AAP MLA Meeting with Arvind Kejriwal: दिल्ली में केजरीवाल की पंजाब विधायकों के साथ मीटिंग खत्म, भगवंत मान पर हुआ ये फैसला
अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली में पंजाब के मुख्यमंत्री और विधायकों के साथ बैठक की। जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। ये बैठक दिल्ली चुनाव के परिणाम के बाद हुई है।
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अरविन्द केजरीवाल लेटेस्ट न्यूज: दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद आम आदमी पार्टी का पंजाब की सियासत में भी हलचल तेज हो गई है। पंजाब में कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि आप पार्टी के 30 विधायक पाला बदलने जा रहे है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आनन फानन में दिल्ली में एक बैठक बुलाई। यह बैठक दिल्ली स्थित कपूरथला में हुई। बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप विधायक शामिल हुए। बैठक में एकता बनाए रखने से लेकर सरकार चलाने पर चर्चा हुई। वहीं 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी मंथन हुआ।
अरविंद केजरीवाल को किस बात का सता रहा डर
पंजाब के मुख्यमंत्री सुबह 9.30 बजे दिल्ली के लिए रवाना हुए। इसके बाद वो सीधे कपूरथला गए। जहां अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक शुरू हुई। ये बैठक 30 मिनट तक चली। बैठक में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ही रहेंगे। जिन विधायको को किसी बात को लेकर समस्या है वो अपनी बात रख सकते है। केजरीवाल ने आगे कहा कि हमारा अगला लक्ष्य यह है कि 2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव को कैसे जीतना है। इसके लिए रणनीति अभी से बनानी होगी। जो गलतियां हमसे दिल्ली चुनाव में हुई है। उस पर हम मंथन कर रहे है। ऐसी गलती पंजाब चुनाव के दौरान ना हो। बैठक से निकलने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली के लोग हमें कहते है कि हमने जो काम किए है। वो 75 सालों में भी नही हुआ है। अस्पताल ,स्कूल सब बनवाए है।
हार का ठीकरा पंजाब मंत्रियों के सिर क्यों फूटा
दिल्ली में बैठक के दौरान करीब 94 विधायक मौजूद थे। इसमें अमृतसर, लुधियाना, जालंधर और बॉर्डर बेल्ट के कई ऐसे विधायक थे। जो पिछले कुछ महीने से सीएम से नाराज थे। जानकारी के अनुसार केजरीवाल ने सभी विधायकों से बात करके उन्हे मना लिया है। दरअसल खबर थी कि मंत्री अमन अरोड़ा को सीएम बनाने के लिए बात जोर पकड़ रही थी। केजरीवाल ने साफ किया कि कांग्रेस और बीजेपी इसी रणनीति में जुटी है कि पंजाब की सरकार गिर जाए। वहीं केजरीवाल ने दिल्ली की हार का ठीकरा पंजाब के मंत्रियों के सिर फोड़कर अपने सियासत के वर्चस्व को बरकरार रखना चाहते है। जबकि दिल्ली की हार केजरीवाल की अपनी नीतियों के चलते हुई है।
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