Jamshedpur Seva Shivir : 12 साल से अनोखी सेवा! झारखंड क्षत्रिय संघ ने 5000 लोगों को पिलाया शरबत – अगला लक्ष्य 10,000!
झारखंड में हर साल लगने वाला यह सेवा शिविर आखिर इतना खास क्यों है? जानिए कैसे क्षत्रिय संघ ने 5000 लोगों को चना-शरबत पिलाकर रचा सेवा का इतिहास!

झारखंड, जमशेदपुर – झारखंड क्षत्रिय संघ टेल्को और बिरसानगर इकाई द्वारा आयोजित वार्षिक सेवा शिविर ने एक बार फिर सेवा और समर्पण की मिसाल पेश की।झारखंड क्षत्रिय संघ के सभी इकाइयों में सेवा शिविर का आयोजन किया गया था | लेबर ब्यूरो टेल्को परिसर में लगाए गए इस शिविर में आज करीब 5000 लोगों को शरबत और चना प्रसाद वितरित किया गया। खास बात यह है कि यह आयोजन बीते 12 वर्षों से बिना रुके किया जा रहा है, और हर साल इसकी भव्यता और सेवाभाव बढ़ता ही जा रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की उपस्थिति ने बढ़ाया उत्साह
शिविर की गरिमा तब और बढ़ गई जब पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा स्वयं उपस्थित होकर कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने पहुंचे। उनके साथ झारखंड क्षत्रिय संघ के अध्यक्ष शंभू नाथ सिंह, संरक्षक शिव शंकर सिंह एवं नंदकिशोर सिंह भी मौजूद रहे।
क्या था खास?
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लगभग 5000 लोगों को शरबत और चना वितरित किया गया।
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शहर के अलग-अलग अखाड़ों से आने वाले जुलूस का स्वागत किया गया।
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महिलाओं और बच्चों की विशेष भागीदारी ने सेवा शिविर को पारिवारिक और प्रेरणादायक बना दिया।
सहयोगियों की रही अहम भूमिका
इस सेवा शिविर की सफलता में कई कार्यकर्ताओं का योगदान रहा। पुरुषों में: अनूप सिंह, सिद्धेश सिंह, शैलेंद्र सिंह, रतन सिंह, शंभू सिंह, विनोद सिंह, संजीव सिंह, संजय सिंह, अजय सिंह, विजय सिंह, राकेश सिंह और उपेंद्र सिंह का विशेष योगदान रहा।
वहीं, महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। मंजू सिंह, जीनू सिंह, सरोज सिंह, ललिता सिंह, मीरा सिंह, मीना सिंह, पूनम सिंह, आशा सिंह, शीला सिंह, रानी सिंह, सलोनी सिंह, इंदु सिंह और विनीता सिंह जैसी प्रेरणादायक महिलाएं पूरे दिन सेवा कार्य में लगी रहीं।
अगले वर्ष का लक्ष्य: 10,000 लोगों की सेवा
इस शिविर के अंत में सभी कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि अगले वर्ष कम से कम 10,000 लोगों को शरबत और चना प्रसाद उपलब्ध कराया जाएगा। इससे न सिर्फ सेवा की भावना मजबूत होगी, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी जाएगा।
क्या बोले लोग?
स्थानीय निवासी राजेश सिंह ने कहा, "हर साल इस सेवा शिविर का इंतजार रहता है। ये सिर्फ शरबत नहीं, दिल से दी गई सेवा है।"
अखाड़ा जुलूस का हुआ भव्य स्वागत
शहर के विभिन्न हिस्सों से आने वाले अखाड़ों के जुलूस का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया। इस दौरान ढोल-नगाड़ों की धुन और पारंपरिक पोशाकों ने माहौल को भक्ति और उत्साह से भर दिया।
झारखंड क्षत्रिय संघ का यह सेवा शिविर महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बनता जा रहा है। 12 सालों से लगातार सेवा कर रही यह टीम आने वाले समय में झारखंड की सामाजिक सेवा की पहचान बन सकती है।
अगर आप भी इस प्रेरणादायक सेवा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो अगले साल होने वाले शिविर में जरूर जुड़ें। सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।
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