Chaibasa Elephant Attack: हाथी ने घर में सो रही वृद्धा को बाहर खींचकर कुचला, मौत
पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी प्रखंड में हाथी ने वृद्धा को घर से बाहर खींचकर कुचला। घटना में वृद्धा की दर्दनाक मौत हो गई। जानिए इस हादसे के बारे में पूरी जानकारी।
चाईबासा, 25 दिसंबर 2024: पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी प्रखंड स्थित गितिउली गांव में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जब एक हाथी ने एक वृद्धा को घर से बाहर खींचकर उसे कुचल दिया। इस हादसे में वृद्धा की मौत हो गई। घटना ने इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, 60 वर्षीय बुधनी सोलंकी अपने घर में मंगलवार सुबह 4 बजे सो रही थीं। उसी समय जंगल से एक हाथी अचानक गितिउली गांव में घुस आया। हाथी ने पहले घर की दीवार तोड़ी और फिर घर में रखा अनाज खाने लगा। जैसे ही हाथी ने दीवार को तोड़ा, वृद्धा बुधनी हाथी के सूंड की जद में आ गईं। हाथी ने वृद्धा को अपनी सूंड से खींचकर घर से बाहर निकाला और फिर उसे अपने पैरों से कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
आखिरकार वनकर्मियों और पुलिस ने किया घटनास्थल का दौरा
हादसे की सूचना मिलने के बाद, वनकर्मी और पुलिस मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वनकर्मियों ने भी इस घटनास्थल का दौरा किया और हाथी के बारे में जानकारी एकत्र की। इस घटना ने क्षेत्र में वन्यजीवों के आक्रमण की बढ़ती घटनाओं को लेकर फिर से चर्चा शुरू कर दी है।
क्या हैं इस तरह की घटनाओं के पीछे कारण?
गितिउली गांव में हाथियों का आना-जाना आम बात है, लेकिन इस तरह की घटना ने ग्रामीणों में डर और चिंता पैदा कर दी है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के जंगलों में हाथियों का निवास है, और अक्सर ये जानवर अपनी तलाश में गांवों में घुस आते हैं। हालांकि, हाथियों के मानव आबादी से टकराने की घटनाएं अक्सर देखी जाती हैं, लेकिन इस प्रकार का हमला दुर्लभ है। हाथियों की इस तरह की घटनाओं के पीछे पानी और भोजन की कमी भी एक कारण हो सकती है, जो इन्हें आबादी वाले क्षेत्रों में लाकर समस्याएं पैदा करती है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया और सुरक्षा की मांग
हाथी के इस हमले ने ग्रामीणों को सुरक्षा के मुद्दे पर विचार करने पर मजबूर कर दिया है। गांव के लोग इस घटना से सकते में हैं और उन्होंने वन विभाग से हाथियों के आने-जाने के रास्तों को नियंत्रित करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब हाथी गांव में घुस आए हों, लेकिन इस तरह की हिंसक घटनाएं पहले नहीं हुईं।
क्या कर रही है प्रशासन?
पश्चिमी सिंहभूम का प्रशासन अब इस घटना को गंभीरता से ले रहा है। वन विभाग ने सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं और स्थानीय पुलिस भी घटनास्थल पर लगातार नजर बनाए हुए है। स्थानीय लोगों को सुरक्षा और जागरूकता के बारे में समझाया जा रहा है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
हाथियों के संरक्षण का भी सवाल
यह घटना न केवल एक दुखद दुर्घटना है, बल्कि यह वन्यजीवों के संरक्षण और मानव-वन्यजीव संघर्ष के मुद्दे को भी उजागर करती है। ग्रामीणों और प्रशासन को अब इस समस्या का हल निकालने की जरूरत है, ताकि मानव और हाथियों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। वन्यजीवों के आक्रमण से होने वाली घटनाएं इन क्षेत्रों में बढ़ रही हैं, और प्रशासन को इन पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की बात की है और इस पर ध्यान देने के लिए त्वरित कदम उठाने का आश्वासन दिया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे इस घटना से सीख लेकर आगे की रणनीति पर काम करेंगे, ताकि मानव-हाथी संघर्ष को कम किया जा सके।
गुदड़ी प्रखंड में हुई इस दर्दनाक घटना ने ना केवल ग्रामीणों को झकझोर दिया है, बल्कि प्रशासन के सामने भी एक बड़ी चुनौती पेश की है। अब यह देखना होगा कि इस मुद्दे पर किस तरह के ठोस कदम उठाए जाते हैं।
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