Nawada DM Public Court: DM रवि प्रकाश ने जनता दरबार में सुनी समस्याएं, ऑन द स्पॉट समाधान बना चर्चा का विषय
नवादा में जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश के जनता दरबार में फरियादियों की समस्याओं का ऑन द स्पॉट समाधान। जानें किन मुद्दों पर हुआ समाधान और किसे मिला न्याय।
Nawada, बिहार: जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश ने आज अपने कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में फरियादियों की समस्याएं सुनीं और कई मामलों का तुरंत समाधान कर प्रशासन की तत्परता का परिचय दिया। आज की दरबार में कुल 26 आवेदन आए, जिनमें से कई का ऑन द स्पॉट निष्पादन हुआ। शेष मामलों को संबंधित अधिकारियों के पास भेजकर शीघ्र कार्रवाई का निर्देश दिया गया।
इस जनता दरबार में भूमि विवाद, राशन कार्ड, पारिवारिक समस्याओं, शिक्षा, अतिक्रमण, और आपदा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। डीएम ने प्रत्येक फरियादी की समस्या को गहराई से समझते हुए त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया।
कौन-कौन सी समस्याएं आईं सामने?
DM के जनता दरबार में विभिन्न क्षेत्रों से फरियादी अपनी समस्याओं के समाधान की उम्मीद लेकर पहुंचे। इनमें से कुछ प्रमुख मामलों पर एक नजर:
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दाखिल-खारिज विवाद:
- ग्राम जखौर, थाना रोह से दरोगी प्रसाद ने अपनी शिकायत दर्ज कराई। डीएम ने इस मामले को संबंधित अधिकारी को सौंपकर तुरंत जांच का निर्देश दिया।
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दुकान कब्जा विवाद:
- नारदीगंज बाजार के विद्यानंद प्रसाद ने दुकान कब्जा से जुड़ी समस्या उठाई। डीएम ने इसे ऑन द स्पॉट हल करवाने का प्रयास किया।
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भूमि विवाद:
- ग्राम आंती, पो. कादिरगंज के मो. अफाक मंजर ने भूमि विवाद पर न्याय की गुहार लगाई। मामला संबंधित अधिकारी को भेजा गया।
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ट्राई साइकिल की मांग:
- ग्राम खनवां के महेश प्रसाद यादव ने ट्राई साइकिल उपलब्ध करवाने की अपील की। डीएम ने इस पर तुरंत कार्रवाई का निर्देश दिया।
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नाली का पानी बहाव:
- ग्राम इचुआकरना के मुन्ना कुमार ने नाली के पानी की समस्या रखी। अधिकारियों को तुरंत समाधान के लिए कहा गया।
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पशु शेड का मुद्दा:
- ग्राम वरियो, पंचायत ननौरा के शैलेन्द्र कुमार ने पशु शेड से जुड़ी समस्या उठाई। डीएम ने इसे प्राथमिकता से हल करने के निर्देश दिए।
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भूमि बंदोबस्त का विवाद:
- ग्राम सोनु विगहा की कारी देवी ने भूमि बंदोबस्त के मुद्दे पर शिकायत की। डीएम ने कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करवाई।
DM रवि प्रकाश का समाधान मॉडल: जनता का भरोसा बढ़ा
जनता दरबार नवादा जिला प्रशासन का वह मंच है, जहां आम लोगों की आवाज सुनी जाती है। डीएम ने न केवल समस्याओं का समाधान किया, बल्कि फरियादियों को भरोसा दिलाया कि हर मुद्दा प्राथमिकता से सुलझाया जाएगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि बिहार में जनता दरबार जैसी पहल सरकारी तंत्र और आम जनता के बीच विश्वास कायम करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस दरबार ने प्रशासन की पारदर्शिता और प्रभावशीलता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।
इतिहास में जनता दरबार की महत्ता
भारत में जनता दरबार की परंपरा मुगल और ब्रिटिश काल से चली आ रही है। तब शासक आम जनता की समस्याएं सुनने के लिए अपने दरबार लगाते थे। आजादी के बाद यह परंपरा राज्यों के प्रशासनिक तंत्र में शामिल हो गई। बिहार के कई जिलों में यह प्रणाली लोगों की समस्याओं को सीधे प्रशासन तक पहुंचाने में मददगार साबित हुई है।
क्या बनी मुख्य विशेषताएं?
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सीधे समाधान की पहल:
ऑन द स्पॉट निष्पादन ने जनता के बीच प्रशासनिक कार्यशैली के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बढ़ाया। -
हर स्तर पर पारदर्शिता:
हर शिकायत को अधिकारियों तक पहुंचाने की प्रक्रिया ने प्रशासन की जवाबदेही को साबित किया। -
फरियादियों की सुविधा:
जनता दरबार में आने वाले लोगों के लिए सरल प्रक्रिया और समस्याओं का शीघ्र समाधान सरकार की छवि को बेहतर बना रहा है।
जनता दरबार से नई उम्मीदें
Navada DM रवि प्रकाश की यह पहल एक सफल प्रयास है, जिसने न केवल समस्याओं का समाधान किया बल्कि जनता का प्रशासन पर विश्वास भी बढ़ाया। सवाल यह उठता है कि क्या जनता दरबार जैसे मंचों से बिहार के अन्य जिलों में भी ऐसी ही व्यवस्था लागू की जा सकती है?
आप क्या सोचते हैं? जनता दरबार जैसी पहल का विस्तार बिहार के हर जिले में होना चाहिए? अपनी राय साझा करें!
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