Kolhan University: Jamshedpur छात्र संघ का बड़ा कदम, सीट बढ़ोतरी की मांग को लेकर प्रशासन पर दबाव!

आजसू छात्र संघ ने कोल्हान विश्वविद्यालय से एमएससी जूलोजी, एमए इंग्लिश और एमए इकोनॉमिक्स में सीट बढ़ाने की मांग की। छात्र संघ का कहना है कि सीटों की कमी के कारण कई छात्र नामांकन से वंचित रह जाते हैं। यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

Dec 23, 2024 - 16:18
Dec 23, 2024 - 16:19
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Kolhan University: Jamshedpur छात्र संघ का बड़ा कदम, सीट बढ़ोतरी की मांग को लेकर प्रशासन पर दबाव!
Kolhan University: Jamshedpur छात्र संघ का बड़ा कदम, सीट बढ़ोतरी की मांग को लेकर प्रशासन पर दबाव!

जमशेदपुर शहर में शिक्षा को लेकर एक बड़ा मुद्दा उठ खड़ा हुआ है। आजसू छात्र संघ ने कोल्हान विश्वविद्यालय से एमएससी जूलोजी, एमए इंग्लिश और एमए इकोनॉमिक्स में सीटों की संख्या बढ़ाने की मांग की है। छात्र संघ का कहना है कि हर साल कई छात्र सीटों की कमी के कारण अपनी पढ़ाई शुरू नहीं कर पाते, और विशेषकर ग्रामीण और सुदूर इलाकों के बच्चे उच्च शिक्षा के अवसरों से वंचित रह जाते हैं।

क्या है आजसू छात्र संघ की मांग?

आजसू छात्र संघ के कोल्हान अध्यक्ष सैकत सरकार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, “कोल्हान विश्वविद्यालय में सीटों की कमी के कारण बहुत से बच्चों का नामांकन नहीं हो पा रहा है। खासकर गांव और दूर-दराज के इलाकों के बच्चे पैसे की कमी के चलते प्राइवेट कॉलेज में नामांकन नहीं करवा सकते हैं। ऐसे में राज्य विश्वविद्यालयों में सीट बढ़ोतरी की जरूरत महसूस हो रही है।” यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि देश में उच्च शिक्षा का स्तर बढ़ाने और अधिक छात्रों को अवसर देने के लिए राज्य विश्वविद्यालयों में सीटों की संख्या बढ़ाना बेहद जरूरी हो गया है।

आंदोलन की चेतावनी

आजसू छात्र संघ के जिला अध्यक्ष कामेश्वर प्रसाद ने चेतावनी दी कि अगर इस साल भी सीटों में वृद्धि नहीं की जाती है तो छात्र संघ को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। कामेश्वर ने कहा, "अगर पिछले साल की तरह इस बार भी सीटों की बढ़ोतरी नहीं की गई, तो हम सभी छात्र मिलकर एक बड़ा आंदोलन करेंगे। यह सिर्फ छात्र हित में नहीं, बल्कि समाज के लिए भी आवश्यक है।”

इतिहास में सीटों की बढ़ोतरी की आवश्यकता

इतिहास से जुड़ी एक अहम बात यह है कि भारत में उच्च शिक्षा के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर सीटों में बढ़ोतरी की गई है। विशेषकर ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में रहने वाले छात्रों के लिए यह एक बड़ा कदम है। इस प्रकार की मांगें यह बताती हैं कि शिक्षा को लेकर भेदभाव को समाप्त करने और समान अवसर देने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

क्या होगा आगे?

हालांकि छात्र संघ द्वारा की गई यह मांग बहुत ही सकारात्मक है, लेकिन सवाल यह है कि क्या कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर ध्यान देगा? क्या वास्तव में सीटों में बढ़ोतरी की जाएगी या फिर यह मुद्दा सिर्फ चर्चा तक सीमित रहेगा? अगर इस पर विचार नहीं किया गया, तो छात्रों का गुस्सा बढ़ सकता है और आंदोलन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जैसा कि छात्र संघ ने अपनी चेतावनी में कहा है।

क्या यह बदलाव आएगा?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेता है और छात्रों की मांगों को स्वीकार करता है। शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव और सुधार की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है, और अगर इस मामले में उचित कदम उठाए जाते हैं, तो यह छात्रों के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है।

इस पूरी स्थिति में आजसू छात्र संघ के सैकत सरकार, कामेश्वर प्रसाद, मुकेश गोस्वामी, और प्रीति सिंह जैसे नेताओं की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इन नेताओं ने छात्रों की आवाज को प्रशासन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है और अब उनका अगला कदम प्रशासन से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करना होगा।

अगर देखा जाए तो कोल्हान विश्वविद्यालय में सीटों की बढ़ोतरी का मुद्दा केवल एक शिक्षा संबंधी मांग नहीं है, बल्कि यह छात्रों के भविष्य से जुड़ा हुआ है। अगर यह मुद्दा सुलझता है, तो निश्चित रूप से यह छात्रों को नए अवसर देने के साथ-साथ शिक्षा के स्तर को भी बढ़ावा देगा। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन छात्रों की इन मांगों को समझता है और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।