राज्यपाल रघुवर दास पर आरोप लगाने वाले कांग्रेस नेता डॉ. अजय पर क्यों भड़के मानवाधिकार संगठन? जानें कड़ी चेतावनी और सियासी बवाल का पूरा सच!
ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास पर कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार के आरोपों ने राजनीति में उबाल ला दिया है। मानवाधिकार संगठन और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोपों की कड़ी निंदा की, चेतावनी दी है कानूनी कार्रवाई की। पढ़ें पूरी खबर।
झारखंड की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। ओडिशा के राज्यपाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर कांग्रेस नेता डॉ. अजय कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों से राजनीति गर्मा गई है। डॉ. अजय कुमार द्वारा राज्यपाल रघुवर दास पर लगाए गए कथित आरोपों को "बेबुनियाद" बताते हुए मानवाधिकार संगठन और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है। जमशेदपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में असेम्बली ऑफ ह्यूमन राइट्स एंड जस्टिस के चेयरमैन भीष्म सिंह ने अजय कुमार के बयान को "गैर-जिम्मेदाराना और असंवैधानिक" करार दिया।
आरोपों पर क्यों गरमाई राजनीति?
राज्यपाल का पद संवैधानिक है, और संवैधानिक पदों की मर्यादा बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है। पूर्व मुख्यमंत्री और अब ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास, जिन्होंने झारखंड के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लंबे समय तक जमशेदपुर से जुड़े रहे हैं। ऐसे में डॉ. अजय कुमार के आरोपों ने न केवल राजनीतिक गलियारों में, बल्कि जनमानस में भी हलचल मचा दी है।
अजय कुमार का आरोप है कि राज्यपाल बनने के बाद रघुवर दास का जमशेदपुर से निकटता बनाए रखना उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को उजागर करता है। इस पर भीष्म सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अजय कुमार का यह बयान न केवल राज्यपाल की गरिमा का अपमान करता है, बल्कि समाज में नफरत और विभाजन फैलाने का प्रयास भी है।
मानवाधिकार संगठन की चेतावनी
असेम्बली ऑफ ह्यूमन राइट्स एंड जस्टिस के चेयरमैन भीष्म सिंह ने प्रेस वार्ता में साफ-साफ कहा कि अगर अजय कुमार ने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संविधान की धारा 361 के अंतर्गत राज्यपाल के पद पर अनुचित टिप्पणियां करने पर रोक है, और इस धारा के तहत कानूनी कार्रवाई संभव है। भीष्म सिंह ने यह भी संकेत दिया कि जरूरत पड़ी तो धारा 356 (1) और 356 (2) के तहत मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
डॉ. अजय कुमार को चेतावनी
मानवाधिकार संगठन ने अजय कुमार को सलाह दी है कि संवैधानिक पदों का सम्मान किया जाना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता सोमेन कुमार और रॉकी सिंह ने भी इस बात पर जोर दिया कि रघुवर दास जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व पर ऐसे आरोप लगाना राजनीतिक लाभ के लिए असंवैधानिक तरीका है। उन्होंने कहा कि समाज में शांति बनाए रखने के लिए इस प्रकार की बयानबाजी पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।
क्या राजनीति में दरार की वजह बनेंगे ये आरोप?
राज्यपाल रघुवर दास पर डॉ. अजय के आरोपों के बाद इस मामले ने जमशेदपुर की सियासत को गर्म कर दिया है। अजय कुमार का आरोप और भीष्म सिंह की चेतावनी के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाएंगे। क्या अजय कुमार माफी मांगेंगे, या फिर यह मामला कानूनी मोड़ लेगा?
यह विवाद झारखंड की राजनीति में एक नई बहस का कारण बन गया है और इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में आगामी चुनावों में सियासी समीकरण कैसे बदलेंगे, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।
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