पेश करना।

इस लिस्ट में कई नए चेहरे ऐसे हैं जिनकी स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ है, जिससे जेडीयू को वोटों का सीधा फायदा मिल सकता है।
पार्टी का दावा है कि इन उम्मीदवारों का चयन “जनसंपर्क, स्वच्छ छवि और स्थानीय प्रभाव” को देखते हुए किया गया है।


चुनौती और अवसर दोनों

हालांकि यह कदम पार्टी के लिए जोखिम भरा भी हो सकता है।
कुछ पुराने कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता टिकट न मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं।
वहीं विपक्ष इस सूची को “राजनीतिक प्रयोग” करार दे रहा है।

फिर भी, नीतीश कुमार के पास एक बड़ा फायदा है — उनका विकासवादी चेहरा और गठबंधन राजनीति में अनुभव
अगर यह रणनीति सफल होती है, तो यह जेडीयू के लिए 2025 में गेम-चेंजर साबित हो सकती है।


बिहार चुनाव 2025 (Bihar Election 2025 latest news)  में क्या होगा खास

  • क्या नीतीश कुमार का “विकास मॉडल” फिर से जनता को आकर्षित करेगा?

  • क्या नए उम्मीदवार जनता का भरोसा जीत पाएंगे?

  • क्या विपक्ष इस सूची का तोड़ निकाल पाएगा?

इन सवालों के जवाब आने वाले कुछ महीनों में बिहार की सियासत तय करेंगे।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।