Jamshedpur School Tobacco Sale Ban: जमशेदपुर में स्कूलों के पास तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर सख्ती: क्या है पूरा मामला?
जमशेदपुर में स्कूलों के पास तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए धालभूम अनुमंडल द्वारा चलाए गए छापेमारी अभियान ने हरिजन, आदिवासी और पीपुल्स एकेडमी स्कूल के आसपास की दुकानों में तंबाकू उत्पाद जब्त किए। जुर्माना वसूला गया और सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
हाल ही में जमशेदपुर शहर में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, प्रशासन ने स्कूलों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला लिया है। यह कदम उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशों पर धालभूम के अनुमंडल पदाधिकारी शताब्दी मजूमदार के नेतृत्व में उठाया गया।
धालभूम अनुमंडल के तहत सीतारामडेरा, भालूबासा और बाराद्वारी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री की जांच करने के लिए एक छापेमारी अभियान चलाया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूलों के आसपास तम्बाकू, सिगरेट, पान मसाला और अन्य नशे की सामग्री की बिक्री पर रोक लगाना था। अभियान के दौरान, हरिजन स्कूल (भालूबासा), आदिवासी स्कूल (सीतारामडेरा) और पीपुल्स एकेडमी (बाराद्वारी) के आस-पास की दुकानों और पानगुमटियों में त्वरित जांच की गई।
क्यों है यह छापेमारी महत्वपूर्ण?
इतिहास में अगर हम देखें, तो बच्चों को नशे की आदतों से बचाने के लिए यह कदम बहुत आवश्यक है। जब से 2000 में भारत में "धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों से संबंधित कानून" लागू हुआ, तब से स्कूलों के पास तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास किए जा रहे थे। लेकिन अब यह प्रतिबंध सख्ती से लागू किया जा रहा है। स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे उनकी पढ़ाई और भविष्य दोनों पर असर डाल सकता है।
क्या हुआ छापेमारी के दौरान?
धालभूम अनुमंडल के छापेमारी अभियान के दौरान तीन दुकानों से तम्बाकू उत्पाद जब्त किए गए और दुकानदारों से 600 रूपये का जुर्माना वसूला गया। इस कार्रवाई में कार्यपालक दण्डाधिकारी सुदीप्त राज और खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी मंजर हुसैन भी शामिल थे। छापेमारी के दौरान जांच टीम ने स्कूलों के आसपास दुकानों में तंबाकू उत्पादों के अलावा अन्य खाद्य सामग्री की भी जांच की। जिन दुकानों में तम्बाकू उत्पाद पाए गए, उनके मालिकों को चेतावनी दी गई कि अगर भविष्य में वे पुनः तम्बाकू उत्पाद बेचते हुए पाए गए, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्यों महत्वपूर्ण है यह कदम?
स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाना, बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। जब बच्चों के आसपास तंबाकू उत्पाद बिकते हैं, तो यह न केवल उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह उनकी आदतों पर भी बुरा असर डालता है। इसलिए यह अभियान न सिर्फ तंबाकू उत्पादों की बिक्री को रोकने के लिए है, बल्कि यह एक जागरूकता अभियान भी है, जो बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण देने की कोशिश कर रहा है।
आगे की कार्रवाई:
जमशेदपुर प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि यह अभियान जारी रहेगा और किसी भी दुकानदार को अवैध तरीके से तम्बाकू उत्पाद बेचने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जब्त किए गए तम्बाकू उत्पादों का सीजर लिस्ट तैयार किया जाएगा और फिर इन्हें नष्ट कर दिया जाएगा।
साथ ही, दुकानदारों को चेतावनी दी गई है कि अगर फिर से तम्बाकू उत्पाद बेचे गए, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई सिर्फ तंबाकू उत्पादों तक सीमित नहीं है, बल्कि स्कूलों के पास हर तरह की अवैध बिक्री के खिलाफ भी प्रशासन सतर्क रहेगा।
क्या यह अभियान सफल होगा?
अब सवाल यह उठता है कि क्या यह अभियान दीर्घकालिक रूप से सफल रहेगा? प्रशासन का दावा है कि यह कदम बच्चों को तंबाकू जैसी आदतों से बचाने के लिए जरूरी है, लेकिन इस प्रतिबंध को स्थायी बनाने के लिए लोगों की जागरूकता और प्रशासनिक कार्रवाई का निरंतर होना भी बहुत अहम है।
इसके अलावा, इस अभियान के माध्यम से दुकानदारों और स्कूलों के आसपास रहने वाले लोगों को यह संदेश भी जाएगा कि तंबाकू उत्पादों की बिक्री किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जमशेदपुर के इस प्रयास से यह स्पष्ट हो गया है कि अब बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं और उनका भविष्य बेहतर बनाने के लिए प्रशासन पूरी तरह से संजीदा है।
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