Bhilai Municipal Corporation: पार्क की जमीन पर फर्जी दस्तावेजों से स्कूल भवन निर्माण, धोखाधड़ी का मामला दर्ज
भिलाई के कृष्णा पब्लिक स्कूल के संचालकों पर पार्क की जमीन पर फर्जी दस्तावेजों से स्कूल भवन निर्माण का आरोप, धोखाधड़ी का मामला दर्ज। जानें पूरी कहानी।
भिलाई में एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें कृष्णा एजुकेशन सोसायटी (कृष्णा पब्लिक स्कूल) के संचालकों पर पार्क की भूमि पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे स्कूल भवन का निर्माण करने का आरोप है। इस मामले में भिलाई नगर निगम के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत भी उजागर हुई है। शिकायतकर्ता ने इस पर कार्रवाई के लिए पुलिस से गुहार लगाई, जिसके बाद अब कृष्णा एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष, सचिव और नगर निगम भिलाई के अधिकारियों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
क्या था पूरा मामला?
सुपेला थाना क्षेत्र के नेहरू नगर स्थित कृष्णा पब्लिक स्कूल पर आरोप है कि 2007 में इस स्कूल ने नगर निगम अधिकारियों से मिलकर पार्क के लिए आरक्षित भूमि पर स्कूल भवन का निर्माण कर लिया। आरोप है कि इस भूमि का खसरा नंबर 836/837 था, जिसे बदलकर खसरा नंबर 306 कर दिया गया, जो पहले से ही स्कूल भवन के लिए आबंटित था। इसके बाद, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भवन अनुज्ञा प्राप्त की गई और एक साल बाद भवन पूर्णता प्रमाण पत्र भी जारी किया गया।
रवि शर्मा, जो इस मामले के शिकायतकर्ता हैं, ने बताया कि यह जमीन पहले उद्यान और पौधरोपण के लिए आबंटित की गई थी, लेकिन कृष्णा एजुकेशन सोसायटी ने इसे स्कूल के भवन निर्माण के लिए उपयोग कर लिया। इसके अलावा, आरोप है कि इस फर्जीवाड़े में नगर निगम भिलाई के कुछ अधिकारी भी शामिल थे, जिन्होंने मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए और निर्माण कार्य को वैध बनाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया।
कृष्णा एजुकेशन सोसायटी का फर्जीवाड़ा
रवि शर्मा के मुताबिक, कृष्णा एजुकेशन सोसायटी ने साल 1986 में मध्यप्रदेश सरकार से 60000 वर्गफीट भूमि का आबंटन लिया था, जिसे 2005 में छत्तीसगढ़ शासन ने उद्यान के लिए आरक्षित किया। लेकिन 2007 में कृष्णा पब्लिक स्कूल के अधिकारियों ने नगर निगम भिलाई के अधिकारियों से मिलकर इस भूमि का खसरा नंबर बदलवाया और इसे स्कूल भवन बनाने के लिए इस्तेमाल किया। इस कार्रवाई में एक साल बाद भवन पूर्णता प्रमाण पत्र भी जारी किया गया और वर्ष 2012 में इसे नियमित भी करवा लिया गया।
शिकायत के बावजूद कार्रवाई का अभाव
रवि शर्मा ने बताया कि जब यह मामला सामने आया, तो उन्होंने 2016 में नगर निगम भिलाई को शिकायत दी थी। इसके बाद इस मामले की जांच भी की गई, लेकिन किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने उच्चतम न्यायालय का हवाला देते हुए कहा कि पार्क और उद्यान के लिए आरक्षित भूमि पर निर्माण कार्य करना एक गंभीर अपराध है, और इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए थी।
रवि शर्मा ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि, "यह मामला भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का प्रतीक है, और यदि इस पर तुरंत कार्रवाई नहीं की जाती, तो यह अन्य लोगों को भी इसी तरह के अपराधों को अंजाम देने के लिए प्रेरित करेगा।"
कृष्णा पब्लिक स्कूल के संचालकों पर धोखाधड़ी का मामला
रवि शर्मा की शिकायत के बाद अब पुलिस ने कृष्णा पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष एमएम त्रिपाठी, सचिव प्रमोद त्रिपाठी, वास्तुविद आरके पटेल और नगर निगम भिलाई के अधिकारियों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। अब पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की है।
नियमों की अवहेलना और भ्रष्टाचार का खुलासा
यह मामला एक बार फिर से यह सवाल उठाता है कि क्या सरकारी अधिकारियों और अधिकारियों का भ्रष्टाचार इस तरह से लोगों को कानून के खिलाफ कार्य करने के लिए प्रेरित करता है? इस मामले में नियमों की अवहेलना और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करना इस बात का प्रतीक है कि कैसे कुछ लोग निजी लाभ के लिए सरकारी नियमों और जमीनों का गलत उपयोग करते हैं।
भिलाई का यह मामला न केवल भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब तक आम नागरिक और शिकायतकर्ता अपनी आवाज नहीं उठाते, तब तक व्यवस्था में सुधार की कोई संभावना नहीं होती। इस मामले में अब पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही दोषियों को सजा मिलेगी।
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