Nawada Voting: पैक्स चुनाव के तीसरे चरण में मतदाताओं की अग्नि परीक्षा, चार प्रखंडों में सुरक्षा के सख्त इंतजाम
नवादा जिले में पैक्स चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग 29 नवंबर को। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और मतदाताओं की तैयारी पर पढ़ें पूरी खबर।
नवादा: पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समिति) चुनाव के तीसरे चरण की गहमागहमी चरम पर है। नवादा जिले के चार प्रमुख प्रखंडों में 29 नवंबर को मतदान होगा। प्रशासन ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। वहीं, प्रत्याशी अंतिम समय तक अपनी साम-दाम, दंड-भेद की रणनीतियों के साथ मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं।
चार प्रखंडों में होगा मतदान
तीसरे चरण में नवादा जिले के अकबरपुर, नवादा, रोह, और नारदीगंज प्रखंडों में मतदान होगा। मतदान सुबह 7:00 बजे से लेकर 4:30 बजे तक होगा। सभी मतदान केंद्रों पर चुनाव प्रक्रिया को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है।
प्रशासन की पुख्ता तैयारी
जिला प्रशासन ने मतदान को लेकर सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। केएलएस कॉलेज, नवादा और इंटर विद्यालय, रजौली को मतपेटियों के लिए सुरक्षित बज्रगृह के रूप में तैयार किया गया है। इसके अलावा, मतदान और मतगणना कर्मियों की नियुक्ति रेंडमाइजेशन प्रक्रिया के तहत की गई है।
चुनावी माहौल में प्रत्याशियों की हलचल
प्रत्याशियों के लिए यह रात निर्णायक साबित होने वाली है। अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं। घर-घर मतदाता पर्ची पहुंचाने से लेकर व्यक्तिगत संपर्क तक, प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
मतपत्रों का विशेष रंग कोडिंग
पैक्स चुनाव में मतपत्रों को विभिन्न पदों के लिए रंग कोडिंग द्वारा विभाजित किया गया है, जो इस प्रकार है:
- अध्यक्ष पद: लाल रंग
- अनुसूचित जाति/जनजाति सदस्य: आसमानी रंग
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग सदस्य: सफेद रंग
- पिछड़ा वर्ग सदस्य: हरा रंग
- सामान्य वर्ग: नारंगी या पीला रंग
महिलाओं को मिला 50% आरक्षण
पैक्स चुनाव में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में, सभी सदस्य पदों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। यह कदम महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है।
सुरक्षा पर विशेष जोर
चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को रोकने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। संवेदनशील और अति-संवेदनशील मतदान केंद्रों पर विशेष बल तैनात रहेगा।
इतिहास में पैक्स चुनाव का महत्व
बिहार में पैक्स चुनाव को स्थानीय लोकतंत्र का आधार माना जाता है। यह चुनाव ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी संस्थाओं के संचालन के लिए प्रतिनिधि चुनने का महत्वपूर्ण माध्यम है। 1950 के दशक में सहकारी संस्थाओं की स्थापना के बाद से, पैक्स चुनाव ग्रामीण कृषि व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का प्रमुख साधन रहा है।
मतगणना अगले दिन
मतदान के बाद मतगणना अगले दिन, यानी 30 नवंबर सुबह 8:00 बजे से शुरू होगी। परिणामों की घोषणा के साथ यह तय होगा कि किन प्रत्याशियों ने मतदाताओं का विश्वास जीतकर सफलता हासिल की।
तीसरे चरण के चुनाव में मतदाताओं और प्रशासन दोनों की परीक्षा होगी। जहां प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, वहीं मतदाता अपने सही प्रतिनिधि का चयन करने को तैयार हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव परिणाम क्षेत्रीय विकास और सहकारी संस्थाओं की स्थिति पर क्या प्रभाव डालते हैं।
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