Chakradharpur Train Derailment : चक्रधरपुर रेल मंडल में फिर हादसा, आधी रात को पटरी से उतरा मालगाड़ी का वैगन! 'हूटर' बजा, दौड़ी रिलीफ ट्रेन; सुरक्षा पर गंभीर सवाल!
क्या चक्रधरपुर रेल मंडल में सुरक्षा खतरे में है? गुरुवार देर रात जरुली स्टेशन पर मालगाड़ी का वैगन पटरी से उतरा! क्या यह सिर्फ एक हादसा है या ट्रैक मेंटेनेंस की बड़ी चूक? डांगुवापोशी में हूटर क्यों बजाया गया? जानिए, क्यों इस रेल मंडल में बार-बार हो रहे हैं ऐसे हादसे और रेल यात्रियों के लिए क्या है चिंता की बात।
जमशेदपुर/पश्चिमी सिंहभूम, दक्षिण पूर्व रेलवे (South Eastern Railway) जोन का चक्रधरपुर रेल मंडल एक बार फिर गंभीर रेल हादसे की खबर से सुर्खियों में है। यह मंडल, जो अपनी भारी माल ढुलाई के लिए भारतीय रेल के इतिहास में रिकॉर्ड बना चुका है, पिछले कुछ समय से लगातार हो रही दुर्घटनाओं के कारण सुरक्षा के मोर्चे पर सवालों के घेरे में है। गुरुवार की देर रात हुई ताजा घटना ने एक बार फिर इस मंडल के ट्रैक मेंटेनेंस और परिचालन सुरक्षा पर गहरी चिंता पैदा कर दी है।
जरुली स्टेशन पर आधी रात का हादसा
घटना चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत जरुली रेलवे स्टेशन के समीप हुई। यह हादसा गुरुवार की देर रात हुआ, जब एक इनबॉक्स मालगाड़ी (Goods Train) स्टेशन की लाइन नंबर 6 से गुजर रही थी। अचानक, मालगाड़ी का एक वैगन (डिब्बा) जोरदार आवाज के साथ पटरी से उतर गया।
घटना के कारणों का फिलहाल सटीक पता नहीं चल पाया है, लेकिन जिस तरह से एक वैगन पटरी से उतरा है, वह ट्रैक मेंटेनेंस या वैगन की तकनीकी खराबी की ओर इशारा कर रहा है। गनीमत रही कि यह मालगाड़ी थी, जिससे किसी यात्री के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन यह घटना यात्री सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है।
डांगुवापोशी का 'हूटर' और रिलीफ ट्रेन की दौड़
रेलवे में, जब भी कहीं बड़ा हादसा होता है या होने की आशंका होती है, तो एक विशेष चेतावनी प्रणाली सक्रिय हो जाती है। इस घटना की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुर्घटना की सूचना मिलते ही, चक्रधरपुर रेल मंडल के महत्वपूर्ण स्टेशन डांगुवापोशी में तुरंत रेल हादसे का हूटर बजाया गया।
हूटर बजते ही डांगुवापोशी में मौजूद रेलवे की टीम और रिलीफ ट्रेन (Accident Relief Train) तत्काल एक्शन में आ गई। रिलीफ ट्रेन, जिसमें 140 टन क्रेन सहित दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों को पटरी पर लाने के लिए आवश्यक उपकरण और विशेषज्ञ मौजूद होते हैं, तुरंत घटनास्थल जरुली के लिए रवाना हो गई। मौके पर युद्धस्तर पर दुर्घटनाग्रस्त वैगन को पटरी पर लाने की कवायद शुरू कर दी गई है, ताकि इस महत्वपूर्ण मार्ग पर रेल यातायात जल्द से जल्द सामान्य हो सके।
बार-बार होते हादसे: क्या है चक्रधरपुर रेल मंडल की समस्या?
यह कोई पहली बार नहीं है जब चक्रधरपुर रेल मंडल में इस तरह की घटना हुई हो। दक्षिण पूर्व रेलवे जोन में बार-बार मालगाड़ी के वैगन पटरी से उतरने की घटनाएं हुई हैं, जिसने रेलवे के सुरक्षा रिकॉर्ड पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
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ओवरलोडिंग: कई बार मालगाड़ियों में ओवरलोडिंग को हादसों की वजह माना जाता है।
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पुराने ट्रैक: कई जगहों पर ट्रैक का उचित मेंटेनेंस न होने और पुराने ट्रैक के इस्तेमाल से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।
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तकनीकी खराबी: कई बार वैगन की तकनीकी खराबी या ब्रेक सिस्टम में समस्या भी डिरेलमेंट का कारण बनती है।
पिछले कुछ वर्षों में, इसी मंडल के मुर्गा महादेव स्टेशन और देवझर जैसे क्षेत्रों में भी मालगाड़ियां पटरी से उतरी हैं, यहां तक कि हावड़ा-मुंबई मेल जैसी महत्वपूर्ण एक्सप्रेस ट्रेनों के भी डिरेल होने की खबरें आई हैं। एक ही मालगाड़ी का दो बार दुर्घटनाग्रस्त होना भी इसी मंडल के इतिहास में दर्ज है।
यह दुर्घटना, जो आधी रात को हुई है, रेलवे अधिकारियों को एक बार फिर ट्रैक मेंटेनेंस और परिचालन मानकों की गहन समीक्षा के लिए मजबूर करती है। जब इस मंडल पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं, तो यह स्थानीय रेल यात्रियों और माल ढुलाई पर निर्भर उद्योगों के लिए एक बड़ा चिंता का विषय है। फिलहाल, रेलवे ने घटना की जांच शुरू कर दी है, लेकिन सवाल यह है कि इस "हादसों के चक्र" को कब तोड़ा जाएगा।
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