Kovali River Accident : नागा नदी में डूबे मछुआरे की मौत, शव मिला झाड़ियों में
कोवाली प्रखंड के केन्दमुड़ी गांव में 60 वर्षीय राजबल्लभ गोप नागा नदी में डूब गए। लगातार बारिश के बाद तेज बहाव में वे बह गए, शव बरामद।
कोवाली: कोवाली प्रखंड के केन्दमुड़ी गांव में मंगलवार की सुबह एक हृदय विदारक घटना सामने आई, जब 60 वर्षीय राजबल्लभ गोप नागा नदी में डूब गए। यह घटना उस समय हुई, जब वे राशन लेने के बाद नदी किनारे मछली पकड़ने पहुंचे थे। लगातार हुई बारिश के कारण नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और तेज बहाव में राजबल्लभ बह गए।
मछली पकड़ते समय हुआ हादसा
परिवार के अनुसार, राजबल्लभ गोप ट्रैक्टर चलाने का काम करके घर लौट रहे थे। रास्ते में उन्होंने जन वितरण प्रणाली की दुकान से राशन लिया और फिर नदी किनारे मछली पकड़ने का निर्णय किया। अचानक आई तेज धारा ने उन्हें पकड़ लिया और वे संभल नहीं पाए।
मृतक के भाई प्राण बल्लभ गोप ने बताया कि बारिश के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा। इसी तेज बहाव में राजबल्लभ की पकड़ कमजोर हो गई और वे पानी में बह गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि नदी का यह हिस्सा हमेशा तेज बहाव वाला रहा है, लेकिन इस बार मौसम की अचानक तबाही ने हादसे को और भयावह बना दिया।
गुमशुदगी से शव बरामदगी तक
राजबल्लभ के गुम होने की सूचना मिलने के बाद कोवाली थाना पुलिस ने खोजबीन शुरू की। बुधवार को परिजनों ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। गुरुवार को नदी किनारे झाड़ियों में उनका शव फंसा हुआ मिला। शव की पहचान के बाद पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
स्थानीय लोग और परिवारिक सदस्य हादसे के बारे में बताते हुए कह रहे थे कि नदी के इस हिस्से में पिछले कई सालों में कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। 10 साल पहले भी इसी नदी में एक मछुआरे की डूबने की घटना हुई थी, लेकिन उस समय बचाव दल ने तेजी से कार्रवाई करके उसे सुरक्षित बाहर निकाला था।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
परिजनों और ग्रामीणों ने हादसे को लेकर चिंता व्यक्त की। उनका कहना है कि बारिश और नदी का तेज बहाव इलाके में हमेशा जोखिम पैदा करता है। स्थानीय निवासी भी बार-बार प्रशासन से सुरक्षा के लिए चेतावनी देने के बावजूद पर्याप्त उपाय नहीं किए जाने से निराश हैं।
एक ग्रामीण ने कहा, "राजबल्लभ का जाना हमारे लिए बहुत दुखद है। हमें उम्मीद है कि प्रशासन भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत करेगा।"
प्रशासन और पुलिस की भूमिका
कोवाली थाना पुलिस ने बताया कि वे इस मामले में पूरी गहन जांच कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने नदी किनारे चेतावनी बोर्ड लगाने और ग्रामीणों को सावधानी बरतने के लिए निर्देश देने की बात कही।
स्थानीय प्रशासन ने भी कहा कि इस क्षेत्र में जलस्तर बढ़ने और अचानक तेज बहाव आने पर ग्रामीणों को तुरंत सूचना देने की प्रणाली विकसित की जाएगी।
नदी और मौसम का ऐतिहासिक संदर्भ
नागा नदी का यह हिस्सा हमेशा मछली पकड़ने वालों और स्थानीय लोगों के लिए खतरनाक रहा है। इतिहास में दर्ज है कि हर साल मानसून में नदी का जलस्तर बढ़ता है और कई बार लोग नदी में बह जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन द्वारा बचाव दल और चेतावनी संकेत लगाने की कोशिश की जाती है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
सवाल अब भी बरकरार है: क्या प्रशासन और पुलिस की सतर्कता से भविष्य में ऐसे मौत के हादसों को रोका जा सकेगा? और क्या नदी के खतरनाक हिस्सों पर सुरक्षा उपायों को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा?
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