Jamshedpur Relief: आजसू जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह आदर्श आचार संहिता मामले में बरी!

जमशेदपुर: आजसू जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह आदर्श आचार संहिता मामले में हुए बरी! जानिए पूरी खबर और अदालती फैसले के बाद की प्रतिक्रियाएं।

Jan 17, 2025 - 18:08
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Jamshedpur Relief: आजसू जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह आदर्श आचार संहिता मामले में बरी!
Jamshedpur Relief: आजसू जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह आदर्श आचार संहिता मामले में बरी!

जमशेदपुर: आदर्श आचार संहिता के मामले में आखिरकार आजसू जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह को बड़ी राहत मिली है। सीतारामडेरा थाना में दर्ज कांड संख्या 650/2020 में प्रथम श्रेणी न्यायाधीश प्रिया कुमारी लाला की अदालत ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया। इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, क्योंकि यह मामला लंबे समय से चर्चा में था।

क्या था पूरा मामला?
यह मामला 2020 का है, जब विधानसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाकर कन्हैया सिंह पर मामला दर्ज किया गया था। उस समय चुनाव प्रचार के दौरान बिना अनुमति के सभा आयोजित करने के आरोप लगे थे। लेकिन, अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में कन्हैया सिंह को दोषमुक्त कर दिया।

अधिवक्ता ने क्या कहा?
इस केस की पैरवी कर रहे अधिवक्ता अखिलेश सिंह ने कोर्ट के फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा,
"राजनीतिक जीवन में बिना वजह भी मुकदमों का सामना करना पड़ता है। जब न्याय मिलता है, तो खुशी दोगुनी हो जाती है।"

उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के नेता या प्रत्याशी को न्यायालय का सम्मान करते हुए नियमित रूप से पेश होना पड़ता है।

कन्हैया सिंह की प्रतिक्रिया
फैसले के बाद कन्हैया सिंह ने भारतीय न्याय व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा:
"भारतीय न्यायालय प्रणाली पर पूरा विश्व भरोसा करता है। आज न्यायालय ने हमें सम्मानपूर्वक बरी किया, जिसके लिए मैं आभार व्यक्त करता हूँ।"

उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान उन्हें समाज और पार्टी का भरपूर समर्थन मिला।

इतिहास और कानूनी प्रक्रिया का महत्व
भारत में आदर्श आचार संहिता का प्रावधान 1961 में चुनाव सुधारों के उद्देश्य से लागू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना है। इसके तहत किसी भी उम्मीदवार को बिना अनुमति सभा या प्रचार करने की मनाही होती है। हालांकि, राजनीतिक मामलों में अक्सर आरोप और मुकदमे राजनीति से प्रेरित भी होते हैं, जैसा कि इस मामले में देखा गया।

राजनीतिक समर्थन और प्रतिक्रिया
फैसले के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। भाजपा के जिला प्रवक्ता अप्पू तिवारी, भाजपा नेता सुशील पांडे और कांग्रेस नेता ईश्वर सिंह ने इस फैसले पर खुशी जताई और कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है।

क्यों है यह फैसला महत्वपूर्ण?

  • राजनीतिक छवि की बहाली: कन्हैया सिंह की छवि को इससे बड़ा लाभ मिलेगा।
  • न्याय प्रणाली में विश्वास: यह मामला एक मिसाल बन सकता है कि बिना साक्ष्य के किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
  • आने वाले चुनावों पर प्रभाव: आगामी चुनावों में इस फैसले का असर देखने को मिल सकता है।

यह फैसला न केवल कन्हैया सिंह के लिए राहतभरा है, बल्कि भारतीय न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता का भी प्रमाण है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बिना ठोस साक्ष्यों के किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।