Jamshedpur Raid: मानगो दाईगुट्टू के हथियार बनाने वाले गोविंद शर्मा का भंडाफोड़, पुलिस ने किया गिरफ्तार

जमशेदपुर पुलिस ने गोविंद शर्मा के घर से हथियार बनाने का बड़ा मामला उजागर किया। जानिए कैसे पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और हथियार सप्लाई का पूरा मामला।

Dec 1, 2024 - 14:07
Dec 1, 2024 - 17:01
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Jamshedpur Raid: मानगो दाईगुट्टू के हथियार बनाने वाले गोविंद शर्मा का भंडाफोड़, पुलिस ने किया गिरफ्तार
Jamshedpur Raid: मानगो दाईगुट्टू के हथियार बनाने वाले गोविंद शर्मा का भंडाफोड़, पुलिस ने किया गिरफ्तार

1 दिसंबर 2024: जमशेदपुर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए हथियार बनाने और सप्लाई करने के गिरोह का पर्दाफाश किया है। मानगो दाईगुट्टू निवासी गोविंद शर्मा को घर में पिस्तौल बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उसके साथ उसके सहयोगी गोपाल साव को भी पकड़ा। इस अभियान की जानकारी शनिवार को डीएसपी (हेड क्वार्टर वन) भोला प्रसाद सिंह ने दी।

गुप्त सूचना और छापेमारी की पूरी कहानी

पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि गोविंद शर्मा अपने घर में हथियार बना रहा है। इसके बाद, एक टीम गठित कर उसके घर पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान पुलिस ने एक पिस्तौल के अलावा हथियार बनाने के औजार और अन्य सामग्री बरामद की। यह घटना पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, खासकर ऐसे समय में जब देश में अवैध हथियारों का चलन बढ़ता जा रहा है।

माना जाता है कि गोविंद शर्मा अपराध की दुनिया का जाना-पहचाना नाम

गोविंद शर्मा पर हथियार बनाने का आरोप पहले भी लग चुका है। वर्ष 2018 में वह इसी मामले में जेल जा चुका था। जेल से जमानत पर छूटने के बाद उसने फिर से अवैध हथियार बनाने का काम शुरू कर दिया था। पुलिस के मुताबिक, गोविंद ने बरामद पिस्तौल को 40 हजार रुपये में बेचने की योजना बनाई थी। इसके लिए उसने दो हजार रुपये का एडवांस भी ले लिया था।

मुखबिर ने की पुलिस की मदद

पुलिस ने मुखबिर की मदद से गोविंद शर्मा को पकड़ने का जाल बिछाया। मुखबिर को पिस्तौल का संभावित खरीदार बना कर भेजा गया। मुखबिर ने गोविंद से दो हजार रुपये दिए और पिस्तौल बनाने की प्रक्रिया पूरी करवाई। जैसे ही पिस्तौल तैयार हुई, गोविंद ने उसकी तस्वीर भी मुखबिर को भेजी। ताकि गोविंद को शक ना हो, पुलिस ने उसे 10 कट्टे बनाने का ऑर्डर दिया। हालांकि, गोविंद ने केवल चार कट्टे बनाने की रजामंदी दी, और प्रति कट्टा पांच हजार रुपये की कीमत तय हुई।

गोपाल साव की गिरफ्तारी से मिली सफलता

पुलिस ने पहले गोपाल साव को पकड़ा और उसके जरिए गोविंद शर्मा तक पहुंची। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली और पिस्तौल बनाने के औजार बरामद किए। यह कार्रवाई पुलिस के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है, जिसने अवैध हथियारों की बिक्री को रोकने के लिए ठोस कदम उठाया।

क्यों महत्वपूर्ण है यह मामला?

इस तरह की घटनाएं यह दिखाती हैं कि अवैध हथियारों का कारोबार समाज में कितनी तेजी से फैलता जा रहा है। हथियारों की अवैध बिक्री से अपराध की दर बढ़ सकती है और समाज में असुरक्षा का माहौल बनता है। पुलिस की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

समाज और पुलिस की जिम्मेदारी

इस मामले ने समाज और पुलिस दोनों को यह याद दिलाया कि सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए सतर्कता और कठोर कदम आवश्यक हैं। पुलिस की यह कार्रवाई पूरे क्षेत्र के लिए एक चेतावनी है कि अवैध गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।