गोविंदपुर टिकरिया गांव में पकड़ा गया 8 फीट का मगरमच्छ, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस!

गोरखपुर के गोविंदपुर टिकरिया गांव में मगरमच्छ को पकड़ने में वन विभाग की टीम को मिली सफलता। जानें कैसे ग्राम प्रधान और ग्रामीणों ने किया सहयोग।

Oct 6, 2024 - 15:58
Oct 6, 2024 - 16:05
 0
गोविंदपुर टिकरिया गांव में पकड़ा गया 8 फीट का मगरमच्छ, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस!
गोविंदपुर टिकरिया गांव में पकड़ा गया 8 फीट का मगरमच्छ, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस!

गोरखपुर, 6 अक्टूबर 2024: गोरखपुर के चिलवाताल थाना क्षेत्र के मजनू चौकी अंतर्गत गोविंदपुर टिकरिया गांव में 27 सितंबर से दहशत का माहौल बना हुआ था। यहाँ तालाब में एक मगरमच्छ ने ग्रामीणों में भय का माहौल पैदा कर दिया था। आज, वन विभाग की टीम ने कड़ी मेहनत के बाद इस मगरमच्छ को पकड़ने में सफलता हासिल की।

27 सितंबर को यह मगरमच्छ राप्ती नदी से तालाब में आया। यह करीब 8 फीट लंबा था। पहले छोटे बच्चों ने मगरमच्छ को देखा था, लेकिन उनके परिजनों को इस पर विश्वास नहीं हुआ। जब परिजनों ने भी इसे देखा, तो गांव के प्रधान सुजीत सिंह ने तालाब के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था की। उन्होंने गांव के नागरिकों को मगरमच्छ की निगरानी के लिए लगाया और वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी।

मगरमच्छ को पकड़ने के लिए वन विभाग के अधिकारी प्रतिदिन प्रयास कर रहे थे, लेकिन तालाब में अत्यधिक पानी होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया। ग्राम प्रधान सुजीत सिंह ने एक हफ्ते से लगातार तालाब का पानी पंपिंग सेट से निकलवाने का कार्य किया। जब पानी कम हो गया, तब आज वन विभाग के प्रशिक्षु कर्मचारी कैंपियरगंज से तालाब में उतरे।

गांव के आस-पास के लोग मगरमच्छ को देखने के लिए भीड़ में इकट्ठा हो गए। इस भीड़ की सुरक्षा के लिए चौकी इंचार्ज अमित चौधरी और उनकी पूरी टीम सुरक्षा में तैनात रही। अंततः, आज दोपहर 3:15 बजे तालाब से मगरमच्छ को पकड़ लिया गया।

गांव के लोगों ने राहत की सांस ली। इस घटना ने सभी को यह सिखाया कि संयम और समर्पण से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है। अब गांव में शांति लौट आई है, और ग्रामीण अब बिना भय के अपने दैनिक कार्य कर सकते हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।