Jamshedpur DC SSP Demand : सिदगोड़ा साधु बोदरा हत्याकांड के आरोपी पुलिस पकड़ से बाहर, परिजनों ने डीसी और एसएसपी से की गिरफ्तारी की मांग

सिदगोड़ा साधु बोदरा हत्याकांड में आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर, परिजनों ने डीसी और एसएसपी से की गिरफ्तारी की मांग। स्थानीय नेताओं ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।

Jan 29, 2025 - 18:25
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Jamshedpur DC SSP Demand : सिदगोड़ा साधु बोदरा हत्याकांड के आरोपी पुलिस पकड़ से बाहर, परिजनों ने डीसी और एसएसपी से की गिरफ्तारी की मांग
Jamshedpur DC SSP Demand – सिदगोड़ा साधु बोदरा हत्याकांड के आरोपी पुलिस पकड़ से बाहर, परिजनों ने डीसी और एसएसपी से की गिरफ्तारी की मांग

जमशेदपुर (झारखंड) : सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के बाबूडीह लाल भट्टा निवासी साधु बोदरा हत्याकांड के आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं, जिससे मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों में गुस्सा और नाराजगी बढ़ रही है। मामले में मृतक की पत्नी सीता हंसदा ने डीसी और एसएसपी से मिलकर हत्याकांड में संलिप्त आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है।

हत्याकांड का विवरण

सीता हंसदा ने बताया कि 30 दिसंबर को उनका पति साधु बोदरा काम पर गया था, लेकिन रात तक वह घर वापस नहीं लौटा। उन्होंने कई दिनों तक उसे खोजने की कोशिश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद 1 जनवरी को सिदगोड़ा थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। 3 जनवरी को बाबूडीह लाल भट्टा नाव घाट के पास एक शव मिलने की सूचना मिली, और जब वे वहां पहुंची, तो उन्होंने देखा कि उनका पति साधु बोदरा की हत्या कर शव फेंका गया था।

सीता हंसदा ने आरोप लगाया कि उनके पति की हत्या उसके साथ काम करने वाले पांच लोगों ने मिलकर की थी – राजकिशोर महतो, अभिषेक पूर्ति, सम्राट पूर्ति, आकाश हांसदा और राजा कालिंदी। इन सभी के खिलाफ उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अब तक किसी आरोपी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

आरोपियों की धमकी और पुलिस की भूमिका

सीता हंसदा ने यह भी कहा कि आरोपी उन्हें केस वापस लेने की धमकी दे रहे हैं, जो उनके लिए एक बड़ा मानसिक दबाव बना हुआ है। आदिवासी नेता डेमका सोए ने भी इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इतने दिन बाद भी किसी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, यह पुलिस की नाकामी को दिखाता है।

डेमका सोए ने यह भी कहा कि यदि जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जाती है तो वे राज्य के मुख्यमंत्री और झारखंड पुलिस के डीजीपी से मिलकर इस मामले की शिकायत करेंगे और सिदगोड़ा थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।

पुलिस और प्रशासन पर सवाल

यह मामला पूरे जमशेदपुर में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि स्थानीय लोग यह मानते हैं कि पुलिस प्रशासन ने इस मामले में निष्क्रियता दिखायी है। पुलिस का कहना है कि वे जांच कर रहे हैं, लेकिन गिरफ्तारी के बिना कार्रवाई नहीं हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए सीता हंसदा और आदिवासी नेता डेमका सोए ने मांग की है कि इस मामले में शीघ्र गिरफ्तारी की जाए और आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए।

इतिहास और संदर्भ

सिद्धगोड़ा क्षेत्र पहले भी विवादों का केंद्र रहा है, जहां अपराधी तत्व सक्रिय रहते हैं। यहां की सामाजिक और आर्थिक स्थिति के कारण, ऐसे अपराध अक्सर सामने आते रहते हैं। हालांकि, प्रशासन की सख्त कार्रवाई के बावजूद, इस तरह के अपराधी तत्व कभी-कभी पुलिस की पकड़ से बाहर रहते हैं, जिससे स्थानीय लोगों का विश्वास प्रशासन पर कमजोर होता है।

सिद्धगोड़ा मामले में भी वही स्थिति उत्पन्न हो रही है, जहां आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इसे देखते हुए, यह मामला न केवल स्थानीय समुदाय बल्कि राज्यभर में चर्चा का विषय बन चुका है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।