Ashok Tragedy: गिरिडीह में स्कूल भवन गिरने से बड़ा हादसा, दो मजदूरों की दर्दनाक मौत!

गिरिडीह में जर्जर स्कूल भवन गिरने से बड़ा हादसा! दो मजदूरों की मौत, एक गंभीर रूप से घायल। प्रशासन की लापरवाही उजागर, जानिए पूरी खबर।

Mar 22, 2025 - 19:35
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Ashok Tragedy: गिरिडीह में स्कूल भवन गिरने से बड़ा हादसा, दो मजदूरों की दर्दनाक मौत!
Ashok Tragedy: गिरिडीह में स्कूल भवन गिरने से बड़ा हादसा, दो मजदूरों की दर्दनाक मौत!

गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिले में शनिवार को एक भयानक हादसा हो गया, जिसमें एक पुराने स्कूल भवन को तोड़ते समय छत गिरने से दो मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतक मजदूरों की पहचान पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद निवासी आसादुल (35) और हसीबुल (38) के रूप में हुई है, जबकि घायल मजदूर मनीजुल गंभीर रूप से जख्मी है। स्थानीय लोगों ने किसी तरह घायल को मलबे से बाहर निकाला, लेकिन बाकी मजदूरों को बाहर निकालने में दो घंटे से ज्यादा का समय लग गया

कैसे हुआ हादसा?

यह हादसा गिरिडीह जिले के बेगाबाद में हुआ, जहां मजदूर मध्य विद्यालय दुधीटांड़ के जर्जर भवन को तोड़ने का काम कर रहे थे। इमारत की छड़ निकालने के दौरान अचानक छत भरभराकर गिर गई, जिससे तीन मजदूर मलबे में दब गए। आसपास के ग्रामीणों ने शोर मचाया, लेकिन भवन की जर्जर स्थिति को देखकर कोई भी तुरंत मदद के लिए आगे नहीं आ पाया। इसके चलते मजदूर दो घंटे तक मलबे के नीचे दबे रहे।

ग्रामीणों की कोशिशें और पुलिस की देरी!

ग्रामीणों ने बचाव कार्य शुरू करने की कोशिश की, लेकिन भारी मलबे के कारण हाथ से खुदाई कर पाना संभव नहीं था। इसी बीच, पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन राहत कार्य में देरी होती रही। जब तक जेसीबी मशीन मौके पर पहुंची, तब तक दो मजदूरों की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने जेसीबी की मदद से शवों को बाहर निकाला और घायल मजदूर को अस्पताल पहुंचाया

क्या प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार?

स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल भवन पहले से ही बेहद जर्जर था और इसे गिराने का काम सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए था। प्रशासन को चाहिए था कि वह मजदूरों को पहले उचित सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराता और मलबा गिराने की योजना बनाकर काम करता। लेकिन, ऐसा नहीं किया गया, जिससे यह दर्दनाक हादसा हो गया।

इतिहास: गिरिडीह में पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे

गिरिडीह जिला औद्योगिक और खनन गतिविधियों के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां पुरानी और जर्जर इमारतों के गिरने की घटनाएं लगातार होती रहती हैं। बीते वर्षों में यहां कोयला खदानों और पुराने भवनों के ध्वस्त होने से कई मजदूरों की मौत हो चुकी है। इस हादसे ने एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है

प्रशासन ने दिए जांच के आदेश!

बेंगाबाद पुलिस ने कहा है कि इस मामले की जांच की जाएगी और यह देखा जाएगा कि क्या भवन गिराने में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी। यदि किसी ठेकेदार या अधिकारी की लापरवाही सामने आती है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी

क्या होगा आगे?

  • मृतक मजदूरों के परिवार को मुआवजा देने की मांग

  • मलबा गिराने से पहले सुरक्षा नियमों को लागू करने की योजना

  • प्रशासन की लापरवाही पर जांच समिति गठित करने का निर्णय

ग्रामीणों में गुस्सा, प्रशासन पर सवाल!

हादसे के बाद स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन समय पर मदद भेजता, तो शायद मजदूरों की जान बचाई जा सकती थी। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस हादसे से सबक लेगा, या फिर ऐसी घटनाएं आगे भी होती रहेंगी?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।