Nawada: अवैध माइका खनन में तीन मजदूरों की मौत – पुलिस की पहुंच से पहले शव गायब
नवादा के रजौली में अवैध माइका खनन में तीन मजदूरों की मौत और दो घायल हुए। पुलिस के पहुंचने से पहले शवों को गायब कर दिया गया। जानिए पूरी कहानी।
नवादा: बिहार के नवादा जिले में अवैध माइका खनन का कहर एक बार फिर सामने आया है। रजौली थाना क्षेत्र के सवैयाटांड़ पंचायत में स्थित कड़रूआ माइंस में खनन के दौरान चाल धसने से तीन मजदूरों की मौत हो गई और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले शवों को गायब कर दिया गया।
मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं लेता
यह घटना रविवार की सुबह हुई जब कड़रूआ माइंस में माइका खनन के दौरान अचानक चाल धस गई। इस हादसे में तीन मजदूरों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि इस घटना में शामिल मजदूरों की संख्या और उनकी पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है।
पुलिस की लापरवाही और माफियाओं का प्रभाव
रजौली थाना के थानाध्यक्ष राजेश कुमार के निर्देश पर अपर थानाध्यक्ष अजय कुमार पुलिस बलों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। लेकिन घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही शव और घायल लोगों को माइका माफिया ने गायब कर दिया। बताया जाता है कि कड़रूआ माइंस का संचालन सिमरातरी गांव के महेंद्र तुरिया द्वारा किया जाता है और धमनी पंचायत के गिरगी गांव के मजदूर यहां काम कर रहे थे।
खनन माफिया का मजबूत नेटवर्क
माइका माफियाओं का सूचना तंत्र इतना मजबूत है कि पुलिस के पहुंचने से पहले ही मृतकों के शवों को जंगलों में ले जाकर छुपा दिया गया और घायलों को रांची के किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराकर उनका इलाज कराया गया। इस घटना के बाद पूरे माइका खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया।
जिलेटिन और डेटोनेटर से ब्लास्टिंग
सवैयाटांड़ पंचायत के कई माइका खदानों में दिन के उजाले में ही जिलेटिन और डेटोनेटर का उपयोग कर बेरोकटोक माइका खनन किया जाता है। ग्रामीणों के अनुसार, यह ब्लास्टिंग कई बार मजदूरों और आसपास के लोगों के लिए खतरा बन जाती है। वनकर्मियों को इसकी जानकारी होने के बावजूद कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती।
पुलिस ने बरामद की सामग्री
घटनास्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस ने माइका माइंस से खून के धब्बे और ब्लास्टिंग में प्रयुक्त स्विच बोर्ड तथा सोलर पैनल बरामद किए। हालांकि, मृतकों के शव और घायल मजदूरों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। अपर थानाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि एक मजदूर की मौत और दो मजदूरों के घायल होने की सूचना मिली है। माइंस और मजदूरों के परिजनों से संपर्क किया जा रहा है और अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है।
इतिहास की परतें
बिहार में अवैध खनन की घटनाएं नई नहीं हैं। इससे पहले भी कई बार अवैध खनन के कारण मजदूरों की मौत हो चुकी है और इन घटनाओं की जिम्मेदारी माफिया पर डाल दी जाती है। पुलिस और वन विभाग के अधिकारी कई बार कार्रवाई का दावा करते हैं, लेकिन अक्सर इन मामलों में ठोस परिणाम नहीं निकलते।
क्या होगा आगे?
सवैयाटांड़ में हुए इस हादसे के बाद अब यह देखना होगा कि प्रशासन और पुलिस इस बार क्या ठोस कदम उठाते हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे और खनन माफियाओं पर कड़ी निगरानी रखनी होगी।
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