Jarmundi Farmer Loss: जरमुंडी में असामाजिक तत्वों ने खलिहान में लगाई आग, किसान की मेहनत जलकर हुई राख

जरमुंडी के किसान उमाशंकर यादव की मेहनत पर हुआ दोहरा वार, खलिहान में लगी आग से धान और पुआल जलकर राख। जानें पूरी घटना और किसान की स्थिति।

Dec 29, 2024 - 15:57
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Jarmundi Farmer Loss: जरमुंडी में असामाजिक तत्वों ने खलिहान में लगाई आग, किसान की मेहनत जलकर हुई राख
Jarmundi Farmer Loss: जरमुंडी में असामाजिक तत्वों ने खलिहान में लगाई आग, किसान की मेहनत जलकर हुई राख

जरमुंडी के किसान उमाशंकर यादव के लिए यह एक दुखद और कष्टकारी घटना है, जब असामाजिक तत्वों ने उनके खलिहान में आग लगा दी, जिससे उनकी पूरी मेहनत जलकर राख हो गई। बटाई पर खेती करने वाले उमाशंकर यादव ने पिछले कुछ महीने में अपने खेत में धान लगाया था और उपज होने के बाद उन्होंने उसे सुरक्षित रखने के लिए जरमुंडी मध्य विद्यालय के पीछे खलिहान में रखा था। लेकिन किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनकी मेहनत को तबाह कर दिया।

क्या हुआ खलिहान में?

उमाशंकर यादव ने बताया कि वे दूसरे किसान के खेत पर बटाई पर खेती कर रहे थे और अपने धान की फसल को जरमुंडी मध्य विद्यालय के पीछे स्थित खलिहान में सुरक्षित रखे हुए थे। दो-चार दिन के भीतर ही उन्हें धान की फसल झड़ने वाली थी, लेकिन अचानक किसी असामाजिक तत्व ने उनके खलिहान में आग लगा दी। इस आग ने उनके पूरे धान और पुआल को जलाकर राख कर दिया। अब किसान यादव के पास अपनी पूरी फसल का नुकसान हो चुका है, और साथ ही वह यह भी नहीं समझ पा रहे हैं कि वह जिस किसान के खेत पर काम कर रहे थे, उसे इस नुकसान का कैसे जवाब देंगे।

किसान की स्थिति और आक्रोश

किसान उमाशंकर यादव के लिए यह नुकसान बेहद भारी है। उनका कहना है कि “मेरे पास इस नुकसान का कोई जवाब नहीं है। मैं जिस किसान के खेत पर काम कर रहा था, अब मुझे उसे इस नुकसान के बारे में बताना है। यह मेरे लिए बहुत बड़ी क्षति है और मुझे समझ नहीं आ रहा कि यह कैसे हुआ। मैं तो सिर्फ अपने काम में व्यस्त था, लेकिन किसी ने मेरी मेहनत को इस तरह से नष्ट कर दिया।”

यह घटना उनके लिए एक प्रकार से दोहरा मार साबित हो रही है, क्योंकि न केवल उनकी मेहनत जलकर राख हुई है, बल्कि अब उन्हें यह भी सोचना पड़ रहा है कि वह जिस किसान के लिए काम कर रहे थे, उसकी क्षति की भरपाई कैसे करेंगे।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन

किसान उमाशंकर यादव की इस घटना को लेकर स्थानीय समाजसेवी निरंजन मंडल और जरमुंडी आंचल के पदाधिकारियों ने उनका साथ दिया है। निरंजन मंडल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए स्थानीय प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक किसान का नुकसान नहीं है, यह पूरे समुदाय का नुकसान है। हमें सरकार और प्रशासन से तत्काल मुआवजा चाहिए ताकि किसान को कुछ राहत मिल सके।”

इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों और समाजसेवियों ने भी मिलकर किसानों के पक्ष में आवाज उठाई है। समाजसेवियों ने कहा कि यह घटना केवल एक किसान के लिए नहीं, बल्कि क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए भी एक चेतावनी है। ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जो किसानों की मेहनत को नुकसान पहुंचाते हैं।

कृषि पर बढ़ते संकट और असामाजिक तत्वों की भूमिका

यह घटना क्षेत्र के किसानों के लिए एक नई चुनौती पैदा करती है। पहले से ही देशभर में किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, मौसम के उतार-चढ़ाव, और बाजार में धान की कीमतों में कमी जैसे संकटों का सामना करना पड़ रहा है। अब ऐसे असामाजिक तत्वों के कारण किसानों की मेहनत पर भी सवाल उठने लगे हैं। इस तरह की घटनाएं न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करती हैं, बल्कि उनके मानसिक दबाव को भी बढ़ाती हैं।

क्या है प्रशासन की भूमिका?

अब सवाल यह उठता है कि प्रशासन इस तरह की घटनाओं पर क्या कदम उठाएगा? क्या असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो? कृषि मंत्रालय और राज्य सरकार को चाहिए कि वे किसानों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं और ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान करें।

जरमुंडी के किसान उमाशंकर यादव की मेहनत जलकर राख हो गई, और इस घटना ने यह साबित कर दिया कि आज भी हमारे समाज में कुछ असामाजिक तत्व हैं जो मेहनत करने वाले किसानों को परेशान करने से नहीं चूकते। सरकार और प्रशासन से किसानों के लिए जल्द मुआवजे की मांग की जा रही है, ताकि वे इस आर्थिक संकट से उबर सकें। इस मामले में उचित कार्रवाई न केवल किसानों की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि यह पूरे कृषि क्षेत्र के लिए एक संदेश भी होगा कि ऐसे कृत्य बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।