Nawada BPSC Exam: BPSC की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा कदाचारमुक्त माहौल में संपन्न, प्रशासन की चौकस व्यवस्था
बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा नवादा के 22 केंद्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न। जानें कैसे प्रशासन ने इसे कदाचारमुक्त बनाया।
Nawada, बिहार: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) परीक्षा आज नवादा जिले के 22 परीक्षा केंद्रों पर सफलतापूर्वक आयोजित की गई। परीक्षा का आयोजन स्वच्छ, निष्पक्ष और कदाचारमुक्त माहौल में किया गया, जिसमें प्रशासन की सजगता और सख्ती स्पष्ट दिखी।
जिला पदाधिकारी (DM) श्री रवि प्रकाश ने जिले में बनाए गए कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया और सीसीटीवी कैमरा समेत अन्य तकनीकी व्यवस्थाओं की समीक्षा की। डीएम ने इस दौरान परीक्षा संचालन से जुड़ी बारीकियों पर चर्चा की और उपस्थित पदाधिकारियों से पूरी प्रक्रिया की जानकारी ली।
प्रशासन की चौकसी: केंद्रों का औचक निरीक्षण
डीएम और पुलिस अधीक्षक (SP) ने जिले के कई परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। इन केंद्रों में राजकीय कन्या मध्य विद्यालय, गांधी इंटर विद्यालय, और संत जोसेफ स्कूल शामिल थे। निरीक्षण के दौरान जिला प्रशासन ने परीक्षा केंद्राधीक्षकों और दंडाधिकारियों को निर्देश दिए कि परीक्षा शांतिपूर्ण और कदाचारमुक्त ढंग से आयोजित हो।
सीसीटीवी और जैमर जैसी तकनीकी व्यवस्थाओं ने परीक्षा में पारदर्शिता को और मजबूती दी। सभी केंद्रों का लाइव टेलीकास्ट जिला समाहरणालय में बने कंट्रोल रूम में किया गया, जहां से पल-पल की जानकारी ली जाती रही।
आंकड़ों में परीक्षा: उपस्थिति और अनुपस्थिति
परीक्षा में कुल 11,964 अभ्यर्थियों में से 8,028 परीक्षार्थी उपस्थित रहे, जबकि 3,936 अनुपस्थित रहे। इस तरह परीक्षा में लगभग 67% उपस्थिति दर्ज की गई।
सबसे अधिक परीक्षार्थियों की उपस्थिति ज्ञान भारती, मॉडल रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स (धनवां, हिसुआ) में रही, जहां 965 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। वहीं, सबसे कम उपस्थिति दिल्ली पब्लिक स्कूल (गोनावां) में दर्ज की गई, जहां केवल 192 परीक्षार्थी उपस्थित रहे।
परीक्षा में कदाचारमुक्त माहौल कैसे बना?
परीक्षा के दौरान कदाचार रोकने के लिए चार-स्तरीय दंडाधिकारी व्यवस्था लागू की गई। परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बल और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की गई। इसके अलावा, अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए पानी, शौचालय, और बैठने की व्यवस्था की गई थी।
परीक्षा अवधि के दौरान, फोटो स्टेट की दुकानों, साइबर कैफे और इंटरनेट सेवा को सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक बंद रखा गया। यह कदम किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को रोकने के लिए उठाया गया था।
इतिहास में प्रशासन की सख्ती और BPSC की प्रतिष्ठा
बिहार में लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं लंबे समय से छात्रों के भविष्य और राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण रही हैं। हालांकि, बीते वर्षों में कदाचार और धांधली की घटनाओं ने इस परीक्षा की साख को चुनौती दी थी। लेकिन हाल के वर्षों में तकनीकी हस्तक्षेप और प्रशासनिक सख्ती ने परीक्षाओं को पारदर्शी बनाया है।
इस बार नवादा प्रशासन ने इसे और बेहतर बनाने के लिए हर कदम पर सख्ती और निगरानी सुनिश्चित की। यह न केवल BPSC की प्रतिष्ठा को बनाए रखने में सहायक साबित होगा, बल्कि छात्रों में परीक्षा प्रणाली के प्रति विश्वास भी बढ़ाएगा।
परीक्षा से आगे की उम्मीदें
BPSC की यह परीक्षा सिर्फ एक प्रतियोगी परीक्षा नहीं, बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक बदलाव का प्रतीक भी है। नवादा प्रशासन की सख्त निगरानी और बेहतर प्रबंधन ने इसे निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया।
इस सटीक और निष्पक्ष प्रक्रिया के बाद अब देखना होगा कि कैसे यह परीक्षा छात्रों के भविष्य को आकार देती है। क्या बिहार प्रशासन की यह सख्ती भविष्य में और बेहतर परिणाम ला सकती है? अपने विचार साझा करें!
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