Germany Election 2025: ओलाफ स्कोल्ज को हराकर जर्मनी के नए चांसलर बने फ्रेडरिक मर्ज,जानिए क्या थे चुनावी मुद्दे, जानिए क्या है जर्मनी की चुनाव प्रक्रिया

जर्मनी में हुए आम चुनावों में चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। अब जर्मनी की सत्ता नए चांसलर फ्रेडरिक मर्ज के हाथों ।e होगी। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में पहली बार दक्षिण पंथी सरकार बनी है।

Feb 24, 2025 - 14:05
Feb 24, 2025 - 15:31
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Germany Election 2025: ओलाफ स्कोल्ज को हराकर जर्मनी के नए चांसलर बने फ्रेडरिक मर्ज,जानिए क्या थे चुनावी मुद्दे, जानिए क्या है जर्मनी की चुनाव प्रक्रिया
Germany Election 2025: ओलाफ स्कोल्ज को हराकर जर्मनी के नए चांसलर बने फ्रेडरिक मर्ज,जानिए क्या थे चुनावी मुद्दे, जानिए क्या है जर्मनी की चुनाव प्रक्रिया

जर्मनी इलेक्शन 2025: जर्मनी में रविवार को हुए आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता फ्रेडरिक मर्ज ने शानदार जीत हासिल की है। फ्रेडरिक मर्ज लम्बे समय से विपक्ष के चर्चित नेता थे। उन्होंने वर्तमान जर्मनी चांसलर ओलाफ स्कोल्ज को हराया है। जर्मनी के रूढ़िवादी नेता फ्रेडरिक मर्ज को डोनाल्ड ट्रंप ने जीत की बधाई दी है। फ्रेडरिक मर्ज की क्रिस्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन पार्टी ने सबसे बड़ा वोट प्रतिशत हासिल किया है। बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में पहली बार दक्षिण पंथी पार्टी सत्ता में लौटी है। 


क्या रहा वोटों का समीकरण

जर्मनी में सत्ता परिवर्तन हो चुका है। इस चुनाव में विपक्षी रूढ़िवादी गठबंधन क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन यानी CDU और क्रिश्चियन सोशल यूनियन यानी CSU को 28% वोट मिले है। जिसकी वजह से वो आम चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इसी चुनाव में धुर - दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी ने सिर्फ 20% ही वोट जीत पाई। और AFD चुनाव में दूसरे स्थान पर रही। वहीं वर्तमान चांसलर ओलाफ स्कोल्ज की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी यानी SPD को सिर्फ 16.5% ही वोट मिले। ये उनका दूसरे विश्व युद्ध के बाद हुए अभी तक के चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन है। कुछ अन्य दल भी चुनाव में शामिल थे। जिसमें ग्रीन्स को 12%, फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी को 5% , वामपंथी को 9%  और बीएसडब्ल्यू को 5% वोट मिले है।

नए चांसलर की नई चुनौती क्या है


जर्मनी में चुनाव में बाद नए चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने जीत के बाद कहा कि उन्हें आने वाली चुनौतिया का अहसास है। उसका सामना करना आसान नही होगा। हमारा लक्ष्य सिर्फ प्रभावी गठबंधन बनाना है। मर्ज ने मजबूत नेतृत्व और इंटरनेशनल सहयोग का वादा किया। उन्होंने आगे कहा कि बिखरे हुए राजनीति परिदृश्य में एक मजबूत गठबंधन बनाना आसान नहीं होगा। इस चुनाव में इमिग्रेशन और AFD की भूमिका अहम मुद्दे रहे हैं। कई पार्टियां AFD के साथ गठबंधन को तैयार नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जर्मनी का इतिहास दक्षिणपंथी राजनीतिक से प्रभावित रहा है।

इमिग्रेशन मुद्दे  ने ओलाफ स्कोल्ज को हराया


रविवार को जर्मनी के आम चुनाव में ओलाफ स्कोल्ज की करारी हार इमिग्रेशन और  AFD का बढ़ता प्रभुत्व है। साल 2015 में जर्मनी में बड़ी संख्या में शरणार्थियों का स्वागत किया गया है। तब से लेकर अब जनमानस में इसका नजरिया बदल चुका है। चुनाव में AFD ने अपनी स्थित मजबूत की है। नए चांसलर AFD को गठबंधन का हिस्सा बनाएंगे या नहीं, अभी कुछ कहा नही जा सकता। वहीं ओलाफ स्कोल्ज तब तक चांसलर बने रह पाएंगे। जब तक गठबंधन वार्ता पूरी नहीं हो जाती। 


ट्रंप ने दी नए चांसलर को बधाई


जर्मनी के नए चांसलर फ्रेडरिक मर्ज को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जीत की बधाई दी है। ट्रंप ने कहा कि जर्मनी में कंजरवेटिव पार्टी ने बहुत बड़ा और अत्यधिक प्रतिशिक्षित चुनाव जीत लिया है। ठीक वैसे ही जैसे हमने अमेरिका को जीता। ट्रंप ने आगे कहा कि जर्मनी की जनता ऊर्जा और इमिग्रेशन के मुद्दे से तंग आ गई थी। जो लंबे समय से हावी रही है। जर्मनी यूरोपियन यूनियन में अपनी भागेदारी और मजबूत करेगा।

जर्मनी में कैसे होता है आम चुनाव 


दुनिया के सभी देशों की चुनावी प्रक्रिया अलग होती है। ऐसे जर्मनी की भी है।  जर्मनी का इलेक्शन सिस्टम प्रत्यक्ष और अनुपातिक प्रतिनिधित्व का मेल है। जर्मनी आम चुनाव में जर्मनी की जनता को नए चांसलर को चुनने का हक होता है। यहां मतदाता दो वोट डालते है। एक स्थानीय प्रतिनिधि के लिए तो दूसरा वोट किसी राजनीतिक दल के समर्थन में वोट डालते है। जर्मनी की संसद को बंडेस्टैग कहते है। जिसमें कुल 630 सीटें होती है। इसमें 299 सीधे चुनी जाती है जबकि 331 सीटें अनुपतित रूप से पार्टियों में बांटी जाती है। किसी भी पार्टी को बहुमत नही मिलने पर गठबंधन सरकार बनाने का भी प्रावधान है। बता दें की जर्मनी में बैलेट पेपर से वोट डाले जाते हैं।

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Brajesh Saini ब्रजेश सैनी इंडिया इंडियन न्यूज में बतौर न्यूज राइटर और रिपोर्टर मैनेजर के रूप में काम कर रहे है। उन्होंने अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई JIMMC कानपुर से पूरी की है। लगभग 6 वर्षो से मीडिया इंडस्ट्री में कार्यरत है। पॉलिटिकल , स्पोर्ट्स और इंटरनेशनल खबरों में अच्छी पकड़ है। इससे पहले वो कई संस्थान में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।