Nawada: जदयू सम्मेलन में नीतीश सरकार की उपलब्धियों पर जोर – क्या है कौशल-मुन्ना की अनुपस्थिति का अर्थ?

नवादा में जदयू के जिला कार्यकर्ता सम्मेलन में नीतीश सरकार के विकास कार्यों पर चर्चा हुई। कौशल-मुन्ना की अनुपस्थिति और अशोक यादव की मौजूदगी से राजनीतिक समीकरण में बदलाव की संभावना। पढ़ें पूरी खबर।

Dec 2, 2024 - 18:49
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Nawada: जदयू सम्मेलन में नीतीश सरकार की उपलब्धियों पर जोर – क्या है कौशल-मुन्ना की अनुपस्थिति का अर्थ?
Nawada: जदयू सम्मेलन में नीतीश सरकार की उपलब्धियों पर जोर – क्या है कौशल-मुन्ना की अनुपस्थिति का अर्थ?

नवादा: रविवार को नवादा जिले के गांधी इंटर विद्यालय मैदान में जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा आयोजित जिला कार्यकर्ता सम्मेलन ने नीतीश सरकार के विकास कार्यों पर जोर दिया। इस सम्मेलन की विशेषता रही कि इसमें कई महत्वपूर्ण नेताओं ने अपनी उपस्थिति से चर्चा को और गरमाया, लेकिन दो प्रमुख नेता – कौशल और मुन्ना – की अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चाओं को जन्म दिया है। क्या यह अनुपस्थिति जिले में नए राजनीतिक समीकरण की ओर इशारा करती है?

राजनीतिक उठापटक की नई दिशा
इतिहास गवाह है कि बिहार की राजनीति में बदलाव अक्सर नेताओं की उपस्थिति या अनुपस्थिति से होता है। इसी कड़ी में, इस सम्मेलन में निर्दलीय विधानपार्षद अशोक कुमार यादव की मौजूदगी ने विशेष चर्चा का विषय बनाया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यों की सराहना की और आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू को समर्थन देने का इरादा जताया। उनकी उपस्थिति ने कई सवाल खड़े किए कि क्या आगामी चुनाव में नवादा जिले में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं?

मुख्य अतिथि का प्रभावशाली संबोधन
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “राम मनोहर लोहिया ने एक बार कहा था कि सांप को छेड़ो नहीं और छेड़ो तो छोड़ो नहीं।” उन्होंने बताया कि समाजवादी विचारधारा ने देश की स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई और जननायक कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में अंग्रेजी शासन को हटाने के लिए काम किया। मंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि 2005 में नीतीश कुमार ने बिहार की बुरी हालत देखी और सुधार के लिए कई योजनाएं लागू कीं।

महिलाओं और समाज के लिए विशेष पहल
मंत्री ने 2016 में लागू शराबबंदी का उदाहरण दिया, जब नीतीश कुमार ने समाज में अमन-चैन स्थापित करने के लिए कठोर कदम उठाए। उन्होंने कहा कि 1977 में कर्पूरी ठाकुर ने भी शराबबंदी कानून लागू किया था, लेकिन शराब माफियाओं ने उनकी सरकार गिरा दी थी।

जदयू के निष्ठावान कार्यकर्ता
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने नवादा की जनता पर गर्व जताया और कहा कि पार्टी की उर्जा और कार्यकर्ताओं का समर्पण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नवादा में जदयू की जनाधार मजबूत हो रही है, जिससे आगामी चुनाव में पार्टी को बड़ी सफलता मिल सकती है।

चुनाव की तैयारी और उम्मीदें
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा ने पार्टी के विचारधारा को याद करते हुए कहा कि यह पार्टी समाजवादी सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने बताया कि गांधी, लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के विचारों को आगे बढ़ाने में नीतीश कुमार ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सम्मेलन की गरमाहट और उत्साह
कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखने को मिला, और ढोल-नगाड़ों के साथ सम्मेलन स्थल पर जदयू के झंडे लहराते रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला उपाध्यक्ष जयशंकर चंद्रवंशी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन जिला उपाध्यक्ष अरुण कुमार राय ने दिया। लोकगायक जितेंद्र-धर्मेंद्र की टीम ने नीतीश सरकार की उपलब्धियों पर आधारित गीत प्रस्तुत किए, जिससे उपस्थित लोगों का मनोबल बढ़ा।

नवादा का राजनीतिक भविष्य
इस सम्मेलन ने यह तो स्पष्ट कर दिया कि जदयू की ताकत अभी भी कायम है, लेकिन कौशल और मुन्ना की अनुपस्थिति से यह सवाल भी उठता है कि क्या जिले में राजनीतिक रूप से कुछ नया हो सकता है?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।