Durg DSP Rape Case : Durg में DSP का गंदा खेल: महिला से रेप का सनसनीखेज आरोप

दुर्ग में एक डॉक्टर की पत्नी ने डीएसपी तोमेश वर्मा पर रेप का आरोप लगाया। घर में अकेली पाकर वारदात को अंजाम दिया। जानें, पुलिस ने क्या कार्रवाई की।

Dec 23, 2024 - 09:53
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Durg DSP Rape Case : Durg में DSP का गंदा खेल: महिला से रेप का सनसनीखेज आरोप

दुर्ग: कानून के रक्षक जब भक्षक बन जाएं, तो आम आदमी किस पर विश्वास करे? छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सुकमा जिले के जगरगुंडा में पदस्थ डीएसपी तोमेश वर्मा पर रेप का गंभीर आरोप लगा है। पीड़िता, जो एक डॉक्टर की पत्नी है, ने मोहन नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला?

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि घटना 31 अगस्त 2024 की शाम की है।

  • आरोपी की पहचान: तोमेश वर्मा, वर्तमान में सुकमा के जगरगुंडा में एसडीओपी के पद पर तैनात।
  • रिश्तेदारी का बहाना: आरोपी पीड़िता के परिवार का रिश्तेदार है और पहले भी उनके घर आ चुका था।

पीड़िता के अनुसार, घटना के दिन उनके पति घर पर नहीं थे। यह जानते हुए भी आरोपी घर में जबरन घुस गया।

घटना का दर्दनाक विवरण

शिकायत के अनुसार:

  • आरोपी ने पीड़िता के साथ जबरदस्ती की।
  • विरोध करने पर मारपीट भी की और महिला से जबरन संबंध बनाए।
  • घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया।

महिला का मानसिक आघात और देर से शिकायत का कारण

घटना के बाद, पीड़िता और उनके पति ने लोकलाज और समाज के डर से तुरंत शिकायत दर्ज नहीं कराई। लेकिन लगातार बढ़ते मानसिक दबाव के चलते, महिला ने अपने पति के कहने पर थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस की कार्रवाई

मोहन नगर पुलिस ने इस मामले में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है:

  • धारा 115(2): आपराधिक अतिचार।
  • धारा 351(2): शारीरिक हमला।
  • धारा 64: यौन उत्पीड़न।

जांच के लिए पुलिस टीम ने घटना स्थल और संबंधित साक्ष्यों को जुटाना शुरू कर दिया है।

आरोपी DSP का इतिहास

तोमेश वर्मा की छवि एक अनुशासित पुलिस अधिकारी की थी।

  • 2020 में वह दुर्ग में प्लॉट खरीदने के सिलसिले में पीड़िता के घर रुका था।
  • उसकी हरकतों को लेकर पहले भी परिवार ने आपत्ति जताई थी।

महिला सुरक्षा पर उठे सवाल

यह घटना न केवल पुलिस तंत्र की कमजोरी को उजागर करती है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करती है।

  • पीड़िता ने जिस व्यक्ति को परिवार का हिस्सा समझा, उसने ही उसके विश्वास को तोड़ा।
  • कानून की रक्षा करने वाला अधिकारी खुद कानून तोड़ रहा है।

महिलाओं के खिलाफ अपराध की स्थिति

छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या बढ़ रही है।

  • एनसीआरबी रिपोर्ट 2023: राज्य में पिछले साल 20% अधिक यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज हुए।
  • कई मामलों में पीड़ितों को न्याय पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।

विशेषज्ञों की राय

मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि महिलाओं को जागरूक और आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है।

  • रिपोर्ट दर्ज करने में देरी: ऐसे मामलों में रिपोर्टिंग में देरी से न्याय प्रक्रिया प्रभावित होती है।
  • सख्त कानूनों की जरूरत: पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष प्रावधान लाने की आवश्यकता है।

आगे की कार्रवाई

मोहन नगर पुलिस ने कहा है कि आरोपी के खिलाफ जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।

  • साक्ष्य जुटाने का काम जारी।
  • पीड़िता और उनके पति के बयान दर्ज कर लिए गए हैं।

जनता के लिए संदेश

यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि अपराधी किसी भी रूप में हो सकते हैं, चाहे वे कानून के रक्षक ही क्यों न हों। महिलाओं को सतर्क रहना होगा और अपराध के खिलाफ आवाज उठानी होगी।

क्या कहता है आपका दिल? क्या ऐसे अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए? अपनी राय दें और इस खबर को अधिक से अधिक शेयर करें।

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