Patna Protest: BPSC परीक्षा में विवाद, छात्रों का प्रदर्शन तेज, सरकार से जवाब की मांग
पटना में BPSC परीक्षा को लेकर छात्रों का जोरदार प्रदर्शन, नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया और तकनीकी खामियों के खिलाफ उठाई आवाज। राजनीतिक और शैक्षणिक हस्तियों ने दिया समर्थन।
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पटना, 9 दिसंबर 2024: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा को लेकर छात्रों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजधानी पटना में हजारों छात्र "नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया" के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शन में शिक्षकों, यूट्यूबर खान सर और राजनीतिक नेताओं का समर्थन मिलने से यह आंदोलन और व्यापक हो गया है।
क्या है नॉर्मलाइजेशन विवाद?
छात्रों की मांग है कि BPSC परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाए और सभी परीक्षार्थियों को समान प्रश्नपत्र मिले। उनका कहना है कि "नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया" से परीक्षाओं में भेदभाव होता है, जिससे कई योग्य छात्र पीछे रह जाते हैं।
इस प्रदर्शन ने बिहार के शैक्षिक तंत्र की खामियों को उजागर किया है। छात्रों का आरोप है कि वेबसाइट और सर्वर की तकनीकी खामियों के कारण उन्हें आवेदन प्रक्रिया में कठिनाई हुई।
दुवारिका शर्मा का बयान
भाजपा नेता दुवारिका शर्मा ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा:
"वेबसाइट और सर्वर की जिम्मेदारी सरकार की होती है। अगर वेबसाइट या सर्वर में तकनीकी खामी थी, तो उसे सुधारने के लिए अतिरिक्त समय छात्रों को मिलना चाहिए था। अगर सरकार की कोई गलती नहीं होती, तो छात्र सड़कों पर उतरने को मजबूर नहीं होते।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य सरकार का विरोध नहीं, बल्कि छात्रों की न्यायोचित मांगों का समर्थन करना है।
प्रदर्शन में शामिल नेता और शिक्षक
प्रदर्शन को विभिन्न राजनीतिक नेताओं और शिक्षकों का समर्थन मिल रहा है।
- तेजस्वी यादव और पप्पू यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए छात्रों की मांगों को जायज बताया।
- यूट्यूबर और शिक्षक खान सर ने छात्रों के साथ खड़े होकर उनकी आवाज को मजबूती दी।
लाठीचार्ज पर सवाल
छात्रों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की घटना पर कड़ी आलोचना हुई है। प्रदर्शनकारी इसे शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे थे, लेकिन पुलिस की कार्रवाई ने मामले को और उग्र बना दिया।
इतिहास में ऐसे विरोध
बिहार में शैक्षणिक आंदोलन का इतिहास पुराना है। 1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में छात्र आंदोलन ने राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया था। आज के आंदोलन को भी उसी तरह के परिवर्तनकारी आंदोलन के रूप में देखा जा रहा है।
BPSC की स्थिति
फिलहाल, BPSC ने छात्रों की मांगों को लेकर कोई बदलाव या घोषणा नहीं की है। आयोग के अधिकारी इसे तकनीकी और प्रशासनिक बाधा बता रहे हैं।
छात्रों की मांगें
- परीक्षा को एक ही शिफ्ट में आयोजित करना।
- सभी को समान प्रश्नपत्र उपलब्ध कराना।
- तकनीकी खामियों के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करना।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
पटना के स्थानीय लोग इस प्रदर्शन को छात्रों के भविष्य के लिए जरूरी कदम मान रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार और आयोग इन मांगों पर ध्यान नहीं देंगे, तब तक शिक्षा प्रणाली में सुधार संभव नहीं है।
क्या कहता है यह आंदोलन?
यह प्रदर्शन केवल एक परीक्षा का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग का प्रतीक है। छात्रों का कहना है कि उनकी मेहनत का सम्मान होना चाहिए और परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।
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