शांति नगर बारीडीह बस्ती में हुआ माता का जागरण। भजनों और नृत्य का कार्यक्रम पूरी रात चलता रहा, श्रद्धालुओं ने मां की भक्ति में सराबोर होकर मनाया उत्सव।

शांति नगर बारीडीह बस्ती में माता के जागरण का आयोजन 10 सितंबर 2024 को रात 10 बजे से शुरू हुआ और 11 सितंबर की सुबह 5 बजे तक चला। इसमें भजनों, नृत्य और संगीत के माध्यम से भक्तों ने मां की भक्ति में डूबकर रात बिताई।

Sep 11, 2024 - 10:36
Sep 11, 2024 - 18:08
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शांति नगर बारीडीह बस्ती में हुआ माता का जागरण। भजनों और नृत्य का कार्यक्रम पूरी रात चलता रहा, श्रद्धालुओं ने मां की भक्ति में सराबोर होकर मनाया उत्सव।
शांति नगर बारीडीह बस्ती में हुआ माता का जागरण। भजनों और नृत्य का कार्यक्रम पूरी रात चलता रहा, श्रद्धालुओं ने मां की भक्ति में सराबोर होकर मनाया उत्सव।

माता का जागरण: शांति नगर में भक्ति और नृत्य से सजी रात

बारीडीह बस्ती, शांति नगर, 10-11 सितंबर 2024: शांति नगर, बारीडीह  बस्ती में माता का जागरण बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस भव्य आयोजन का शुभारंभ 10 सितंबर 2024 की रात 10 बजे हुआ और यह कार्यक्रम पूरी रात चलता रहा। भजनों, नृत्य और भक्ति की इस अविस्मरणीय रात का समापन 11 सितंबर की सुबह 5 बजे हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन आज़ाद हिंद क्लब द्वारा किया गया था, जिसमें हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

उत्सव में भक्ति और संगीत का संगम
यह धार्मिक उत्सव शांति नगर की प्रमुख परंपराओं में से एक है, जो पिछले कई वर्षों से लगातार आयोजित किया जा रहा है। इसमें शांति नगर और आसपास के क्षेत्रों की महिलाएँ हर साल की तरह इस बार भी एकजुट होकर माता रानी की भक्ति में भाग लेने पहुंची। पूरा माहौल भक्तिमय हो गया था और मां की महिमा के भजनों से शांति नगर गूंज उठा।

कार्यक्रम की शुरुआत रात 10 बजे हुई, जब आज़ाद हिंद क्लब के सदस्यों ने माता रानी के सामने दीप जलाकर भक्तिपूर्ण वातावरण में उत्सव का उद्घाटन किया। भजनों और भक्ति गीतों के माध्यम से श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था प्रकट की और माता रानी के आशीर्वाद की कामना की। इस आयोजन की खास बात यह रही कि इस बार भी हर उम्र के लोग इस आयोजन में शरीक हुए।

भजन गायकों और ऑर्केस्ट्रा ने बांधा समां
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई जाने-माने भजन गायक और संगीतकार पहुंचे। इस जागरण की भव्यता को बढ़ाने में भजन गायक प्रभात बाबा, अविनाश बाबू और अनामिका जी जैसे गायकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने माता रानी के भक्ति गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके साथ बिट्टू ऑक्टोपैड और देवाशीष पैड प्लेयर जैसे कलाकारों ने अपने संगीत से माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया।

साउंड सिस्टम का जिम्मा सोनू भैया के हाथों में था, जिन्होंने पूरी रात भजनों और संगीत को सुरीले अंदाज में पेश किया। रोहित गुलाटी सुरज भाई और उनके ग्रुप ने भी भजनों में अपनी विशेष प्रस्तुति दी, जिसने सबका ध्यान आकर्षित किया।

सुराज प्रिय नृत्य नाटिका ग्रुप ने अपने नृत्य के माध्यम से भक्तिमय प्रस्तुति दी, जिसने सभी को भक्ति में डुबो दिया। उनके द्वारा प्रस्तुत नृत्य और नाटिकाओं ने भक्ति के रंग में और भी चार चांद लगा दिए।

समिति की मेहनत और लगन से हुआ आयोजन
इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन आज़ाद हिंद क्लब द्वारा किया गया, जिसमें उज्ज्वल सिंह (अध्यक्ष), मून, हनी, गोलू, सूरज, राजा और अन्य कई सदस्य शामिल थे। उन्होंने माता रानी के इस जागरण को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की। इनके प्रयासों से यह आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हुआ और भक्तों को भक्ति का अद्भुत अनुभव मिला।

माता रानी की कृपा से अनवरत चलती है यह परंपरा
शांति नगर में माता का यह जागरण हर साल बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है और यह परंपरा पिछले कई वर्षों से लगातार चली आ रही है। यहां की महिलाओं का इसमें विशेष योगदान रहता है, जो हर साल इस आयोजन में पूरी निष्ठा से भाग लेती हैं। जागरण में श्रद्धालुओं ने न केवल भक्ति गीतों का आनंद लिया, बल्कि माता रानी के आशीर्वाद के लिए पूरी रात जगे रहे।

रात भर चला जागरण और भक्ति गीतों का दौर
जागरण के दौरान श्रद्धालुओं ने माता रानी के लिए विभिन्न प्रकार के भजनों और गीतों का आनंद लिया। भजनों के साथ-साथ भक्तों ने माता रानी के चरणों में प्रसाद अर्पित किया और अपनी मनोकामनाओं के लिए प्रार्थना की। माता रानी के जागरण में शामिल हुए श्रद्धालु पूरी रात भक्ति में लीन रहे और उन्होंने अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए माता रानी की कृपा पाने के लिए प्रार्थना की।

सुबह 5 बजे हुआ समापन
इस भव्य जागरण का समापन सुबह 5 बजे हुआ। कार्यक्रम के समापन के दौरान भक्तों ने माता रानी से आशीर्वाद लिया और सभी ने एकजुट होकर इस धार्मिक उत्सव को सफल बनाने के लिए आयोजकों की सराहना की।

भक्ति और समर्पण की अनूठी मिसाल
माता का जागरण शांति नगर की धार्मिक परंपराओं में से एक है, जिसे पूरे उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह आयोजन न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि समाज में एकजुटता और सहयोग की भावना को भी दर्शाता है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।