Palamu Demand: राजहरा कोलियरी में उत्खनन कब होगा शुरू? सांसद विष्णु दयाल राम ने उठाई आवाज!
पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात कर राजहरा कोलियरी में उत्खनन शुरू करने की मांग की। जानें, विस्थापितों को नौकरी देने में क्यों हो रही है देरी?
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पलामू: झारखंड का राजहरा कोलियरी कब खुलेगा? विस्थापितों को रोजगार कब मिलेगा? ये सवाल पिछले कई सालों से यहां के लोगों की जुबान पर हैं। इसी को लेकर पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम ने नई दिल्ली स्थित शास्त्री भवन में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात की और इस मामले को लेकर गंभीर चर्चा की।
सांसद ने बताया कि राजहरा कोलियरी को खोलने की सारी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं। 20 विस्थापितों को नौकरी देने की स्वीकृति भी मिल चुकी है, लेकिन फिर भी परियोजना को अनावश्यक रूप से अटका दिया गया है। यह देरी क्षेत्र के विकास में बाधा बन रही है और स्थानीय लोगों में नाराजगी बढ़ा रही है।
राजहरा कोलियरी का महत्व: इतिहास पर एक नजर
राजहरा कोलियरी झारखंड के पलामू जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण कोयला खदान है। यह क्षेत्र कभी कोयला उत्पादन में अग्रणी था, लेकिन विभिन्न कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों के कारण इसे बंद करना पड़ा। इस खदान के फिर से चालू होने से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
झारखंड भारत के कोयला उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है। सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (CCL) जैसी कंपनियां यहां कोयला उत्पादन का कार्य करती हैं। लेकिन कई ऐसी खदानें हैं, जो कागजी कार्यवाही और नौकरशाही की देरी के कारण अब तक चालू नहीं हो पाई हैं। राजहरा कोलियरी भी इन्हीं में से एक है।
क्या है मुख्य समस्या?
सांसद विष्णु दयाल राम का कहना है कि राजहरा कोलियरी को खोलने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं।
- अटॉर्नी जनरल की मंजूरी भी मिल गई है।
- सिर्फ 20 विस्थापितों को नौकरी देने का मामला अटका हुआ था, लेकिन अब इसकी भी स्वीकृति मिल गई है।
- फिर भी अनावश्यक रूप से परियोजना में देरी की जा रही है।
कोयला मंत्री ने दिए निर्देश
सांसद की इस मांग पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने तुरंत संज्ञान लिया और सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (CCL), दरभंगा हाउस, रांची के प्रबंध निदेशक, पलामू के उपायुक्त और सांसद विष्णु दयाल राम की मौजूदगी में एक बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि राजहरा कोलियरी से जुड़ी सभी अड़चनों को जल्द से जल्द दूर किया जाए ताकि कोयले का उत्खनन प्रारंभ हो सके।
राजहरा कोलियरी चालू होने से क्या होंगे फायदे?
अगर यह खदान फिर से चालू हो जाती है, तो इससे क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं:
- रोजगार के नए अवसर: स्थानीय लोगों को नौकरी मिलेगी, जिससे पलायन रुकेगा।
- आर्थिक सुधार: कोयला उत्पादन से राज्य और केंद्र सरकार को राजस्व मिलेगा।
- औद्योगिक विकास: खदान चालू होने से आसपास के उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
- स्थानीय व्यवसायों को मजबूती: छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को भी फायदा होगा।
आगे की राह
अब सवाल यह है कि क्या सरकार इस बैठक के बाद राजहरा कोलियरी को जल्द चालू कर पाएगी? या फिर यह मामला फाइलों में ही दबकर रह जाएगा?
पलामू के लोगों की निगाहें अब इस बैठक पर टिकी हुई हैं। अगर जल्द ही इस खदान का संचालन शुरू होता है, तो यह झारखंड के कोयला उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
सांसद विष्णु दयाल राम ने यह साफ कर दिया है कि वे इस मुद्दे को हल होने तक छोड़ने वाले नहीं हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन और सरकार कब तक इस मामले पर ठोस कार्रवाई करती है।
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