Apollo Tyres Deal: भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर अब दिखेगा नया स्पॉन्सर, ड्रीम-11 से अलग होकर बड़ा बदलाव!
ड्रीम-11 से अलग होने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को नया जर्सी स्पॉन्सर मिल गया है। अपोलो टायर्स अब 2027 तक टीम इंडिया की जर्सी पर दिखेगा। जानिए कितने करोड़ में हुई यह डील और इसका क्या असर पड़ेगा।
16 सितंबर 2025 को भारतीय क्रिकेट में बड़ा बदलाव सामने आया। ड्रीम-11 से अलग होने के बाद अब टीम इंडिया को नया जर्सी स्पॉन्सर मिल गया है। अपोलो टायर्स ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ 2027 तक का करार किया है। इसके तहत अब टीम इंडिया की जर्सी पर अपोलो टायर्स का लोगो दिखाई देगा। यह करार ड्रीम-11 के साथ समाप्त हुए अनुबंध के बाद किया गया है। बीसीसीआई ने यह कदम ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम 2025 के लागू होने के बाद उठाया।
ड्रीम-11 के साथ बीसीसीआई की डील खत्म हो गई थी। ड्रीम-11 बीसीसीआई को प्रति मैच 4 करोड़ रुपये देता था। वहीं अपोलो टायर्स प्रति मैच लगभग 4.5 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। यह डील ड्रीम-11 की तुलना में अधिक लाभकारी मानी जा रही है। भारत का इंटरनेशनल क्रिकेट शेड्यूल बहुत व्यस्त रहेगा। 2027 तक भारत लगभग 130 मैच खेलेगा। इससे अपोलो टायर्स को वैश्विक पहचान मिलने की संभावना है।
फिलहाल, भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम एशिया कप 2025 में बिना स्पॉन्सर के खेल रही है। वहीं महिला टीम भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही वनडे सीरीज में बिना स्पॉन्सर खेल रही है। यह देखना बाकी है कि आगामी महिला वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जर्सी पर अपोलो टायर्स का नाम होगा या नहीं। यह टूर्नामेंट 30 सितंबर से भारत और श्रीलंका द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा।
डील रद्द होने की वजह भी सामने आई है। ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम 2025 पारित होने के बाद बीसीसीआई और ड्रीम-11 का करार समाप्त कर दिया गया। संसद ने नए कानून में ऑनलाइन पैसे वाले गेम पर प्रतिबंध लगाया। साथ ही ऐसे खेलों के विज्ञापनों पर रोक लगाई गई। बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसे गेम के लिए पैसा ट्रांसफर करने से भी रोका गया।
बीसीसीआई ने कहा कि वह नियमों का पालन करते हुए टीम इंडिया के लिए बेहतर विकल्प तलाश रहा है। वहीं, अपोलो टायर्स की डील से क्रिकेट और व्यापार दोनों क्षेत्रों में नए बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इस डील से भारतीय क्रिकेट को वित्तीय मजबूती भी मिलेगी। साथ ही, यह कदम खेल को जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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