Bagbera Demand: 25 पंचायतों के बच्चों की शिक्षा पर संकट, कब बनेगा हाई स्कूल?
बागबेड़ा कॉलोनी स्थित राजेंद्र मध्य विद्यालय को हाई स्कूल में प्रोन्नत करने की मांग जोर पकड़ रही है। 25 पंचायतों के हजारों बच्चों का भविष्य अधर में लटका है। जानिए क्यों यह विद्यालय बन सकता है पूरे क्षेत्र की शिक्षा की रीढ़।

राजेंद्र मध्य विद्यालय, बागबेड़ा कॉलोनी – एक ऐसा नाम जो 25 पंचायतों के बच्चों के भविष्य की उम्मीद बना हुआ है, लेकिन आज भी हाई स्कूल की मान्यता की बाट जोह रहा है। यहां पढ़ने वाले 95% बच्चे आदिवासी, पिछड़े वर्ग और दिहाड़ी मजदूरों के परिवारों से आते हैं। शिक्षा के अधिकार की बातें भले ही सरकारें जोर-शोर से करती हैं, लेकिन इस विद्यालय की हालत से जमीनी हकीकत उजागर हो रही है।
शुक्रवार को इसी मुद्दे को लेकर जिला पार्षद डॉ. कविता परमार ने रांची में माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री राजेश प्रसाद से मुलाकात की। उन्होंने एक औपचारिक मांग पत्र सौंपते हुए इस विद्यालय को उच्च विद्यालय में प्रोन्नत करने की अपील की। डॉ. परमार का कहना है कि यह केवल एक विद्यालय की बात नहीं, बल्कि पूरे बागबेड़ा क्षेत्र की पीढ़ियों के भविष्य की बात है।
शिक्षा से वंचित क्यों हैं हजारों बच्चे?
25 पंचायतों में एक भी हाई स्कूल न होना केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक गंभीर शिक्षा संकट है। यहां के बच्चों को यदि 9वीं कक्षा से ऊपर की पढ़ाई करनी हो, तो उन्हें मीलों दूर जाना पड़ता है। इससे सबसे अधिक लड़कियां प्रभावित होती हैं, जो सामाजिक कारणों से दूरस्थ विद्यालय नहीं जा पातीं।
गौरतलब है कि वर्ष 2022 में जिला शिक्षा प्रारंभिक समिति ने इस विद्यालय को हाई स्कूल में अपग्रेड करने की सिफारिश पारित कर दी थी। बावजूद इसके, दो वर्षों बाद भी हालात जस के तस हैं।
शिक्षा निदेशक ने क्या कहा?
शुक्रवार को हुई मुलाकात में शिक्षा निदेशक राजेश प्रसाद ने मामले को गंभीरता से सुना और तुरंत संबंधित अधिकारी को बुलाकर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। साथ ही पार्षद डॉ. परमार को आश्वस्त किया कि जल्द ही इस पर ठोस कार्रवाई की जाएगी।
इतिहास गवाह है – शिक्षा ने बदली तस्वीरें
झारखंड के कई आदिवासी क्षेत्रों में जब स्कूल अपग्रेड हुए, तो वहां की सामाजिक और आर्थिक तस्वीर बदल गई। सिमडेगा और गुमला जैसे इलाकों में हाई स्कूल खुलने के बाद लड़कियों की शिक्षा दर में 60% तक की बढ़ोत्तरी देखी गई है। बागबेड़ा भी इसी परिवर्तन का इंतजार कर रहा है।
अब और इंतज़ार नहीं!
राजेंद्र मध्य विद्यालय का हाई स्कूल में उन्नयन केवल एक प्रशासकीय कार्यवाही नहीं, यह हजारों सपनों को पंख देने का जरिया है। इस क्षेत्र के बच्चों के लिए यह विद्यालय स्कूल नहीं, एकमात्र आशा की किरण है। अब समय है कि शासन और प्रशासन मिलकर इस मांग को प्राथमिकता दें और शिक्षा को वाकई सबके लिए सुलभ बनाएं।
क्या बागबेड़ा के बच्चों को मिलेगा उनका हक़? या ये सपना भी फाइलों में गुम हो जाएगा?
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