Jamshedpur Mystery: नीलडीह में कैसे हुई मौत? दो मंजिला से गिरा बिजली मिस्त्री, ठेकेदार पर सवाल, परिजनों को दो दिन बाद मिली शव की पहचान
जमशेदपुर के नीलडीह में काम के दौरान दो मंजिला से गिरकर बिजली मिस्त्री अनिल सिंकू की संदिग्ध मौत। घटना दो दिन पुरानी है, जिसका खुलासा परिजनों ने खोजबीन के बाद टीएमएच पहुँचकर किया। ठेकेदार प्रभात सिंह पर सवाल उठे, पुलिस जांच में जुटी।
जमशेदपुर के टेल्को थाना क्षेत्र स्थित नीलडीह में एक दर्दनाक हादसे ने कई गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। काम के दौरान दो मंजिला से गिरकर एक बिजली मिस्त्री की मौत हो गई, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस हादसे का खुलासा घटना के दो दिन बाद तब हुआ जब परिजनों ने खुद खोजबीन शुरू की और अस्पताल पहुँचकर शव की पहचान की।
मृतक की पहचान जगन्नाथपुर निवासी अनिल सिंकू (33 वर्ष) के रूप में की गई है। यह पूरी घटना ठेकेदारी के तहत काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा और ठेकेदार की जवाबदेही पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाती है।
गुमशुदगी से मौत का खुलासा
जानकारी के अनुसार, अनिल सिंकू ठेकेदार प्रभात सिंह के अधीन बिजली मिस्त्री के रूप में काम करता था और टेल्को के नीलडीह में ही किराए के मकान में रहता था। घटना दो दिन पहले की बताई जा रही है।
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हादसा: बताया गया है कि कार्य के दौरान वह किसी दो मंजिला संरचना से नीचे गिर गया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
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ठेकेदार की लापरवाही: सबसे गंभीर सवाल यह है कि इस हादसे के बाद परिजनों को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई? लगातार संपर्क न होने पर परिजनों ने अनिल की खोजबीन शुरू की।
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अस्पताल में पहचान: खोजबीन करते हुए बुधवार को परिजनों ने टाटा मेन हॉस्पिटल (TMH) पहुँचकर एक अज्ञात शव को देखा, जिसकी पहचान अनिल सिंकू के रूप में हुई।
यह तथ्य कि एक श्रमिक की मौत के बाद भी उसके परिजनों को सूचना नहीं दी गई, मामले को संदिग्ध बनाता है और श्रम कानूनों के खुले उल्लंघन को दर्शाता है।
ठेकेदार पुलिस के निशाने पर, जांच शुरू
बुधवार की रात लगभग आठ बजे परिजनों ने टेल्को थाना पहुँचकर पुलिस को घटना की जानकारी दी और एफआईआर दर्ज कराई।
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थानाध्यक्ष का बयान: थानेदार प्रशांत कुमार ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि अनिल ठेकेदार के निजी काम में लगा हुआ था।
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कैसे गिरा सस्पेंस: पुलिस ने कहा कि वह कैसे गिरा, इसकी स्पष्ट जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। पुलिस ने ठेकेदार प्रभात सिंह से पूछताछ शुरू कर दी है और मौत के कारणों की जांच की जा रही है।
गुरुवार को शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। फिलहाल, ठेकेदार की भूमिका संदेह के घेरे में है, जिसने अपने श्रमिक की मौत के बाद भी मानवीय और कानूनी जिम्मेदारी नहीं निभाई।
आपकी राय में, इस तरह के हादसों में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ठेकेदारों की जवाबदेही तय करने के लिए प्रशासन को कौन से दो कड़े नियम लागू करने चाहिए?
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