Dhanbad Railway Division: सबसे ज़्यादा आय कमाने वाला रेलवे डिवीजन, राजस्व में शीर्ष पर और यात्रियों के लिए नई सुविधाएं!
धनबाद रेलवे डिवीजन ने 2024-25 के वित्तीय वर्ष में माल ढुलाई और आय के मामले में बड़ा प्रदर्शन किया है। जानिए धनबाद रेलवे डिवीजन के सफलता के राज और यात्रियों के लिए नई सुविधाओं के बारे में।
धनबाद रेलवे डिवीजन, देश में सबसे ज़्यादा राजस्व कमाने वाला रेलवे डिवीजन बन चुका है, और इस डिवीजन ने माल ढुलाई और आय के मामले में हर रिकॉर्ड को तोड़ा है। अब 2024-25 के वित्तीय वर्ष में दिसंबर तक के आंकड़े भी इसका प्रमाण देते हैं। धनबाद डिवीजन ने माल ढुलाई में भले ही बिलासपुर डिवीजन से थोड़ा पीछे रहा हो, लेकिन कुल राजस्व और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इसका प्रदर्शन बेजोड़ रहा है।
क्या है धनबाद डिवीजन की सफलता की कहानी?
धनबाद डिवीजन का माल ढुलाई का आंकड़ा दिसंबर महीने में 16.97 मिलियन टन (MT) था, जबकि बिलासपुर डिवीजन का 16.99 मिलियन टन रहा, जो सिर्फ 0.02 प्रतिशत ज्यादा था। हालांकि, धनबाद डिवीजन की निरंतर वृद्धि और प्रगति से यह स्पष्ट हो रहा है कि यह डिवीजन फिर से सबसे ज़्यादा माल ढुलाई करने वाला डिवीजन बन सकता है।
इस मामले में धनबाद डिवीजन के डीआरएम (डिवीजनल रेलवे मैनेजर) कमल किशोर सिन्हा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी टीम पूरी मेहनत के साथ काम कर रही है ताकि वे जल्द ही माल ढुलाई के क्षेत्र में पहले स्थान पर वापस आ सकें। उन्होंने बताया कि अप्रैल से दिसंबर तक धनबाद डिवीजन ने कुल 142.92 मिलियन टन लोडिंग की, जबकि बिलासपुर डिवीजन का आंकड़ा 139.02 मिलियन टन था। यह डिवीजन के प्रदर्शन का एक स्पष्ट उदाहरण है।
धनबाद डिवीजन की आय में भी लगातार वृद्धि
आय के क्षेत्र में धनबाद डिवीजन ने दिसंबर महीने में 2324.84 करोड़ रुपये की आय हासिल की, जो कि बिलासपुर डिवीजन की आय से अधिक थी। बिलासपुर की आय 2107.22 करोड़ रुपये रही। अप्रैल से दिसंबर तक धनबाद डिवीजन की कुल आय 19957.31 करोड़ रुपये रही, जबकि बिलासपुर का कुल आय आंकड़ा 17725.53 करोड़ रुपये रहा। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि धनबाद डिवीजन रेलवे उद्योग में अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सक्षम है।
यात्री सुविधाओं में भी बदलाव!
कमल किशोर सिन्हा ने यात्री सुविधाओं में सुधार की दिशा में भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि धनबाद डिवीजन की कुम्भ मेला के लिए कुल 12 स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, ताकि यात्रियों को अधिकतम सुविधा मिल सके। इसके अलावा, भूली-तेतुलमारी ट्रैक पर एक नई रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इस ओवरब्रिज का विधिवत उद्घाटन रेलवे बोर्ड को भेजा गया है और यह संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री स्वयं इसका उद्घाटन करेंगे।
रेल मिलिंग मशीन: धनबाद डिवीजन का नया हथियार
डीआरएम ने एक और महत्वपूर्ण जानकारी दी, जो रेलवे के ट्रैक के इंप्रूवमेंट से संबंधित है। धनबाद डिवीजन भारतीय रेलवे में सबसे पहले रेल मिलिंग मशीन लाने जा रहा है। यह मशीन ट्रैक की गुणवत्ता को सुधारने और उसे ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए प्रयोग की जाएगी। इससे रेलवे नेटवर्क की गति और सुरक्षा दोनों में वृद्धि हो सकेगी।
क्या धनबाद डिवीजन का यह कदम भारतीय रेलवे के लिए मील का पत्थर साबित होगा?
धनबाद रेलवे डिवीजन न केवल माल ढुलाई के मामले में, बल्कि यात्री सुविधाओं और ट्रैक सुधार में भी अन्य डिवीजनों के लिए एक आदर्श बन सकता है। आने वाले समय में यदि यह डिवीजन अपने प्रदर्शन में और सुधार करता है, तो यह भारतीय रेलवे के लिए एक नया अध्याय लिख सकता है। क्या धनबाद डिवीजन भारतीय रेलवे के इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज करवा पाएगा? यह सवाल आने वाले समय में इसके अगले कदमों पर निर्भर करेगा।
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