Jamshedpur Firing: नदी किनारे गोलियों की बारिश, आदित्यपुर की ओर भागे बदमाश!
जमशेदपुर के शिवघाट पर दो गिरोहों के बीच देर रात हुई अंधाधुंध फायरिंग से इलाके में मचा हड़कंप। गोलीबारी के बाद बदमाश नदी पार कर आदित्यपुर की मुस्लिम बस्ती में भाग निकले। पुलिस जांच में जुटी है। पढ़िए पूरी घटना की इनसाइड स्टोरी।

जमशेदपुर: शुक्रवार की रात जुगसलाई थाना क्षेत्र स्थित शिव घाट नदी किनारे कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे शहर को हिला दिया। जैसे ही रात के अंधेरे में गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजी, इलाके में भगदड़ मच गई। दो अपराधी गिरोहों के बीच हुई अंधाधुंध फायरिंग ने जुगसलाई की शांति को पलभर में दहशत में बदल दिया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि करीब आधे घंटे तक गोलियों की आवाजें गूंजती रहीं। लोग अपने घरों में दुबक गए, सड़कों पर सन्नाटा छा गया। कईयों ने तो डर के मारे लाइट तक बंद कर दी।
कहां से आए थे हमलावर? क्या था मकसद?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बदमाशों का एक गिरोह आदित्यपुर मुस्लिम बस्ती की ओर से आया था। गिरोह ने शिव घाट पहुंचते ही ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इसका जवाब भी सामने वाले गैंग ने गोलियों से ही दिया। एक तरह से गैंगवॉर का सीधा प्रदर्शन हुआ। घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी नदी पार कर आदित्यपुर की ओर भाग गए।
जुगसलाई थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिलते ही वह दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। छानबीन के दौरान घटनास्थल से चार खोखा और तीन जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।
पुलिस के लिए चुनौती बना अपराधियों का फरार होना
घटना के बाद से पुलिस पूरे इलाके में तलाशी अभियान चला रही है। लेकिन जिस तरह से अपराधी नदी पार कर आदित्यपुर की मुस्लिम बस्ती की ओर भागे, वह पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। आदित्यपुर और जुगसलाई के बीच बहती नदी अक्सर ऐसे अपराधियों के लिए छुपने का आसान रास्ता बन जाती है।
यह पहली बार नहीं है जब जुगसलाई और आदित्यपुर के बीच गैंग संघर्ष की खबरें आई हैं। बीते वर्षों में भी इन दोनों क्षेत्रों में आपसी वर्चस्व को लेकर कई बार टकराव हुए हैं। हालांकि हाल के महीनों में यह इलाका अपेक्षाकृत शांत था, लेकिन इस घटना ने फिर से चिंता बढ़ा दी है।
अपराध का नया ट्रेंड या पुराने दुश्मनों की वापसी?
पुलिस का मानना है कि यह कोई आकस्मिक टकराव नहीं था, बल्कि पहले से योजना बनाकर रची गई रणनीति का हिस्सा था। कुछ सूत्रों का दावा है कि यह झगड़ा पुरानी रंजिश का नतीजा हो सकता है, जिसमें दोनों गिरोह अपने-अपने इलाके में वर्चस्व बनाए रखने की लड़ाई लड़ रहे थे।
पुलिस ने कुछ संदिग्धों की पहचान की है और CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन और मुखबिर तंत्र की मदद से जल्द ही इस मामले का पर्दाफाश करने की बात कही है।
क्या कहता है इतिहास?
जमशेदपुर, खासकर जुगसलाई और आदित्यपुर क्षेत्र, पिछले एक दशक से अपराधियों के आपसी संघर्ष का गढ़ बना रहा है। पहले भी यहां के घाट किनारे और बाजारों में ऐसे अचानक फायरिंग की घटनाएं हुई हैं। हालांकि पुलिस की लगातार सख्ती के बाद पिछले कुछ समय से ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग गया था। लेकिन इस ताज़ा वारदात ने साबित कर दिया है कि अपराधी अब भी सक्रिय हैं और किसी भी समय शहर की शांति भंग कर सकते हैं।
अब जरूरी है सख्त कार्रवाई
इस घटना ने शहरवासियों को एक बार फिर अपराध की भयावहता का एहसास करा दिया है। अब समय है कि पुलिस और प्रशासन मिलकर न केवल दोषियों को पकड़ें, बल्कि ऐसे संवेदनशील इलाकों में गश्ती और निगरानी को भी दोगुना करें।
क्या जुगसलाई फिर बनेगा गैंगवॉर का अखाड़ा? या पुलिस इस बार पूरी तैयारी के साथ मोर्चा लेगी? जवाब आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।
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