Jamshedpur Celebration: "केरला पब्लिक स्कूल में प्री-प्राइमरी नाइट, बच्चों ने दिखाया अद्भुत आत्मविश्वास!
जमशेदपुर के केरला पब्लिक स्कूल, बर्मामाइंस में प्री-प्राइमरी नाइट का आयोजन हुआ। बच्चों ने आत्मविश्वास और कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। जानें इस खास इवेंट की पूरी जानकारी।
जमशेदपुर: केरला पब्लिक स्कूल, बर्मामाइंस में शुक्रवार की रात एक यादगार कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसने बच्चों के आत्मविश्वास को एक नई उड़ान दी। प्री-प्राइमरी नाइट नामक इस कार्यक्रम में नन्हे कलाकारों ने अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना से हुआ, जिसे सुनकर पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। इसके बाद, मुख्य अतिथि जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष कुमार पांडे, विद्यालय के अध्यक्ष डॉ. श्रीकांत नायर और प्राचार्य प्रियंका बरुआ ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया।
बच्चों के सर्वांगीण विकास की ओर कदम
मुख्य अतिथि मनोज कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा,
"केरला पब्लिक स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। यहां न केवल बच्चों को किताबी ज्ञान दिया जाता है, बल्कि उनके व्यक्तित्व निर्माण और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए भी विशेष प्रयास किए जाते हैं। ऐसे कार्यक्रम बच्चों को आत्म-निर्भर और सशक्त बनाते हैं।"
वहीं, विद्यालय की प्राचार्य प्रियंका बरुआ ने कहा,
"शिक्षा सिर्फ पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं होनी चाहिए। बच्चों के चतुर्मुखी विकास के लिए इस तरह के सांस्कृतिक और रचनात्मक कार्यक्रम बेहद जरूरी हैं। यह न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें सामाजिक और बौद्धिक रूप से भी सशक्त बनाता है।"
बच्चों की शानदार प्रस्तुतियां
प्री-प्राइमरी नाइट के दौरान छोटे-छोटे बच्चों ने अपने टैलेंट का ऐसा प्रदर्शन किया कि वहां मौजूद हर किसी की तालियां रुकने का नाम नहीं ले रही थीं। कार्यक्रम में प्रस्तुत किए गए रंगारंग नृत्य, नाटक और गीतों ने सभी का दिल जीत लिया।
- कुछ बच्चों ने लोकनृत्य प्रस्तुत किया, जिससे भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिली।
- कहानी पर आधारित एक नाटक ने सामाजिक संदेश दिया और दर्शकों को भावुक कर दिया।
- ग्रुप डांस और सोलो परफॉर्मेंस में बच्चों की एनर्जी देखने लायक थी।
बच्चों की इस सफलता के पीछे शिक्षकों की मेहनत भी साफ झलक रही थी। उन्होंने बच्चों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इतिहास की नजर से देखें तो…
अगर हम प्री-प्राइमरी शिक्षा के इतिहास को देखें, तो पहले के समय में बच्चों को औपचारिक शिक्षा देने की परंपरा नहीं थी। वे खेल-खेल में सीखते थे और घर के बड़े उन्हें नैतिकता और जीवन कौशल सिखाते थे। लेकिन बदलते समय के साथ शिक्षा प्रणाली में काफी बदलाव आया और प्री-प्राइमरी स्कूलिंग अब बच्चों के बौद्धिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है।
अभिभावकों की खुशी का ठिकाना नहीं
इस कार्यक्रम में बच्चों के माता-पिता भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। वे अपने बच्चों को आत्मविश्वास से भरा हुआ देखकर गर्व महसूस कर रहे थे। एक अभिभावक ने कहा,
"इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों को मंच पर आने और अपनी कला दिखाने का अवसर मिलता है। यह उनके विकास के लिए बहुत जरूरी है।"
कार्यक्रम में डॉ. रचना नायर, शरद चंदन, मनोरमा नायर, सुभदीप सरकार, आनंद, सुमन सरकार, रीता रानी, करनदीप सिंह जैसे शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी विशेष योगदान दिया।
बच्चों का उज्ज्वल भविष्य
केरला पब्लिक स्कूल, बर्मामाइंस द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम यह साबित करता है कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए रचनात्मक गतिविधियां भी उतनी ही जरूरी हैं। इस आयोजन ने यह भी दिखाया कि आत्मविश्वास, प्रदर्शन और सामाजिक कौशल विकसित करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम अत्यंत आवश्यक हैं।
विद्यालय प्रशासन ने इस बात का आश्वासन दिया कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे ताकि बच्चों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का अवसर मिलता रहे।
What's Your Reaction?