पोटका विधायक संजीव सरदार पर धोखाधड़ी का आरोप, भूमिज परिवार की पुश्तैनी जमीन पर कब्जे का मामला गरमाया

पोटका विधायक संजीव सरदार पर जमीन कब्जे का गंभीर आरोप। ग्राम पुड़ीसिली के भूमिज परिवार ने 94 डिसमिल जमीन हड़पने का मामला उठाया। जानें पूरी खबर।

Nov 10, 2024 - 20:29
Nov 10, 2024 - 20:36
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पोटका विधायक संजीव सरदार पर धोखाधड़ी का आरोप, भूमिज परिवार की पुश्तैनी जमीन पर कब्जे का मामला गरमाया
पोटका विधायक संजीव सरदार पर धोखाधड़ी का आरोप, भूमिज परिवार की पुश्तैनी जमीन पर कब्जे का मामला गरमायापोटका विधायक संजीव सरदार पर धोखाधड़ी का आरोप, भूमिज परिवार की पुश्तैनी जमीन पर कब्जे का मामला गरमाया

10 नवंबर 2024: झारखंड के पोटका विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजीव सरदार पर एक भूमिज परिवार की 94 डिसमिल पुश्तैनी जमीन पर धोखाधड़ी से कब्जा करवाने का आरोप लगा है। ग्राम पुड़ीसिली के रहने वाले तीन वारिसों ने विधायक के कथित समधी समर सिंह सरदार पर यह गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि यह जमीन विधायक के प्रभाव से धोखाधड़ी कर हड़प ली गई। पीड़ित परिवार ने अपनी शिकायत दर्ज कराई और एक वीडियो के माध्यम से मीडिया को इस मामले की जानकारी दी।

आरोपों की शुरुआत

यह मामला तब सामने आया जब जमीन के असली मालिक, जालन सिंह सरदार के बेटे शरद सरदार ने खुलासा किया कि उनकी पैतृक संपत्ति का कुछ हिस्सा विधायक संजीव सरदार के समधी, समर सिंह सरदार द्वारा हथियाया गया। शरद का कहना है कि यह धोखाधड़ी उनके परिवार की जमीन को ऑनलाइन दस्तावेजों में चढ़ाने के नाम पर की गई। शरद के अनुसार, विधायक संजीव सरदार ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर इस जमीन का सौदा अपने समधी के नाम पर करवा दिया।

किस प्रकार हुई धोखाधड़ी?

भूमिज परिवार के अनुसार, रैयत स्व. सुखलाल सिंह सरदार की मृत्यु के बाद उनकी जमीन का आपसी बंटवारा हुआ, जिसमें 94 डिसमिल जमीन उनके पांच पुत्रों जालन सिंह सरदार, जगदीश सिंह सरदार, बुद्धेश्वर सिंह सरदार, गुरुचरण सिंह सरदार और योगेश्वर सिंह सरदार के हिस्से में आई। बंटवारे के बाद बुद्धेश्वर सिंह के हिस्से की जमीन उनके पुत्र बिरेन्द्र सिंह सरदार को मिली। इस जमीन पर कथित रूप से समर सिंह सरदार ने धोखे से रजिस्ट्री करवा ली।

आरोपियों का कहना और विधायक की चुप्पी

पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि विधायक संजीव सरदार के प्रभाव के कारण समर सिंह ने यह धोखाधड़ी की। परिवार का दावा है कि उन्हें इस सौदे में कोई पैसा नहीं मिला। परिवार के सदस्य, शरद सरदार का कहना है कि विधायक संजीव सरदार का सीधा हाथ इस धोखाधड़ी में है, और उनकी सहमति से ही यह जमीन समर सिंह के नाम करवाई गई। विधायक से इस मामले में संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला।

रजिस्ट्री के कागजात में 40 लाख रुपये का दावा

पीड़ितों ने बताया कि रजिस्ट्री के दस्तावेज में 40 लाख 50 हजार रुपये के भुगतान का जिक्र किया गया है। यह राशि 11 सितंबर 2024 को झारखंड स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक से 8 चेक के जरिए देने की बात कही गई है। इन चेकों में प्रत्येक चेक 5 लाख रुपये का था और एक चेक 5.5 लाख रुपये का था। हालांकि, परिवार का दावा है कि उन्हें इस सौदे के तहत कोई राशि नहीं दी गई।

धमकियों का सामना कर रहे परिवार के सदस्य

पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें चुप रहने के लिए धमकियां भी दी जा रही हैं। परिवार के एक सदस्य, गुरुचरण सिंह सरदार का कहना है कि उन्हें धमकी दी गई है कि अगर वे इस मामले को उठाते रहे तो उनकी बाकी जमीन भी छीन ली जाएगी। इसके अलावा, भक्तरंजन सरदार और अमर सिंह नाम के व्यक्ति ने उन्हें चुप रहने और मामले को न उठाने के लिए दबाव डाला।

कोर्ट में मामला दर्ज

गुरुचरण सिंह सरदार ने बताया कि परिवार ने इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उनका कहना है कि इस मामले में न्याय की उम्मीद करते हुए वे कानूनी कदम उठा रहे हैं। परिवार ने वीडियो क्लिप के जरिए आरोप लगाए और मीडिया को मामले की जानकारी दी।

विधायक पर लग रहे आरोपों की बढ़ती जांच

इस पूरे मामले में विधायक संजीव सरदार की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। विधायक से इस विषय पर जवाब मांगा गया, लेकिन उन्होंने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इस मामले में उनकी चुप्पी और समर सिंह सरदार के साथ रिश्ते को लेकर संदेह और गहरा हो गया है।

झारखंड के पोटका विधानसभा में विधायक संजीव सरदार पर इस प्रकार के आरोपों का सामने आना चुनावी माहौल में बड़ी हलचल पैदा कर रहा है। भूमिज समुदाय के सदस्यों की जमीन को लेकर हुए इस विवाद से आदिवासी समुदाय में नाराजगी बढ़ती जा रही है। पीड़ित परिवार ने न्याय की मांग की है, और इस मामले की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता बताई है। जनता अब विधायक के जवाब का इंतजार कर रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।