Jamshedpur Guru Gobind Singh: गुरु गोविंद सिंह का 358वां जन्म दिवस कैसे हुआ ऐतिहासिक अंदाज में मनाया?
जमशेदपुर में 10वें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह का 358वां जन्म दिवस धूमधाम से मनाया गया। जानिए इस दिन के महत्व, नगर कीर्तन और आयोजन की पूरी जानकारी।
जमशेदपुर में सोमवार को सिख समाज के 10वें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह का 358वां जन्म दिवस बेहद धूमधाम से मनाया गया। यह आयोजन न सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि यह समुदाय की एकता और श्रद्धा का प्रतीक भी था। गुरु गोविंद सिंह, जिनका योगदान सिख धर्म के विस्तार और सशक्तिकरण में अतुलनीय है, उनके इस विशेष दिन को पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया।
गुरु गोविंद सिंह: एक महान योद्धा और धार्मिक नेता
गुरु गोविंद सिंह का जन्म 1666 में पटना साहिब (अब बिहार में) हुआ था। वे न केवल एक महान धार्मिक गुरु थे, बल्कि एक महान योद्धा और कवि भी थे। उन्होंने सिख धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया। गुरु गोविंद सिंह ने सिख समुदाय को मजबूत करने के लिए ‘खालसा’ पंथ की स्थापना की, जो आज भी सिखों का गौरव और पहचान है। उनका जीवन संघर्ष, साहस और धर्म के प्रति अनूठी निष्ठा का प्रतीक बना हुआ है।
जमशेदपुर में नगर कीर्तन का भव्य आयोजन
इस अवसर पर टेल्को गुरुद्वारा से भव्य नगर कीर्तन निकाला गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। नगर कीर्तन का मार्ग टेल्को, तार कंपनी, टिनप्लेट, गोलमुरी, आरडी टाटा गोलचक्कर से होते हुए साकची गुरुद्वारा पहुंचा। कीर्तन में श्रद्धालु बसंती और नीली दस्तार पहनकर भाग लेते हुए गुरु गोविंद सिंह के आशीर्वाद से नवाजे गए। नगर कीर्तन के दौरान गुरुप्यारी साध संगत, स्त्री सत्संग सभा, कीर्तनी जत्थे, और सफाई टीम की टोली ने नगर कीर्तन की शोभा बढ़ाई।
श्रद्धा और भक्ति का अद्वितीय रूप
नगर कीर्तन में शामिल होने वाले श्रद्धालु न केवल भव्य तरीके से भाग लिया, बल्कि हर मोड़ पर गुरु गोविंद सिंह की पालकी साहिब का स्वागत किया। पालकी साहिब पर गुरु महाराज सवार थे, जिनका स्वागत पुष्प वर्षा और गगनभेदी जयकारों के साथ किया गया। यह दृश्य विशेष रूप से भावनात्मक और आध्यात्मिक था, जिसने सबको गुरु की कृपा और शक्ति का अहसास दिलाया।
इस आयोजन में सांसद विद्युत वरण महतो भी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और उन्हें सीजीपीसी की ओर से अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक बन गया, जिसमें विभिन्न जाति, धर्म और समुदाय के लोग शामिल हुए।
गुरु गोविंद सिंह का जन्मदिन 2025 में दो बार मनाया जाएगा
गुरु गोविंद सिंह का जन्म दिवस 2025 में दो बार मनाया जाएगा, क्योंकि पौष शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि इस वर्ष दो बार पड़ रही है। जहां एक ओर 6 जनवरी 2025 को उनकी 358वीं जयंती मनाई जाएगी, वहीं 27 दिसंबर 2025 को उनकी 359वीं जयंती भी मनाई जाएगी। यह विशेष तिथि गुरु गोविंद सिंह के जीवन और उनके योगदान को याद करने का अवसर बनेगी।
नगर कीर्तन के आयोजन का महत्व
नगर कीर्तन का आयोजन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि यह गुरु गोविंद सिंह के संदेशों को फैलाने का एक महान प्रयास भी था। गुरु की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुँचाने और उनके बताए रास्ते पर चलने की प्रेरणा देने वाला यह आयोजन जमशेदपुर के समाज में एकता और समरसता को बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम साबित हुआ।
गुरु गोविंद सिंह की शिक्षाओं के महत्व को समझते हुए यह आयोजन न केवल एक धार्मिक आयोजन था, बल्कि यह समाज को एकजुट करने और एक दूसरे के प्रति श्रद्धा और सम्मान का संदेश भी देता है।
गुरु गोविंद सिंह का यह जन्म दिवस न केवल जमशेदपुर में बल्कि पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस आयोजन ने गुरु की महान शिक्षाओं को जन-जन तक पहुँचाने का काम किया और सिख समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ।
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