Dhanbad Janata Darbar: जनता दरबार में उपायुक्त ने सुनीं 70 से ज्यादा शिकायतें, ऑन द स्पॉट समाधान से मचा हलचल
धनबाद जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल ने जनता दरबार में 70 से ज्यादा शिकायतें सुनीं और कई का मौके पर ही समाधान किया। जानिए किस तरह जनता की समस्याओं का समाधान किया गया।
धनबाद जिला समाहरणालय में शुक्रवार को एक अनूठा दृश्य देखने को मिला, जब जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल ने जनता दरबार का आयोजन किया। इस दरबार में 70 से अधिक फरियादियों ने अपनी शिकायतें और समस्याएं उपायुक्त के समक्ष प्रस्तुत कीं। खास बात यह रही कि कई मामलों का समाधान मौके पर ही कर दिया गया, जिससे जनता के बीच प्रशासन के प्रति भरोसा और बढ़ा।
क्या है जनता दरबार का उद्देश्य?
जनता दरबार का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों की समस्याओं को सीधे जिला प्रशासन तक पहुंचाना और उनका त्वरित समाधान करना है। उपायुक्त अनन्य मित्तल ने जनता को भरोसा दिलाया कि सभी शिकायतों का समयबद्ध निपटारा किया जाएगा।
इन मुद्दों पर आईं शिकायतें
जनता दरबार में विभिन्न सामाजिक और व्यक्तिगत समस्याओं को लेकर शिकायतें आईं, जिनमें प्रमुख थीं:
- भूमि विवाद और मुआवजा भुगतान: कई लोगों ने जमीन अधिग्रहण और उसके मुआवजे को लेकर शिकायतें दर्ज कराईं।
- चिकित्सा सहायता: गंभीर बीमारियों में मदद के लिए कई नागरिकों ने गुहार लगाई।
- घरेलू विवाद और धमकी: पारिवारिक कलह और जान से मारने की धमकी जैसे मामलों को भी उठाया गया।
- अवैध शिक्षकों का वेतन: कुछ फरियादियों ने अवैध रूप से कार्यरत शिक्षकों के वेतन भुगतान को रोकने की मांग की।
- आंगनबाड़ी केंद्र की नौकरी और भुगतान: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने वेतन न मिलने की शिकायत की।
ऑन द स्पॉट समाधान से जनता में खुशी
उपायुक्त ने जनता दरबार के दौरान कई शिकायतों का तत्काल समाधान करवा दिया।
- भूमि विवाद के कुछ मामलों को मौके पर ही सुलझाया गया।
- कई आवेदनों को संबंधित विभागों को तत्काल अग्रसारित किया गया।
- चिकित्सा सहायता और सरकारी योजनाओं से संबंधित समस्याओं को भी तुरंत हल किया गया।
इतिहास में जनता दरबार का महत्व
भारत में जनता दरबार का इतिहास काफी पुराना है। मुगल काल में बादशाह जनता की शिकायतें सुनते थे और न्याय करते थे। आधुनिक भारत में भी ये परंपरा बनी रही, जहां सीधे अधिकारियों और जनता के बीच संवाद की व्यवस्था होती है। इससे न सिर्फ समस्याओं का त्वरित निपटारा होता है, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता भी बनी रहती है।
उपायुक्त ने क्या निर्देश दिए?
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि:
- सभी शिकायतों की गहन जांच कर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें।
- प्रखंड कार्यालयों और अन्य विभागों के बीच समन्वय बनाए रखें।
- जनता दरबार में प्राप्त आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर हल करें।
जनता ने क्या कहा?
जनता दरबार में उपस्थित कई नागरिकों ने उपायुक्त के इस कदम की सराहना की। एक फरियादी ने कहा,
"पहली बार ऐसा हुआ कि हमारी शिकायतों को इतनी गंभीरता से सुना गया और तत्काल समाधान मिला।"
धनबाद में आयोजित जनता दरबार ने यह साबित कर दिया कि अगर प्रशासन संवेदनशील हो, तो जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान संभव है। उपायुक्त अनन्य मित्तल द्वारा किए गए इस प्रयास ने जनता के बीच विश्वास बढ़ाया है। उम्मीद है कि भविष्य में भी इस तरह की पहल जारी रहेगी।
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