Bihar Election 2025 : बिहार में दो चरण का रण! 6-11 नवंबर को वोटिंग, 22 साल बाद वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण, 68.5 लाख नाम हटाए गए
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर दिया है। 243 सीटों पर 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी, मतगणना 14 नवंबर को। 22 साल बाद हुए विशेष पुनरीक्षण में 68.5 लाख नाम हटाए गए और 14 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के महा-संग्राम की शंखनाद हो चुका है! चुनाव आयोग ने आज शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 243 विधानसभा सीटों पर मतदान की तारीखों का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में इस बार चुनाव दो चरणों में होंगे, जो प्रमुख राजनीतिक दलों की मांगों के अनुरूप है।
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पहला चरण: 6 नवंबर
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दूसरा चरण: 11 नवंबर
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मतगणना (नतीजे): 14 नवंबर
यह चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का जरिया नहीं होगा, बल्कि लोकतंत्र के इतिहास में वोटर लिस्ट के सबसे बड़े शुद्धिकरण अभियान के बाद होने वाला पहला चुनाव होगा, जिसने 22 साल पुराने डेटा की अशुद्धियों को दूर किया है।
22 साल बाद शुद्ध हुई 'मतदाता सूची': 68.5 लाख नाम हटे
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस वार्ता में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के कार्यों को ऐतिहासिक बताया। यह वह पहलू है जिसने बिहार के इस चुनाव को बेहद खास बना दिया है।
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बड़ा शुद्धिकरण: 24 जून 2025 से शुरू हुए शुद्धिकरण कार्य के तहत बिहार की मतदाता सूची से रिकॉर्ड 68.5 लाख नाम हटाए गए। ये वे नाम थे जो डुप्लीकेट, मृत या स्थानांतरित हो चुके थे।
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नए नाम: इसके विपरीत, 21.53 लाख नए नाम जोड़े गए हैं।
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युवा शक्ति: सबसे रोमांचक आंकड़ा यह है कि 14 लाख मतदाता पहली बार मतदान करेंगे, जो बिहार के राजनीतिक भविष्य को तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि 22 साल बाद वोटर लिस्ट का यह व्यापक शुद्धिकरण हुआ है। 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची सभी राजनीतिक दलों को दे दी गई है, हालांकि अपील का विकल्प अब भी जिलाधिकारी के पास खुला है।
चुनाव आयोग के 17 नए प्रयोग और बदलाव
चुनाव आयोग इस बार बिहार चुनाव को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और सहज बनाने के लिए 17 नए प्रयोग कर रहा है।
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कम भीड़: भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हर केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता ही वोट कर सकेंगे, जिससे लंबी लाइन नहीं लगेगी।
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रंगीन पहचान: मतदाताओं की पहचान आसान बनाने के लिए, इस बार वोटर कार्ड में रंगीन (कलर्ड) फोटो लगाई जाएगी, जिसे मतदाताओं के आग्रह पर लागू किया गया है।
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पोलिंग बूथ पर सहूलियत: राजनीतिक पार्टियां अपने बूथ 100 मीटर की दूरी पर लगा सकेंगी, जिससे मतदान केंद्र के आसपास व्यवस्था बनी रहेगी।
बिहार का चुनावी माहौल अब पूरी तरह से गरमा चुका है। 6 और 11 नवंबर की तारीखें सत्ता और विपक्ष दोनों के लिए अग्निपरीक्षा साबित होंगी। 14 नवंबर को मतगणना के दिन ही यह तय होगा कि बिहार की जनता किसे अपना नया नेतृत्व सौंपती है।
आपकी राय में, 68.5 लाख नामों को मतदाता सूची से हटाने के इस ऐतिहासिक कदम का बिहार चुनाव के नतीजों पर क्या सबसे बड़ा असर पड़ सकता है?
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