Jharkhand Weather Alert: आंधी-तूफान और वज्रपात का खतरा, अगले 72 घंटे रहिए सतर्क!
झारखंड में अगले 72 घंटे तक आंधी-तूफान और वज्रपात की आशंका के बीच मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। जानिए किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा और क्यों कहा जा रहा है कि 22 अप्रैल तक मौसम रहेगा 'कूल-कूल'।

झारखंड में मौसम का मिजाज फिर से करवट ले रहा है। अगर आप इस हफ्ते की छुट्टियों या ऑफिस प्लान बना रहे हैं तो ज़रा ठहरिए, क्योंकि मौसम विभाग (IMD) की नई चेतावनी बताती है कि आने वाले 72 घंटे बेहद संवेदनशील हैं। तेज हवाएं, गरज, झमाझम बारिश और वज्रपात—ये चारों मिलकर अगले तीन दिन तक पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले सकते हैं।
इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने राज्य के कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इसका मतलब है कि आम लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। विशेष रूप से गुरुवार, 17 अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल तक मौसम की तीव्रता अचानक बढ़ सकती है।
कैसा रहेगा मौसम 22 अप्रैल तक?
मौसम विभाग का पूर्वानुमान कहता है कि 22 अप्रैल तक झारखंड "कूल-कूल" रहेगा, यानी तापमान में गिरावट के साथ-साथ बारिश और ठंडी हवाओं का सिलसिला जारी रहेगा। दिन में धूप और शाम होते-होते बारिश—यह ट्रेंड अगले कुछ दिनों तक दिखाई देगा।
खास बात ये है कि जिन लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत चाहिए, उनके लिए यह मौसम तोहफे जैसा है। लेकिन बिजली गिरने और तेज़ हवाओं की आशंका इसे खतरनाक भी बना रही है।
कहां-कहां है ज्यादा खतरा?
17 अप्रैल को झारखंड के 18 जिलों में तेज हवाएं चलने और वज्रपात की चेतावनी दी गई है। इन जिलों में रांची, खूंटी, गुमला, लातेहार, हजारीबाग, चाईबासा, बोकारो, गिरिडीह, कोडरमा और धनबाद जैसे इलाके शामिल हैं।
इन जिलों के किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वालों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। खेतों में काम कर रहे किसान, खुले मैदानों में खेलने वाले बच्चे और छत पर समय बिताने वालों के लिए यह समय खतरे भरा हो सकता है।
इतिहास में झारखंड के तूफानी दिन
झारखंड में अप्रैल-मई का समय अक्सर मौसम में बदलाव का समय माना जाता है। बीते वर्षों में भी इसी दौरान कई बार अचानक तेज बारिश और वज्रपात ने कहर बरपाया है।
2020 में चाईबासा और रांची में अचानक आई आंधी ने दर्जनों पेड़ उखाड़ दिए थे और बिजली गिरने से कई लोगों की जान भी चली गई थी।
पिछले 24 घंटे की स्थिति कैसी रही?
पिछले 24 घंटे में मौसम ने झारखंड में अपनी पहली दस्तक दे दी है। कुछ जिलों में आंधी-तूफान के साथ बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश खूंटी जिले में 42 मिमी रिकॉर्ड की गई। वहीं सबसे अधिक तापमान डाल्टनगंज में 36.6°C और सबसे कम न्यूनतम तापमान धनबाद में 17.7°C रहा।
इससे यह साफ है कि तापमान में भारी अंतर के कारण वातावरण में उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है, जो आने वाले तूफानों का संकेत है।
मौसम विभाग की सिफारिशें
IMD ने जनता से आग्रह किया है कि:
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जब आंधी या वज्रपात हो रहा हो, तब खुले मैदान या पेड़ों के नीचे खड़े न हों।
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मोबाइल या धातु की वस्तुएं बाहर इस्तेमाल न करें।
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घरों की बिजली लाइनों से सतर्क रहें।
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जरूरी न हो तो सफर टाल दें।
सावधानी ही सुरक्षा है
जहां एक ओर झारखंड के लोग गर्मी से राहत की आस लगा रहे हैं, वहीं ये तूफानी मौसम उनके लिए खतरे की घंटी भी बजा रहा है। तेज हवाएं, वज्रपात और बारिश से जन-धन का नुकसान न हो, इसके लिए अब सतर्कता जरूरी है।
तो अगर आप झारखंड में हैं, खासकर रांची, खूंटी या धनबाद जैसे जिलों में, तो अगले तीन दिन संभलकर रहें—क्योंकि मौसम इस बार कुछ ज्यादा ही "सीरियस" है!
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