Dhanbad Clashes : कीचड़ उछलने से शुरू हुआ 'कोयला' विवाद, पूर्व पार्षद बनाम राजनीतिक नेता; 3 घंटे सड़क जाम, पुलिस का लाठीचार्ज!
धनबाद के झरिया में डंपर के कीचड़ ने मचाया बवाल! क्या एक मामूली विवाद ने इतना हिंसक रूप ले लिया कि नेता का हाथ टूट गया और भीड़ ने सड़क जाम कर दी? भौंरा में क्यों करना पड़ा पुलिस को लाठीचार्ज? क्या कोयला क्षेत्र में डंपर मालिकों की 'गुंडागर्दी' थमने वाली नहीं है? जानिए, इस हाई-वोल्टेज ड्रामे की पूरी कहानी!
धनबाद, झारखंड की कोयला राजधानी धनबाद, एक बार फिर अपने हिंसक राजनीतिक-व्यावसायिक संघर्ष के कारण सुर्खियों में है। झरिया स्थित भौंरा ओपी (आउटपोस्ट) क्षेत्र के परसियाबाद मोड़ पर गुरुवार की देर रात जो कुछ हुआ, वह सिर्फ एक मामूली सड़क विवाद नहीं था, बल्कि कोयलांचल के अंदर पनप रहे बाहुबल और राजनीति के खतरनाक गठजोड़ को दर्शाता है। एक डंपर से उछले कीचड़ ने ऐसी चिंगारी लगाई कि इलाका तीन घंटे तक जंग का मैदान बना रहा, और पुलिस को अंततः लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा।
कोयलांचल का इतिहास और डंपर का आतंक
धनबाद और झरिया का इतिहास हमेशा से ही कोयला खनन और उसके ट्रांसपोर्टिंग से जुड़े विवादों से भरा रहा है। डंपर मालिकों और स्थानीय राजनेताओं का गठजोड़ यहां की पहचान रहा है। स्थानीय लोग लंबे समय से डंपरों के कारण होने वाले प्रदूषण, धूल और सड़कों पर फैली कीचड़ की समस्या से जूझ रहे हैं। यह घटना इसी दशकों पुरानी समस्या का हिंसक विस्फोट है।
गुरुवार की रात, भौंरा मुख्य सड़क पर पानी का छिड़काव हुआ था। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के झरिया प्रखंड अध्यक्ष कार्तिक महतो का आरोप है कि इसी दौरान तेज गति से गुजर रहे एक डंपर ने राहगीरों पर कीचड़ उछाल दिया।
कीचड़ से शुरू, लाठी-डंडों पर खत्म हुआ विवाद
कार्तिक महतो ने इस लापरवाही पर डंपर चालक को वाहन रोकने के लिए कहा। चालक ने तुरंत यह जानकारी डंपर मालिक शिव कुमार यादव को दी, जो खुद इस क्षेत्र के पूर्व वार्ड पार्षद रह चुके हैं।
इसके बाद जो हुआ, वह पूरी तरह से बाहुबल का प्रदर्शन था। महतो के अनुसार, कुछ ही देर में शिव कुमार यादव अपने सहयोगियों के साथ लाठी-डंडों से लैस होकर मौके पर पहुंचे और कार्तिक महतो पर अचानक हमला कर दिया! यह हमला इतना जोरदार था कि कार्तिक महतो का दायां हाथ टूट गया, और उन्हें गंभीर चोटें आईं।
आत्मदाह का प्रयास: जब भीड़ बेकाबू हुई
मारपीट की इस घटना ने इलाके में तुरंत तनाव पैदा कर दिया और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और जेएलकेएम के समर्थक मौके पर जमा हो गए। भीड़ का गुस्सा सातवें आसमान पर था। इसी उग्र माहौल के बीच, एक जेएलकेएम समर्थक, डिस्को महतो, ने विरोध के रूप में आत्मदाह करने का भयावह प्रयास किया!
गनीमत रही कि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने फुर्ती दिखाते हुए उसे समय रहते रोक लिया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, इस आत्मदाह के प्रयास ने भीड़ के आक्रोश को और भड़का दिया। लोगों ने तुरंत भौंरा मुख्य सड़क को जाम कर दिया। इस तीन घंटे लंबे जाम के कारण कोयला ट्रांसपोर्टिंग पूरी तरह से ठप हो गई, जिससे कोयलांचल में लाखों का नुकसान हुआ।
पुलिस का बल प्रयोग और घायलों का इलाज
सड़क जाम और हिंसक झड़प की सूचना मिलते ही सिंदरी अनुमंडल के कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने भीड़ को समझाने और स्थिति नियंत्रित करने का भरसक प्रयास किया, लेकिन जब कोई भी प्रयास काम नहीं आया और तनाव लगातार बढ़ता गया, तो पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग (लाठीचार्ज) करना पड़ा। इस लाठीचार्ज में कुछ महिलाओं को भी चोटें आईं।
पुलिस ने तत्काल घायल कार्तिक महतो को इलाज के लिए शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल (SNMMCH) में भर्ती कराया। हालांकि, हमला करने वाले मुख्य आरोपी शिव कुमार यादव और उनके सहयोगी मौके से भागने में सफल रहे।
जांच और आरोप-प्रत्यारोप
मामले की गंभीरता को देखते हुए, जोरापोखर सर्किल इंस्पेक्टर सत्यम कुमार ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पूरे घटनाक्रम की गहन जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने लाठीचार्ज की पुष्टि करते हुए कहा कि अत्यधिक तनाव और आत्मदाह के प्रयास के कारण भीड़ को हटाने के लिए बल प्रयोग आवश्यक था।
दूसरी ओर, हमले के आरोपी पूर्व पार्षद शिव कुमार यादव ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
यह घटना दर्शाती है कि धनबाद में मामूली सड़क विवाद भी राजनीतिक और व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के कारण कितनी जल्दी हिंसक रूप ले सकता है। पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश कर रही है और यह देखने वाली बात होगी कि क्या इस घटना के बाद कोयला क्षेत्र में नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले डंपर मालिकों और उनके राजनीतिक संरक्षकों पर कोई लगाम लगती है।
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