Saraikela Tribute: वरीय अधिवक्ता सुरेंद्र नाथ मेहता के निधन पर शोक सभा आयोजित
सरायकेला बार एसोसिएशन के वरीय अधिवक्ता सुरेंद्र नाथ मेहता के आकस्मिक निधन पर बार भवन में शोक सभा आयोजित। जानिए उनकी जीवनी और योगदान।
सरायकेला: सरायकेला बार एसोसिएशन के वरीय अधिवक्ता सुरेंद्र नाथ मेहता के आकस्मिक निधन ने पूरे विधि जगत को शोक में डुबो दिया है। शुक्रवार को बार भवन में एक शोक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के वरिष्ठ अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
शोक सभा का माहौल और मौन प्रार्थना
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभात कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस सभा में दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। पूरे बार परिसर में गमगीन माहौल रहा और अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करते हुए अपनी संवेदना व्यक्त की।
चांडिल अनुमंडलीय बार एसोसिएशन ने भी दिवंगत वकील के सम्मान में पूर्णत: कलमबंद रखा। सभी अधिवक्ताओं ने कहा कि सुरेंद्र नाथ मेहता का निधन न केवल एक व्यक्तिगत क्षति है, बल्कि पूरा विधि जगत उनकी कमी महसूस करेगा।
कौन थे सुरेंद्र नाथ मेहता?
स्वर्गीय सुरेंद्र नाथ मेहता 76 वर्ष के अनुभवी वकील थे। अपने सरल स्वभाव, मिलनसारिता और हंसमुख व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे। वे न केवल एक कुशल विधिवेत्ता थे, बल्कि समाजसेवा में भी अग्रणी भूमिका निभाते थे। उनके अधिवक्ता जीवन की शुरुआत 1970 के दशक में हुई थी।
उनका योगदान विधि समाज में अतुलनीय रहा। उन्होंने कई जटिल मामलों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई और हमेशा न्यायिक प्रक्रिया के प्रति प्रतिबद्ध रहे। उनके निधन से जिले के अधिवक्ता समुदाय को एक अपूरणीय क्षति हुई है।
अधिवक्ताओं ने व्यक्त की संवेदना
शोक सभा में उपस्थित अधिवक्ताओं ने बारी-बारी से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष केदारनाथ अग्रवाल ने कहा:
"मेहता जी का जाना हमारे संघ के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने जिस निष्ठा और समर्पण के साथ अपनी सेवाएं दीं, वह आज के अधिवक्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत है।"
सचिव देवाशीष ज्योतिषी ने भी अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा:
"उनका सरल और सहयोगी स्वभाव हमेशा हमें प्रेरित करता रहेगा।"
शोक सभा में शामिल प्रमुख अधिवक्ता:
- सह सचिव जलेश कवि
- कोषाध्यक्ष लखींद्र नायक
- अधिवक्ता कामाख्या प्रसाद दुबे
- आशीष पात्र
- जीवानंद पांडा
- निर्मल आचार्य
- असित सारंगी
- मनन तिवारी
- प्रमोद ज्योतिषी
- सुनील सिंह
- कुणाल रथ
- अनिल सारंगी
- रजत पटनायक
- प्रदीप तेंदू रथ
- डीडी मिश्रा
- तपन महतो
- अर्जुन महतो
- विभीषण महतो
इतिहास और बार एसोसिएशन की परंपरा
सरायकेला बार एसोसिएशन का गठन 1960 के दशक में हुआ था। यह संघ जिले के विधि विशेषज्ञों का प्रमुख केंद्र है, जो समय-समय पर सामाजिक और न्यायिक गतिविधियों में योगदान देता आया है। इस संघ की परंपरा रही है कि जब भी कोई वरिष्ठ अधिवक्ता दिवंगत होते हैं, तो उनकी स्मृति में शोक सभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
मेहता जी की यादों को संजोते हुए
अधिवक्ता सुरेंद्र नाथ मेहता का जीवन और उनकी विधिक सेवाएं आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक रहेंगी। उनके योगदान को याद करते हुए बार एसोसिएशन ने उनके नाम से एक स्मृति कार्यक्रम आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा।
शोकसभा का यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं था, बल्कि एक प्रेरणा थी कि किस तरह समर्पण और न्यायप्रियता से एक अधिवक्ता समाज की सेवा कर सकता है। सुरेंद्र नाथ मेहता का योगदान विधि जगत में हमेशा याद रखा जाएगा।
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