Jamshedpur Tragedy: आत्महत्या की गुत्थी उलझी! सिदगोड़ा में टेंपो चालक बबलू यादव ने फांसी लगाई, बच्चों को घर से निकालने के बाद यह कदम क्यों?
जमशेदपुर के सिदगोड़ा थाना क्षेत्र में पारिवारिक विवाद के चलते टेंपो चालक बबलू यादव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बुधवार रात पत्नी और बच्चों को घर से निकालने के बाद गुरुवार दोपहर बच्चों ने उन्हें फंदे से लटका पाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जमशेदपुर के सिदगोड़ा थाना क्षेत्र स्थित भुइयाडीह की ग्वाला बस्ती में आज एक दर्दनाक और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पारिवारिक कलह के विनाशकारी परिणामों को एक बार फिर जाहिर कर दिया है। टेंपो चालक बबलू यादव (उम्र लगभग 30-35) ने गुरुवार दोपहर अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लेकिन यह केवल आत्महत्या का मामला नहीं है, बल्कि इससे एक रात पहले हुई घटनाओं की श्रृंखला जुड़ी हुई है, जो उनकी मौत को और भी जटिल बना देती है।
इतिहास गवाह है कि पारिवारिक तनाव अक्सर अंतिम और अप्रत्याशित कदमों की ओर ले जाता है। बबलू यादव की यह आत्महत्या भी इसी तरह की एक गुत्थी है, जिसमें पिता का गुस्सा, पत्नी और बच्चों को घर से निकालना और फिर खुद की जान लेना शामिल है।
देर रात की कलह और मारपीट
मृतक के बड़े भाई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बबलू यादव और उनके परिवार के बीच बुधवार रात को जमकर विवाद हुआ।
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विवाद की वजह: बबलू यादव बुधवार रात काफी देर से घर आए, जिसके बाद पारिवारिक कलह शुरू हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि बबलू ने घरवालों के साथ मारपीट की।
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पिता का गुस्सा: इस हिंसक घटना पर बबलू के पिता बहुत नाराज हुए। परिणामस्वरूप, बबलू ने क्रोध में आकर अपनी पत्नी और तीन बच्चों को घर से निकाल दिया।
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शरण: भाग्यवश, उनके पिता और बड़े भाई का घर बगल में ही था, जहाँ पत्नी और बच्चे रात बिताने चले गए।
बच्चों ने देखी सबसे दर्दनाक सुबह
अगले दिन गुरुवार दोपहर लगभग 12 बजे जब बच्चे घर वापस लौटे, तो उन्होंने जो देखा वह किसी भी बच्चे के लिए सबसे भयानक दृश्य हो सकता था। बच्चों ने अपने पिता बबलू यादव को फंदे से लटका पाया।
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तत्काल कार्रवाई: बच्चों ने तत्काल इसकी सूचना आसपास के लोगों और पुलिस को दी।
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पुलिस और अस्पताल: पुलिस मौके पर पहुँची और शव को फंदे से उतारकर आनंद-फानन में एमजीएम अस्पताल (MGM Hospital) पहुँचाया। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मौत के सही कारणों की जांच शुरू कर दी है। सवाल यह है कि पत्नी और बच्चों को घर से निकालने के कुछ ही घंटों के भीतर बबलू यादव ने यह चरमपंथी कदम क्यों उठाया? क्या यह केवल क्रोध और पछतावे का परिणाम था, या इसके पीछे कोई अन्य मानसिक कारण भी थे? यह घटना एक बार फिर परिवारों में बढ़ते मानसिक तनाव और घरेलू विवादों से निपटने के लिए परामर्श की जरूरत को रेखांकित करती है।
आपकी राय में, पारिवारिक कलह के दौरान अचानक आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए समुदाय स्तर पर कौन से दो तत्काल उपाय किए जा सकते हैं?
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