दीपावली पर सिर्फ 2 घंटे ही फोड़ सकेंगे पटाखे, झारखंड प्रदूषण बोर्ड ने जारी किए नए निर्देश

झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली, छठ और नववर्ष पर पटाखे फोड़ने के लिए नए नियम जारी किए हैं। दीपावली पर सिर्फ रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी।

Oct 24, 2024 - 19:24
Oct 24, 2024 - 19:28
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दीपावली पर सिर्फ 2 घंटे ही फोड़ सकेंगे पटाखे, झारखंड प्रदूषण बोर्ड ने जारी किए नए निर्देश
दीपावली पर सिर्फ 2 घंटे ही फोड़ सकेंगे पटाखे, झारखंड प्रदूषण बोर्ड ने जारी किए नए निर्देश

रांची, 24 अक्टूबर 2024: झारखंड प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस वर्ष भी दीपावली पर पटाखे फोड़ने के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी है। जारी आदेश के अनुसार, दीपावली के दिन सिर्फ रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे। इसके साथ ही, पटाखों की ध्वनि सीमा भी तय की गई है। 125 डेसिबल से अधिक ध्वनि वाले पटाखे न बेचने और न फोड़ने का निर्देश दिया गया है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

बोर्ड ने यह कदम पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है। अत्यधिक ध्वनि और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाकर, राज्य सरकार दीपावली के उत्सव को सुरक्षित और स्वच्छ बनाना चाहती है।

छठ और नववर्ष पर भी निर्धारित समय

दीपावली के अलावा, छठ और नववर्ष के लिए भी पटाखे फोड़ने का समय निर्धारित किया गया है। छठ पर्व पर सुबह 6:00 से 8:00 बजे तक और नववर्ष की रात 11:55 बजे से 12:20 बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकेंगे। इसके तहत लोगों से अपील की गई है कि वे नियमों का पालन करें और निर्धारित समय में ही आतिशबाजी करें।

पटाखों में खतरनाक रसायनों पर भी प्रतिबंध

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लिथियम, आर्सेनिक, एंटीमनी, लेड और कर्करी जैसे खतरनाक रसायनों वाले पटाखों की बिक्री पर भी सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। ऐसे पटाखे बेचने वाले दुकानदारों की अनुज्ञप्ति जब्त कर ली जाएगी। इसके साथ ही, बोर्ड ने ऑनलाइन पटाखों की बिक्री पर भी निगरानी रखने का निर्णय लिया है, ताकि इन नियमों का उल्लंघन न हो सके।

प्रदूषण और स्वास्थ्य पर असर

बोर्ड ने चेतावनी दी है कि अधिक आतिशबाजी से वातावरण में कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर और बेंजोइन जैसी हानिकारक गैसों का स्तर बढ़ सकता है, जिससे ऑक्सीजन की मात्रा कम हो सकती है। इससे वातावरण पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और ओजोन परत को भी नुकसान पहुंच सकता है।

यह कदम पर्यावरण की सुरक्षा और जनता के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए उठाया गया है। सभी नागरिकों से आग्रह है कि वे इन नियमों का पालन करें और एक सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाएं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।