Netaji Subhas University की अद्भुत पहल! छात्रों ने "विज्ञान दिवस" पर रचा इतिहास
नेताजी सुभाष विश्विद्यालय में आयोजित 'विश्व विज्ञान दिवस' ने छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अद्भुत मंच दिया। विज्ञान के महत्व, सतत विकास और नई तकनीकों पर आधारित इस कार्यक्रम में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
जमशेदपुर, प्रदर्शन: विज्ञान मानवता के विकास और उन्नति का आधार है। इतिहास साक्षी है कि वैज्ञानिक उपलब्धियों ने ही हमारे समाज को एक नए आयाम पर पहुँचाया। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 22 अक्टूबर 2024 को नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में "विश्व विज्ञान दिवस" का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व गणित विभाग ने किया, जिसमें छात्रों ने अपनी रचनात्मकता और वैज्ञानिक सोच का अद्भुत प्रदर्शन किया।
यह कार्यक्रम न केवल विज्ञान के प्रति छात्रों के उत्साह को बढ़ाने का माध्यम बना, बल्कि जलवायु परिवर्तन, अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) और तकनीकी नवाचार (Technical Innovation) जैसे समकालीन वैश्विक मुद्दों पर जागरूकता भी बढ़ाई।
कार्यक्रम की शुरुआत:
कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कुलपति प्रो. डॉ. पी. के. पाणि और अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। अपने उद्घाटन भाषण में प्रो. पाणि ने विज्ञान को जीवन का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा, "विज्ञान न केवल हमारी समस्याओं का समाधान है, बल्कि यह हमारे भविष्य की कुंजी भी है।"
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. डॉ. आचार्य ऋषि रंजन ने भी छात्रों को विज्ञान के माध्यम से नवाचार और सतत विकास को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम की झलकियां:
इस कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों ने छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने और विज्ञान के महत्व को समझने का मंच प्रदान किया।
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भाषण प्रतियोगिता:
छात्रों ने जलवायु परिवर्तन और विज्ञान के उपयोग पर अपनी राय प्रस्तुत की। उनके विचारों में समस्या समाधान और नए विचारों की झलक दिखी। -
प्रस्तुति सत्र (PowerPoint Presentation):
यहां छात्रों ने भविष्य के विज्ञान और तकनीकी नवाचारों पर अपनी प्रस्तुतियां दीं। इन प्रस्तुतियों ने यह साबित किया कि युवा पीढ़ी भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है। -
मॉडल प्रदर्शनी:
विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने वाले मॉडलों का प्रदर्शन हुआ। इन मॉडलों ने दर्शकों को नई तकनीकों और विचारों से अवगत कराया। -
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता:
विज्ञान के विभिन्न विषयों पर आधारित इस प्रतियोगिता ने छात्रों में वैज्ञानिक ज्ञान और तर्क शक्ति का परीक्षण किया।
छात्रों का उत्साह और भागीदारी:
नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के छात्रों ने इस आयोजन में दिलचस्पी और जोश के साथ भाग लिया। "यह आयोजन न केवल हमारी सोच को विस्तार देता है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि विज्ञान हमारे जीवन को कैसे बेहतर बना सकता है," एक छात्र ने कहा।
विश्वविद्यालय के गणित विभाग के अध्यक्ष ने कहा, "हमारे छात्रों ने जिस ऊर्जा और रचनात्मकता के साथ कार्यक्रम में भाग लिया, वह सराहनीय है। उनके कार्य भविष्य में नए आविष्कारों का आधार बन सकते हैं।"
इतिहास में विज्ञान दिवस का महत्व:
"विश्व विज्ञान दिवस" को संयुक्त राष्ट्र (UNESCO) ने 2001 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य विज्ञान और समाज के बीच संबंध को मजबूत करना और विज्ञान के महत्व को जन-जन तक पहुँचाना है। आज, विज्ञान दिवस हमारे समाज में सतत विकास और प्रौद्योगिकी के महत्व को रेखांकित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बन गया है।
नेतृत्व और उपस्थिति:
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव नागेंद्र सिंह, प्रशासनिक विभाग के अधिष्ठाता नाजिम खान, शैक्षणिक विभाग के अधिष्ठाता प्रो. दिलीप शोम, आईटी विभाग के प्रमुख प्रो. डॉ. रंजन मिश्रा, शोध विभाग के अधिष्ठाता प्रो. डॉ. प्रमोद कुमार सिंह समेत कई प्राध्यापक, छात्र और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के कौशल को प्रदर्शित करने का मंच बना, बल्कि उन्हें यह प्रेरणा भी दी कि विज्ञान के माध्यम से वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। विश्वविद्यालय ने घोषणा की कि आने वाले वर्षों में ऐसे कार्यक्रम और भी भव्य तरीके से आयोजित किए जाएंगे।
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