Cyber Fraud: एक गलती और बैंक अकाउंट खाली, 'फेक ऐप' से ऐसे हो रही है ठगी!
एपीके फाइल्स और फेक ऐप्स के जरिए साइबर अपराधी कर रहे हैं ठगी। सरकारी योजनाओं के नाम पर कैसे खाली हो रहे हैं खाते? जानें पूरी खबर।
रांची, 26 दिसंबर: एक छोटी-सी गलती और आपके बैंक अकाउंट से सारी रकम गायब! साइबर अपराधियों ने अब ठगी का एक नया तरीका इजाद किया है। सरकारी योजनाओं के नाम पर फेक ऐप्स बनाकर भोले-भाले लोगों को ठगा जा रहा है। झारखंड के रांची साइबर थाना में हर दिन ऐसे लगभग 40 मामले दर्ज हो रहे हैं।
कैसे काम करता है यह 'फेक ऐप वाला तरीका'?
साइबर ठग एपीके (APK) फाइल्स का इस्तेमाल कर फेक ऐप बनाते हैं। ये ऐप्स सरकारी योजनाओं जैसे पीएम किसान योजना, मंईयां सम्मान योजना आदि के नाम पर तैयार किए जाते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति इस ऐप को अपने फोन पर डाउनलोड करता है, उसका पूरा फोन ठगों के नियंत्रण में चला जाता है।
फोन का एक्सेस मिलते ही ठग आपके मैसेज, कॉन्टैक्ट्स, और गैलरी तक पहुंच बना लेते हैं। उन्हें बैंक अकाउंट से पैसे निकालने के लिए ओटीपी की भी जरूरत नहीं होती, क्योंकि आपके फोन पर आने वाले हर मैसेज की जानकारी उनके पास पहले ही पहुंच जाती है।
सरकारी योजनाओं के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी
साइबर ठग 'पीएम किसान न्यू लिस्ट डॉट एपीके' या 'मंईयां सम्मान योजना डॉट एपीके' जैसे नामों से फेक ऐप बनाते हैं। लोग इसे असली सरकारी ऐप समझकर डाउनलोड कर लेते हैं और फंस जाते हैं।
इतिहास: साइबर अपराध का बढ़ता खतरा
भारत में साइबर अपराध के मामले पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े हैं। खासकर झारखंड जैसे राज्यों में, जहां ग्रामीण इलाकों में लोग तकनीकी जानकारी की कमी के कारण साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। रांची साइबर थाना के आंकड़ों के अनुसार, ठगी के मामलों में एपीके फाइल्स का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है।
कैसे बचें इस साइबर ठगी से?
साइबर एक्सपर्ट चंदन शर्मा के अनुसार, थोड़ी सतर्कता बरतकर आप इस ठगी से बच सकते हैं:
- ऑटो-डाउनलोड सिस्टम बंद करें: अपने फोन में ऑटो-डाउनलोड का ऑप्शन तुरंत डिसेबल करें।
- अज्ञात एपीके फाइल डाउनलोड न करें: किसी भी अनजान स्रोत से आई फाइल को डाउनलोड करने से बचें।
- योजनाओं के नाम पर सतर्क रहें: सरकारी योजनाओं के नाम के बाद '.APK' लिखा होने पर तुरंत सतर्क हो जाएं।
- सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट पर भरोसा करें: सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी के लिए केवल अधिकृत वेबसाइट पर जाएं।
साइबर पुलिस की अपील
रांची साइबर थाना के अधिकारी ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध लिंक, मैसेज या फाइल को डाउनलोड न करें। किसी ठगी के शिकार होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें।
साइबर अपराधियों के इस नए हथकंडे ने तकनीक के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्मार्टफोन का सही इस्तेमाल और थोड़ी सावधानी आपको इस ठगी से बचा सकती है।
क्या आप कभी साइबर ठगी का शिकार हुए हैं? अपनी राय और अनुभव हमारे साथ शेयर करें। और इस तरह की जानकारियों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
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