Nawada: ट्रेन रद्द होने से बढ़ी यात्रियों की दिक्कतें, वैकल्पिक साधनों का सहारा

नवादा जिले में किऊल-गया रेलखंड पर चार जोड़ी ट्रेनों के रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वैकल्पिक साधन लेने की बढ़ी आवश्यकता।

Nov 26, 2024 - 16:43
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Nawada: ट्रेन रद्द होने से बढ़ी यात्रियों की दिक्कतें, वैकल्पिक साधनों का सहारा
Nawada: ट्रेन रद्द होने से बढ़ी यात्रियों की दिक्कतें, वैकल्पिक साधनों का सहारा

नवादा जिले के नागरिक इन दिनों रेलवे ट्रेनों की कमी से परेशान हैं। किऊल-गया रेलखंड पर चार जोड़ी ट्रेनों का परिचालन 45 दिनों के लिए रद्द कर दिया गया है। यह समस्या गया रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म छह और सात के पुनर्विकास कार्य के कारण उत्पन्न हुई है। अब, नवादा और आसपास के क्षेत्रों के यात्रियों को अपनी यात्रा के लिए वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है।

24 नवंबर से लेकर 7 जनवरी 2025 तक आठ ट्रेनों के रद्द होने की घोषणा ने नवादा के नागरिकों को खासा परेशान किया है। पूर्व मध्य रेलवे के सीपीटीएम, हाजीपुर द्वारा भेजे गए पत्र में किऊल-गया रेलखंड की आठ ट्रेनों के परिचालन रद्द करने की सूचना दी गई है। इसके कारण यात्रियों को प्लान बी के रूप में बसों या अन्य परिवहन साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है। खासतौर पर, उन यात्रियों के लिए यह समस्या बड़ी है जिनके घरों में शादी-ब्याह का सीजन चल रहा है और वे रेल मार्ग से यात्रा करते हैं।

रद्द ट्रेनों की सूची और उनकी उपयोगिता

रद्द की गई ट्रेनों में 03615-03616 अप-डाउन जमालपुर-गया फास्ट पैसेंजर और 03385-03386 अप-डाउन झाझा-गया पैसेंजर शामिल हैं। इसके अलावा, 03390 गया-किऊल पैसेंजर, 03393-03394 अप-डाउन किऊल-गया पैसेंजर, और 03627 किऊल-गया पैसेंजर का भी परिचालन बंद कर दिया गया है। यह ट्रेनें यात्रियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण थीं, खासकर उन लोगों के लिए जो सरकारी नौकरियां करते हैं और समय पर ऑफिस पहुंचने के लिए इन ट्रेनों का इस्तेमाल करते थे।

03615 जमालपुर-गया फास्ट पैसेंजर का इस्तेमाल मुख्य रूप से गया लौटने वाले यात्रियों के लिए किया जाता था। लेकिन अब इसकी रद्दीकरण से उन लोगों को वैकल्पिक साधन ढूंढ़ने की मजबूरी है। 03616 गया-जमालपुर फास्ट पैसेंजर भी अब रद्द हो गई है, जिससे नवादा और उसके आस-पास के क्षेत्र के यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है।

परेशानियां बढ़ीं, विकल्प भी सीमित

गया से खुलने वाली सबसे पहले चलने वाली ट्रेन 03386 झाझा-गया पैसेंजर थी, जो दैनिक यात्रियों के लिए सबसे सुविधाजनक मानी जाती थी। सरकारी कर्मचारी खासकर इसी ट्रेन से अपने दफ्तर जाते थे। लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है। इसके बाद, 05404 गया-जमालपुर फास्ट पैसेंजर का विकल्प है, लेकिन इस ट्रेन का समय नियमित नहीं होने के कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है।

अब सभी यात्रियों को बसों या बाइक से यात्रा करनी पड़ रही है, जिससे न सिर्फ समय की बर्बादी हो रही है, बल्कि अधिक खर्च भी हो रहा है। 03627 किऊल-गया पैसेंजर का रद्द होना भी किऊल से गया के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है।

स्थानीय व्यापारियों की भी बढ़ी समस्या

वारिसलीगंज और नवादा के व्यापारी भी इस संकट से जूझ रहे हैं। कमाख्या एक्सप्रेस के परिचालन में भी बदलाव किया गया है, जो अब मानपुर तक ही सीमित कर दिया गया है। पहले व्यापारी नवादा से सामान लेकर वारिसलीगंज डेली आ-जा सकते थे, लेकिन अब उन्हें बस के जरिए सामान लाना पड़ रहा है, जिससे समय की बर्बादी और लागत दोनों बढ़ गए हैं।

बीके रॉय, समाजसेवी और दवा बिक्रेता संघ अध्यक्ष ने भी इस निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि मानपुर से ट्रेन चालू रखने से लोगों को बड़ी सुविधा मिलती, खासकर गरीबों और मरीजों को, जो रोजमर्रा की यात्रा करते हैं।

यात्रियों के लिए राहत की उम्मीदें

हालांकि रेलवे विभाग ने इस मुद्दे पर कोई ठोस हल नहीं निकाला है, लेकिन यात्रियों की उम्मीदें अब भी जीवित हैं। नवादा और आस-पास के क्षेत्रों में समय पर ट्रेन सेवा बहाल होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा, यात्रियों को इस समस्या से जूझने के लिए वैकल्पिक साधनों का इस्तेमाल जारी रखना होगा।

संकट से उबरने का रास्ता

नवादा में ट्रेनों के रद्द होने से यात्रियों को निश्चित रूप से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इस स्थिति से उबरने के लिए समय की मांग है। रेलवे विभाग को जल्द से जल्द इस संकट को सुलझाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए, ताकि यात्रियों को बिना किसी रुकावट के उनकी यात्रा पूरी हो सके।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।