Jamshedpur Inspection: EVM वेयरहाउस की सुरक्षा जांच, उपायुक्त ने दिए सख्त निर्देश!

जमशेदपुर के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने EVM वेयरहाउस का निरीक्षण किया! चुनाव से पहले सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान, राजनीतिक दलों की मौजूदगी ने बढ़ाई हलचल! जानें पूरा मामला!

Mar 22, 2025 - 16:58
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Jamshedpur Inspection: EVM वेयरहाउस की सुरक्षा जांच, उपायुक्त ने दिए सख्त निर्देश!
Jamshedpur Inspection: EVM वेयरहाउस की सुरक्षा जांच, उपायुक्त ने दिए सख्त निर्देश!

जमशेदपुर में चुनावी हलचल तेज हो चुकी है। इसी कड़ी में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल ने कीताडीह स्थित EVM वेयरहाउस का विशेष निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, तकनीकी उपकरणों और कानून-व्यवस्था का बारीकी से जायजा लिया। इस निरीक्षण के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि—आखिर अब इस कड़ी निगरानी की जरूरत क्यों पड़ी?

EVM वेयरहाउस में क्या मिला?

उपायुक्त अनन्य मित्तल के इस औचक निरीक्षण के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए—

EVM मशीनों की स्थिति और रखरखाव की जांच की गई।
सीसीटीवी कैमरों की कार्यप्रणाली का परीक्षण किया गया।
तकनीकी उपकरणों की रिपोर्ट मंत्रिमंडल निर्वाचन विभाग, रांची को भेजने का निर्देश दिया गया।
सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश मिले।

इस निरीक्षण के बाद सवाल उठ रहे हैं—क्या यह एक रूटीन प्रक्रिया थी या इसके पीछे कोई बड़ी वजह है?

चुनावों से पहले क्यों हो रही कड़ी जांच?

भारत में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए EVM वेयरहाउस की सुरक्षा बेहद अहम होती है2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कई राज्यों में EVM से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे, जिसके बाद चुनाव आयोग ने कड़ी निगरानी के आदेश जारी किए

EVM वेयरहाउस में सीसीटीवी कैमरों की 24x7 निगरानी जरूरी है।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को निरीक्षण प्रक्रिया में शामिल किया जाता है।
प्रत्येक तीन महीने में EVM वेयरहाउस का त्रैमासिक निरीक्षण किया जाता है।

लेकिन इस बार चुनाव से ठीक पहले सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता क्यों बरती जा रही है? क्या प्रशासन को किसी गड़बड़ी की आशंका है?

राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि क्यों थे मौजूद?

इस निरीक्षण के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी ने और भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं—

क्या चुनाव आयोग को संभावित गड़बड़ी की आशंका थी?
क्या EVM की सुरक्षा को लेकर राजनीतिक दलों में अविश्वास बढ़ रहा है?
क्या जमशेदपुर में चुनावी गड़बड़ी की कोई साजिश हो रही है?

कितनी सुरक्षित हैं हमारी EVM मशीनें?

भारत में EVM मशीनों को दुनिया की सबसे सुरक्षित मतदान तकनीक माना जाता है। फिर भी, हर चुनाव से पहले इनकी सुरक्षा को लेकर विवाद उठते रहे हैं। 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद, EVM हैकिंग का मुद्दा जोरों पर था।

चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया था कि EVM मशीनों में छेड़छाड़ संभव नहीं है।
सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रत्येक वेयरहाउस में तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा होता है।
राजनीतिक दलों को नियमित निरीक्षण में शामिल किया जाता है।

फिर भी, सवाल बना रहता है—क्या जनता पूरी तरह EVM पर भरोसा कर सकती है?

उपायुक्त ने दिए सख्त निर्देश!

निरीक्षण के बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी अनन्य मित्तल ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए—
EVM वेयरहाउस की सुरक्षा को और मजबूत किया जाए।
हर गतिविधि की वीडियो रिकॉर्डिंग सुनिश्चित की जाए।
तकनीकी खामियों को तुरंत दूर किया जाए।
सभी रिपोर्ट रांची स्थित मंत्रिमंडल निर्वाचन विभाग को भेजी जाए।

अब सवाल यह उठता है कि—क्या यह निरीक्षण मात्र एक औपचारिकता थी या चुनावी धांधली से बचाव के लिए कोई बड़ा कदम?

अब आगे क्या होगा?

क्या चुनाव आयोग जमशेदपुर में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करेगा?
क्या राजनीतिक दलों की मांग पर EVM वेयरहाउस की निगरानी बढ़ेगी?
क्या इस निरीक्षण से EVM में गड़बड़ी के आरोपों पर विराम लगेगा?

जवाब तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन इतना तय है कि जमशेदपुर में चुनावी हलचल तेज हो चुकी है, और प्रशासन कोई भी जोखिम लेने के मूड में नहीं है!

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।