Nawada: शराब धंधे में शामिल युवक गिरफ्तार – बस से बरामद हुई 18 बोतल विदेशी शराब
नवादा के रजौली थाना क्षेत्र में उत्पाद विभाग ने झारखंड से बिहार आ रही बस से 18 बोतल विदेशी शराब के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया। जानिए पूरी जानकारी।
नवादा: बिहार-झारखंड की सीमा पर स्थित नवादा का रजौली थाना क्षेत्र एक बार फिर से शराब तस्करी की खबरों में सुर्खियों में आया है। इस बार, उत्पाद विभाग ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए झारखंड से बिहार आ रही एक यात्री बस से 18 बोतल विदेशी शराब बरामद की और शराब तस्कर को गिरफ्तार कर लिया।
गुप्त सूचना और चौकसी से हुई गिरफ्तारी
उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र रजौली के समेकित जांच चौकी पर उत्पाद एएसआई राकेश कुमार के नेतृत्व में एक विशेष अभियान चलाया गया। उत्पाद अधीक्षक अरुण कुमार मिश्र ने बताया कि यह कार्रवाई बिहार-झारखंड सीमा पर प्रतिदिन की जाने वाली सघन जांच का हिस्सा थी। उन्होंने कहा, “हमारी टीम हर छोटी-बड़ी वाहन की जांच करती है, ताकि गैरकानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।”
बस से बरामद की गई शराब
रविवार को एक यात्री बस की जांच के दौरान उत्पाद टीम को एक बैग में रखी 375 एमएल की 18 बोतल इम्पेरियल ब्लू विदेशी शराब मिली। यह शराब पूरे रास्ते में तस्करी के लिए लाई जा रही थी। जांच में शराब तस्कर की पहचान नरहट थाना क्षेत्र के बभनौर गांव निवासी मो. कमाल आजाद के पुत्र मिसबाहुल मुस्तफा के रूप में हुई।
शराबी गिरफ्तार, कार्रवाई जारी
उत्पाद विभाग ने शराब के साथ तस्कर को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि तस्करी के मामलों में सख्त कार्रवाई की जा रही है, ताकि राज्य में शराब की अवैध बिक्री और तस्करी पर नियंत्रण पाया जा सके।
सख्त नियम और निगरानी
बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद सीमा क्षेत्रों से शराब की तस्करी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। शराब तस्करी में शामिल लोगों की गिरफ्तारी से इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलती है। पिछले कुछ वर्षों में, बिहार सरकार ने शराबबंदी को सफल बनाने के लिए कई कड़े नियम लागू किए हैं।
ब्रेथ एनलाइजर से हुई पुष्टि
रविवार को उत्पाद विभाग ने एक अन्य कार्रवाई में विभिन्न यात्री बसों और कारों से शराब पीकर बिहार में प्रवेश करने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया। उनके शराब पीने की पुष्टि ब्रेथ एनलाइजर मशीन से की गई। यह कदम शराब पीकर वाहन चलाने और सार्वजनिक स्थानों पर शराब सेवन पर नियंत्रण रखने के लिए उठाया गया है।
न्यायिक प्रक्रिया में भेजा गया आरोपी
गिरफ्तार किए गए शराब तस्कर को स्वास्थ्य जांच के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं, शराब पीकर वाहन चलाने वाले आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां उनकी स्थिति पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इतिहास में ऐसे कई मामले
बिहार में शराबबंदी का इतिहास काफी पुराना है। 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शराबबंदी लागू की थी, जिससे राज्य में शराब के प्रभाव को कम करने की कोशिश की गई। इससे पहले, कर्पूरी ठाकुर ने भी 1977 में शराबबंदी का प्रयास किया था, लेकिन उस समय शराब माफियाओं ने विरोध किया था।
नवादा में चौकसी जारी
नवादा जैसे उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में इस तरह की चौकसी की अहमियत बढ़ जाती है, ताकि कानून-व्यवस्था कायम रहे। उत्पाद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनकी निगरानी से राज्य में शराब की तस्करी पर प्रभावी रोकथाम हो सकती है।
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