Majhgaon Accident: शादी से लौट रही बोलेरो अनियंत्रित होकर गड्ढे में पलटी, 3 की दर्दनाक मौत!
मझगांव में भीषण सड़क हादसा! शादी से लौट रही बोलेरो अनियंत्रित होकर गड्ढे में गिरी, 3 की मौके पर मौत! तेज रफ्तार बनी काल, पढ़ें पूरी खबर।

पश्चिमी सिंहभूम: शादी की खुशियां मातम में बदल गईं जब मझगांव में एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। बीती रात ओडिशा से शादी समारोह के बाद लौट रहे ग्रामीणों की बोलेरो गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गड्ढे में पलट गई, जिससे तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों में एक महिला और दो पुरुष शामिल हैं। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
कैसे हुआ हादसा? जानिए पूरा मामला
हादसा मझगांव-जैंतगढ़ मुख्य सड़क के गाड़ासाई डोंगाबुराय इलाके में हुआ, जहां एक तीखा मोड़ मौजूद है।
- बीती रात ग्रामीण ओडिशा में एक शादी समारोह में शामिल होकर बोलेरो से वापस लौट रहे थे।
- जब गाड़ी गाड़ासाई डोंगाबुराय के पास पहुंची, तो तीखे मोड़ पर अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गड्ढे में गिर गई।
- दुर्घटना इतनी भीषण थी कि गाड़ी पूरी तरह पलट गई और उसमें सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गाड़ी की रफ्तार काफी तेज थी, और मोड़ पर संतुलन खो देने के कारण यह हादसा हुआ।
क्या गाड़ी की तेज रफ्तार बनी मौत की वजह?
भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चलाना है।
अगर हम पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो झारखंड में हर साल सैकड़ों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं। खासकर गांवों और छोटे कस्बों की सड़कों पर तेज रफ्तार वाहन अकसर हादसों का कारण बनते हैं।
- 2022 में झारखंड में लगभग 5000 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
- ग्रामीण इलाकों में अक्सर सड़कें संकरी और घुमावदार होती हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना और बढ़ जाती है।
- मझगांव-जैंतगढ़ रोड भी इन्हीं खतरनाक सड़कों में से एक मानी जाती है, जहां पहले भी कई हादसे हो चुके हैं।
क्या प्रशासन लेगा कोई बड़ा एक्शन?
यह कोई पहला मौका नहीं है जब मझगांव-जैंतगढ़ रोड पर ऐसा हादसा हुआ हो।
- इससे पहले भी इस सड़क के कई खतरनाक मोड़ पर हादसे हो चुके हैं।
- स्थानीय लोग कई बार प्रशासन से इन सड़कों की मरम्मत और चेतावनी संकेत लगाने की मांग कर चुके हैं।
- अक्सर सड़क किनारे गड्ढों और खराब रोशनी के कारण वाहन चालकों को मोड़ नजर नहीं आते, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ती हैं।
गांव में मातम, परिवारों में छाया दुख
इस हादसे में मृतकों के परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
गांव में शादी की खुशियां थीं, लेकिन अब वहां सिर्फ चीख-पुकार सुनाई दे रही है।
मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मृतकों के परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।
कैसे बच सकते हैं ऐसे हादसों से? वाहन चालकों के लिए जरूरी सावधानियां
इस तरह के सड़क हादसों से बचने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां अपनाना बेहद जरूरी है—
गति सीमा का पालन करें: ग्रामीण और घुमावदार सड़कों पर अधिकतम 40-50 kmph की स्पीड रखें।
रात में यात्रा से बचें: अंधेरे में सड़क का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है, इसलिए दिन में यात्रा करें।
सावधानी से मोड़ लें: तीखे मोड़ों पर धीमी गति से वाहन चलाएं और हॉर्न का प्रयोग करें।
वाहन की सही स्थिति जांचें: यात्रा से पहले ब्रेक, टायर और लाइट की जांच करें।
सीट बेल्ट और सुरक्षा उपाय अपनाएं: सभी सवारियों को सीट बेल्ट लगाना चाहिए।
अब क्या होगा? जांच से क्या निकलेगा?
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या हादसे की वजह सिर्फ तेज रफ्तार थी या फिर कोई और तकनीकी खराबी भी थी।
अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस बार सड़कों की हालत सुधारने और सुरक्षा उपाय बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाएगा या फिर यह हादसा भी अन्य सड़क दुर्घटनाओं की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।
निष्कर्ष: क्या सरकार जागेगी?
झारखंड की कई ग्रामीण सड़कों पर सुरक्षा इंतजामों की भारी कमी है, और इस हादसे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं आगे भी होती रहेंगी।
अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार और प्रशासन इन हादसों से कोई सबक लेगा या फिर आम जनता की जान इसी तरह जोखिम में बनी रहेगी?
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